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प्रदूषण के कारण थम सकता है गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास, जानिए डॉ. की सलाह - ghaziabad news

दिवाली पर पटाखों के शोर से महिलाओं के गर्भ में पल रहा बच्चा सहम जाता है. जिससे गर्भपात और प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बना रहता है.

दिवाली पर रखे गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान
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Published : Oct 22, 2019, 1:06 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण स्तर से शहर वासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के आसपास प्रदूषण स्तर और बढ़ सकता है.

दिवाली पर रखे गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान
दिवाली के आसपास गर्भवती महिलाओं को किस तरह अपना ख्याल रखना चाहिए, इसी को लेकर ही ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल की चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. दीपा त्यागी से बातचीत की.

कम ऑक्सीजन मिलने से बच्चे की सेहत पर पडे़गा असर
डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को बढ़ते प्रदूषण स्तर और दीपावली के पटाखों से निकलने वाले धुएं से दो नुकसान हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं को दिवाली के समय घर के अंदर रहना चाहिए क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. और इस प्रदूषित वायु में सांस लेने से उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को आवश्यक ऑक्सीजन नही मिलेगी. जिसका सीधा प्रभाव बच्चे की सेहत पर पड़ता है.

पटाखों के शोर डर जाता है बच्चा
डॉक्टर दीपा त्यागी ने बताया कि पटाखों का शोर बहुत अधिक होता है. जिससे महिलाओं के गर्भ में पल रहा बच्चा सहम जाता है. जिससे गर्भपात और प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बना रहता है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाओं को मास्क का प्रयोग करना चाहिए जिससे सांस के साथ धूल फेफड़ों में ना पहुंचे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण स्तर से शहर वासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के आसपास प्रदूषण स्तर और बढ़ सकता है.

दिवाली पर रखे गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान
दिवाली के आसपास गर्भवती महिलाओं को किस तरह अपना ख्याल रखना चाहिए, इसी को लेकर ही ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल की चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. दीपा त्यागी से बातचीत की.

कम ऑक्सीजन मिलने से बच्चे की सेहत पर पडे़गा असर
डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को बढ़ते प्रदूषण स्तर और दीपावली के पटाखों से निकलने वाले धुएं से दो नुकसान हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं को दिवाली के समय घर के अंदर रहना चाहिए क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. और इस प्रदूषित वायु में सांस लेने से उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को आवश्यक ऑक्सीजन नही मिलेगी. जिसका सीधा प्रभाव बच्चे की सेहत पर पड़ता है.

पटाखों के शोर डर जाता है बच्चा
डॉक्टर दीपा त्यागी ने बताया कि पटाखों का शोर बहुत अधिक होता है. जिससे महिलाओं के गर्भ में पल रहा बच्चा सहम जाता है. जिससे गर्भपात और प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बना रहता है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाओं को मास्क का प्रयोग करना चाहिए जिससे सांस के साथ धूल फेफड़ों में ना पहुंचे.

Intro:दिल्ली एनसीआर का दिल कहे जाने वाले ग़ाज़ियाबाद में बढ़ते प्रदूषण स्तर से शहर वासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के आसपास प्रदूषण स्तर में वृद्धि हो सकती है.Body:

दिवाली के आसपास गर्भवती महिलाओं को किस तरह अपना ख्याल रखना चाहिए इसी को लेकर ही ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल की चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ दीपा त्यागी से बातचीत की.

डॉ दीपा त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को बढ़ते प्रदूषण स्तर और दीपावली के पटाखों से निकलने वाले धुएं से दो नुकसान हो सकते हैं.


उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं को दिवाली के समय घर के अंदर रहना चाहिए क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है और इस प्रदूषित वायु में सांस लेने से उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को आवश्यक ऑक्सीजन नही मिलेगी जिसका सीधा प्रभाव बच्चे की सेहत पर पड़ता है.

डॉक्टर दीपा त्यागी ने बताया कि पटाखों का शोर बहुत अधिकहोता है जिससे महिलाओं के गर्भ में पल रहा बच्चा सहम जाता है जिससे गर्भपात एवं प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बना रहता है.

Conclusion:उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाओं को मास्क का प्रयोग करना चाहिए जिससे सांस के साथ धूल फेफड़ों में ना पहुंचे. गर्भ में पल रहे बच्चे को ऑक्सीजन ना मिलने के कारण बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है.

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