नई दिल्ली/गाजियाबाद: 3 जनवरी को मुरादनगर के श्मशान घाट में हुए हादसे में 25 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. इस मामले में मुरादनगर नगरपालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी सहित अन्य दो अधिकारियों को आरोपी मानते हुए जेल भेज दिया गया था, जिसके बाद से आज तक मुरादनगर नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई पाई है.
फिलहाल मोदीनगर उप जिलाधिकारी द्वारा नगर पालिका परिषद का कार्यभार देखा जा रहा है, लेकिन व्यस्तता के चलते वह मुरादनगर नहीं आ पाते हैं. ऐसे में सभासद का आरोप है कि मुरादनगर के विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं और वह अपनी समस्या या मांग को लेकर किससे बात करें यह भी समझ नहीं पा रहे हैं.
अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति की मांग
मुरादनगर नगर पालिका परिषद वार्ड नंबर 15 के सभासद मनोज सहरावत ने बताया कि श्मशान घाट हादसे के बाद नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऐसे में इसका चार्ज उप जिलाधिकारी के पास है, लेकिन वह पूरे तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं. इसीलिए वह शासन से मांग करते हैं कि जल्द मुरादनगर में अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जिससे यहां की जनता और सभासद अपनी बात उनके सामने रख सकें.
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मुरादनगर में नहीं हो रहा कोई भी विकास कार्य
सभासद का कहना है कि जब तक अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो जाती है. तब तक मुरादनगर में कोई भी विकास कार्य सही तरीके से और कोरोना महामारी में सेनेटाइजेशन सही से नहीं हो पाएगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड मीटिंग में मुरादनगर के विकास कार्यों को लेकर प्रस्ताव पास किए थे, लेकिन अभी तक उप जिलाधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और न ही अभी तक कोई टेंडर हो पाए हैं.