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गाजियाबादः प्रवासी कामगारों के घर लौटने से रेस्टोरेंट्स कारोबार पर छाए संकट के बादल

कोरोना महामारी का सबसे अधिक असर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ा है. लॉकडाउन, कर्फ्यू की वजह से होटल, रेस्टोरेंट आदि काफी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में यहा काम करने वाले कारीगर व कर्मचारी घरों को वापस जा रहे हैं.

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खाली पड़े रेस्टोरेंट
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Published : Apr 20, 2021, 8:53 PM IST

Updated : May 17, 2021, 3:20 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबादः कोरोना संकट की वजह से होटल और रेस्टोरेंट कारोबार पर फिर से मुश्किल के बादल गहरा गए हैं. गाजियाबाद में अधिकतर रेस्टोरेंट्स और होटल्स में काम करने वाले कारीगर लॉकडाउन के डर से होमटाउन जा रहे हैं. इससे खाना बनाने से लेकर होटल में साफ-सफाई करने वालों की कमी हो गई है. मोहन नगर स्थित रेस्टोरेंट् के मैनेजर संजय कुमार ने बताया कि खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई करने वाले अधिकतर स्टाफ के लोग लॉकडाउन के डर से वापस घर चले गए हैं. वहीं, डीएम का आदेश है कि रेस्टोरेंट्स में बैठकर खाने की इजाजत नहीं है. ऑनलाइन डिलीवरी का काम काफी कम है, इसलिए धंधा चौपट हो रहा है.

रेस्टोरेंट्स कारोबार पर छाए संकट के बादल
आमदनी हुई कमरेहड़ी पर फूड बेचने वालों पर भी यही नियम लागू होता है. रेहड़ी पर छोले भटूरे बेचने वाले रामजीत यादव का कहना है कि छोले-भटूरे पैक करके बेचे जा रहे हैं. किसी भी व्यक्ति को रेहड़ी या उसके आसपास खड़े होकर नहीं खाने दिया जा रहा है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अधिकतर रेहड़ी पर खाने का सामान बेचने वाले लोग भी घरों की तरफ जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से आमदनी काफी कम हो गई है.ये भी पढ़ेंःगाजियाबादः बेटा अस्पतालों से लगाता रहा गुहार, बाप की सड़क पर ही चली गई जान


एनसीआर में फास्ट फूड का काम

एनसीआर में काम करने वाले लोग, यहां पर फास्ट फूड का काम करते हैं. फास्ट फूड का काम काफी अच्छा भी चलता है. पाबंदियां लगने के बाद रोड पर भीड़ कम होती है. ऐसे में सेल भी कम हो जाती है. बाहर से आकर, यहां रहने वाले प्रवासियों को एक तरफ जहां कमरे का किराया देना होता है, तो वहीं खाने-पीने की व्यवस्था के अलावा परिवार को रुपये भेजने की भी जिम्मेदारी होती है. जब सेल कम होती है, तो गुजारा कर पाना मुश्किल हो जाता है. रेहड़ी पर फास्ट फूड बेचने वाले लोग होम डिलीवरी भी नहीं कर पाते हैं.

नई दिल्ली/गाज़ियाबादः कोरोना संकट की वजह से होटल और रेस्टोरेंट कारोबार पर फिर से मुश्किल के बादल गहरा गए हैं. गाजियाबाद में अधिकतर रेस्टोरेंट्स और होटल्स में काम करने वाले कारीगर लॉकडाउन के डर से होमटाउन जा रहे हैं. इससे खाना बनाने से लेकर होटल में साफ-सफाई करने वालों की कमी हो गई है. मोहन नगर स्थित रेस्टोरेंट् के मैनेजर संजय कुमार ने बताया कि खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई करने वाले अधिकतर स्टाफ के लोग लॉकडाउन के डर से वापस घर चले गए हैं. वहीं, डीएम का आदेश है कि रेस्टोरेंट्स में बैठकर खाने की इजाजत नहीं है. ऑनलाइन डिलीवरी का काम काफी कम है, इसलिए धंधा चौपट हो रहा है.

रेस्टोरेंट्स कारोबार पर छाए संकट के बादल
आमदनी हुई कमरेहड़ी पर फूड बेचने वालों पर भी यही नियम लागू होता है. रेहड़ी पर छोले भटूरे बेचने वाले रामजीत यादव का कहना है कि छोले-भटूरे पैक करके बेचे जा रहे हैं. किसी भी व्यक्ति को रेहड़ी या उसके आसपास खड़े होकर नहीं खाने दिया जा रहा है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अधिकतर रेहड़ी पर खाने का सामान बेचने वाले लोग भी घरों की तरफ जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से आमदनी काफी कम हो गई है.ये भी पढ़ेंःगाजियाबादः बेटा अस्पतालों से लगाता रहा गुहार, बाप की सड़क पर ही चली गई जान


एनसीआर में फास्ट फूड का काम

एनसीआर में काम करने वाले लोग, यहां पर फास्ट फूड का काम करते हैं. फास्ट फूड का काम काफी अच्छा भी चलता है. पाबंदियां लगने के बाद रोड पर भीड़ कम होती है. ऐसे में सेल भी कम हो जाती है. बाहर से आकर, यहां रहने वाले प्रवासियों को एक तरफ जहां कमरे का किराया देना होता है, तो वहीं खाने-पीने की व्यवस्था के अलावा परिवार को रुपये भेजने की भी जिम्मेदारी होती है. जब सेल कम होती है, तो गुजारा कर पाना मुश्किल हो जाता है. रेहड़ी पर फास्ट फूड बेचने वाले लोग होम डिलीवरी भी नहीं कर पाते हैं.

Last Updated : May 17, 2021, 3:20 PM IST

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