नई दिल्ली : गाज़ियाबाद के मोदीनगर में 20 अप्रैल को हादसे में स्कूली छात्र की मौत के बाद परिवहन विभाग सख्त हो गया है. जिले में कुल 1899 स्कूल वाहन संचालित हैं. मोदीनगर हादसे के बाद परिवहन विभाग ने पांच टीमें प्रवर्तन दल की गठित की थी. जिले को पांच सेक्टर में बांटकर प्रत्येक सेक्टर में एक टीम की तैनाती की गई है. टीम ने स्कूल बसों में मानकों की जांच की जा रही है. इसके साथ ही जिले के प्रत्येक स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल बसों के मानकों की सूची भी विभाग द्वारा प्राप्त कराई जा रही है. नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल बसों के खिलाफ चालान की कार्यवाही भी की जाएगी.
गाजियाबाद के संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) वीके सिंह द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, जिले में 1899 स्कूल वाहन संचालित हैं. 22 अप्रैल से 25 अप्रैल तक कुल 442 वाहनों की स्वस्थता जांच की गई, जिसमें से 327 स्कूल वाहन मानक के अनुरूप पाए गए. जबकि, जांच में 115 वाहन जांच के अनुरूप नहीं पाए गए. मानक के अनुरूप नहीं पाए गए 80 वाहनों का चालान किया गया है. 35 वाहनों में आंशिक कमियों को दूर करने के लिए पुनः निरीक्षण के लिए नोटिस जारी किया गया है. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राघवेंद्र सिंह के मुताबिक 22 अप्रैल से 25 अप्रैल तक 50 से अधिक स्कूल वाहनों को सीज किया गया है.
स्कूल बसों के लिए परिवहन विभाग ने तय किए मानक
- बस में स्पीड गोवर्नर लगा होना चाहिए जिससे कि स्कूल बस की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक न पहुंच पाए.
- बस की खिड़की पर पांच सेंटीमीटर की दूरी से रॉड लगी होनी चाहिए जिससे कि स्कूल बस में बच्चे सर हाथ आदि बस की खिड़की से बाहर ना निकालें.
- स्कूल बस में आगे और पीछे स्कूल बस लिखा हुआ चाहिए.
- सीट के पीछे या नीचे बस्ता रखने की जगह होनी चाहिए.
- बच्चों के उतरने और चढ़ने के लिए बस के दरबार पर फुट बोर्ड लगा होना चाहिए.
- स्कूल बस में आपातकालीन द्वार होना चाहिए. यदि बस बड़ी है तो आगे और पीछे दो आपातकालीन द्वार होने चाहिए.
- अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए.
- बस में फर्स्ट एड बॉक्स मौजूद होना चाहिए.
- जब स्कूल बस में बच्चे स्कूल से आ जा रहे हों तब बस में अटेंडेंट का होना भी जरूरी है.
- शिक्षक भी अटेंडेंट के तौर पर बस में मौजूद हो सकता है.
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