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गाजियाबाद: निर्माण कार्यों पर बैन से भुखमरी की कगार पर दिहाड़ी मजदूर

आंखों में आंसू लिए एक मजदूर का कहना था कि लंबे समय से काम ना मिलने के कारण बच्चों का स्कूल जाना छूट गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्माण कार्यों पर लगाई गई है. जिसके चलते गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के दिहाड़ी मजदूर भुखमरी की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं.

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Published : Nov 27, 2019, 3:05 PM IST

गाजियाबाद ग्रेप लागू, pollution
देहाड़ी मजदूर परेशान

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली एनसीआर में तमाम निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. जिसके चलते दिहाड़ी मजदूरों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि निर्माण कार्यों पर रोक लगने से उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना चुनौती बनती जा रही है.

भुखमरी की कगार पर आए दिहाड़ी मजदूर

परेशानी का सबब बना 'ग्रेप'
बढ़ते प्रदूषण स्तर पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी 'ग्रेप' को लागू कर दिया गया था. साथ ही तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई थी और तमाम कंस्ट्रक्शन साइट्स को पूर्णता बंद कर दिया गया था.

निर्माण कार्य पर रोक से मजदूर बेहाल
ऐसे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले मजदूरों का किस तरह से पालन पोषण हो रहा है. इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम नासिरपुर रेलवे फाटक स्थित लेबर मंडी पहुंची.

'काम ना मिलने से बच्चों का स्कूल छूट गया'
मजदूरों का कहना था कि आमतौर पर सुबह के समय उन्हें काम मिल जाता था, लेकिन अब पूरा दिन यहीं बीत जाता है और शाम को खाली हाथ निराश होकर घर लौटना पड़ता है. आंखों में आंसू लिए एक मजदूर का कहना था कि वो अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों की पढ़ाई मजदूरी करके चलाता था, लेकिन लंबे समय से काम ना मिलने के कारण बच्चों का स्कूल जाना छूट गया है.

'हाथ आती है सिर्फ निराशा'
गाजियाबाद में अलग-अलग शहरों से मजदूर काम की तलाश में आते हैं लेकिन काम ना होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा लगती है. मजदूरों का कहना था कि अगर निर्माण कार्य पर लगी रोक हट जाती है, तो वो अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकते हैं.

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्माण कार्यों पर लगाई गई है. रोक से गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के दिहाड़ी मजदूर भुखमरी की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली एनसीआर में तमाम निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. जिसके चलते दिहाड़ी मजदूरों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि निर्माण कार्यों पर रोक लगने से उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना चुनौती बनती जा रही है.

भुखमरी की कगार पर आए दिहाड़ी मजदूर

परेशानी का सबब बना 'ग्रेप'
बढ़ते प्रदूषण स्तर पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी 'ग्रेप' को लागू कर दिया गया था. साथ ही तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई थी और तमाम कंस्ट्रक्शन साइट्स को पूर्णता बंद कर दिया गया था.

निर्माण कार्य पर रोक से मजदूर बेहाल
ऐसे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले मजदूरों का किस तरह से पालन पोषण हो रहा है. इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम नासिरपुर रेलवे फाटक स्थित लेबर मंडी पहुंची.

'काम ना मिलने से बच्चों का स्कूल छूट गया'
मजदूरों का कहना था कि आमतौर पर सुबह के समय उन्हें काम मिल जाता था, लेकिन अब पूरा दिन यहीं बीत जाता है और शाम को खाली हाथ निराश होकर घर लौटना पड़ता है. आंखों में आंसू लिए एक मजदूर का कहना था कि वो अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों की पढ़ाई मजदूरी करके चलाता था, लेकिन लंबे समय से काम ना मिलने के कारण बच्चों का स्कूल जाना छूट गया है.

'हाथ आती है सिर्फ निराशा'
गाजियाबाद में अलग-अलग शहरों से मजदूर काम की तलाश में आते हैं लेकिन काम ना होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा लगती है. मजदूरों का कहना था कि अगर निर्माण कार्य पर लगी रोक हट जाती है, तो वो अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकते हैं.

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्माण कार्यों पर लगाई गई है. रोक से गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के दिहाड़ी मजदूर भुखमरी की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं.

Intro:बढ़ते प्रदूषण स्तर पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप को लागू कर दिया गया था साथ ही तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई थी साथ ही तमाम कंस्ट्रक्शन साइट्स को पूर्णता बंद कर दिया गया था.


Body:ऐसे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले मजदूरों का किस तरह से पालन पोषण हो रहा है इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम नासिरपुर रेलवे फाटक स्थित लेबर मंडी पहुंची. दिहाड़ी मजदूरों का कहना था कि निर्माण कार्यों पर रोक लगने से उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना चुनौती बनती जा रही है. मजदूरों का कहना था कि आमतौर पर सुबह के समय उन्हें काम मिल जाता था लेकिन अब पूरा दिन यही बीत जाता है और शाम को खाली हाथ निराश होकर घर लौटना पड़ता है. आंखों में आंसू लिए एक मजदूर का कहना था कि वह अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों की पढ़ाई मजदूरी करके चलाता था लेकिन लंबे समय से काम न मिलने के कारण बच्चों का स्कूल जाना छूट गया है.

गाजियाबाद में अलग-अलग शहरों से मजदूर काम की तलाश में आते हैं लेकिन काम ना होने की वजह से उनके हाथ सिर्फ निराशा लगती है. मजदूरों का कहना था कि अगर निर्माण कार्य पर लगी रोक हट जाती है तो वह अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकते हैं.




Conclusion:बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्माण कार्यों पर लगाई गई रोक से गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के दिहाड़ी मजदूर भुखमरी की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं.

वीडियो अलग से भेजी है: labour_HD
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