नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुलंदशहर में किसान आंदोलन के बीच तैनात हादसे का शिकार हुए दोनों पीएसी के जवान गाजियाबाद के रहने वाले थे. इन्हीं में से गाजियाबाद के मसूरी में रहने वाले मृतक जवान प्रवीण का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा, तो कोहराम मच गया. पूरे इलाके में गम का माहौल था, प्रवीण के भाई के मुताबिक साल 2019 में प्रवीण ने पीएसी ज्वाइन की थी.
वह देश के लिए कुछ करना चाहते थे. लेकिन बुलंदशहर में हुए सड़क हादसे ने उनकी जान ले ली. कुछ समय पहले किसान आंदोलन में पीएसी की तैनाती भी की गई थी. उसी तैनाती में प्रवीण का भी नाम था, प्रवीण की तरह गाजियाबाद के भोजपुर इलाके के रहने वाले सिपाही की भी इसी हादसे में मौत हुई. पीएसी में तैनात इस दूसरे सिपाही का नाम भी प्रवीण ही था. दोनों की मौत ने पूरे गाजियाबाद जिले की आंखें नम कर दी हैं. दोनों सिपाहियों को अधिकारियों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
21 साल के बेटे के लिए संजोए थे सपने
मसूरी निवासी प्रवीण के परिवार ने बताया कि उनकी उम्र महज 21 साल थी. उनके लिए परिवार ने काफी सपने संजोए थे. उनकी शादी के लिए भी सपने थे, लेकिन अचानक से आई इस खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है. परिवार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सहायता राशि की घोषणा की गई है. पीएसी के अधिकारी भी परिवार से मुलाकात करने के लिए आए थे.
दोनों बेटों पर है गर्व
गाजियाबाद के मसूरी और भोजपुर के लोग दोनों जवानों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि दोनों बेटों पर गर्व है. ड्यूटी के दौरान कर्तव्य निभाते हुए दोनों जवान इस दुनिया को अलविदा कह गए.