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सावन के आखिरी सोमवार, गाजियाबाद के दूधेश्वर मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

हिंदी कैलेंडर का पांचवा महीने सावन (Sawan) का होता है. सावन के महीने को पवित्र महीना माना जाता है. इस पूरे महीने में हर दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक करने से प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. आज आखिरी सोमवार को गाजियाबाद (Ghaziabad) के दूधेश्वर मंदिर (Dudheshwar temple) में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

last Monday of Sawan
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Published : Aug 8, 2022, 11:05 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज सावन का आखिरी सोमवार (last Monday of Sawan) है. देशभर में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शंकर की पूजा हो रही है. इसी कड़ी में गाजियाबाद (Ghaziabad) के दूधेश्वर नाथ मंदिर मठ (Dudheshwar temple) में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त दूर-दूर से अपने अराध्य के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर भगवान भोलेनाथ भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.

दूधेश्वर नाथ मंदिर (Dudheshwar Nath Temple) को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यहां पर रावण और रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने भी यहां पूजा-अर्चना की थी. बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर एक टीला था जहां पर एक गाय दूध देती थी. बाद में यहां पर भगवान दूधेश्वर प्रकट हुए.

दूधेश्वर मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

सावन के आखिरी सोमवार होने के चलते पुलिस गाजियाबाद पुलिस ने सुरक्षा और ट्रैफिक के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दूधेश्वर मंदिर की तरफ आने वाले ट्रैफिक को फिलहाल के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. यहां पर पुलिस फोर्स भी तैनात है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज सावन का आखिरी सोमवार (last Monday of Sawan) है. देशभर में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शंकर की पूजा हो रही है. इसी कड़ी में गाजियाबाद (Ghaziabad) के दूधेश्वर नाथ मंदिर मठ (Dudheshwar temple) में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त दूर-दूर से अपने अराध्य के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर भगवान भोलेनाथ भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.

दूधेश्वर नाथ मंदिर (Dudheshwar Nath Temple) को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यहां पर रावण और रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने भी यहां पूजा-अर्चना की थी. बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर एक टीला था जहां पर एक गाय दूध देती थी. बाद में यहां पर भगवान दूधेश्वर प्रकट हुए.

दूधेश्वर मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

सावन के आखिरी सोमवार होने के चलते पुलिस गाजियाबाद पुलिस ने सुरक्षा और ट्रैफिक के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दूधेश्वर मंदिर की तरफ आने वाले ट्रैफिक को फिलहाल के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. यहां पर पुलिस फोर्स भी तैनात है.

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