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गाजियाबाद: इस स्वतंत्रता दिवस पर लोगों ने चाइनीज पतंग और मांझा को की ना

गाजियाबाद में पतंग के शौकीन इस बार चाइनीज पतंगों और मांझा का पूर्ण विरोध कर रहे हैं. आमतौर पर चाइना के मांझे की 15 अगस्त से पहले काफी डिमांड होती थी. लेकिन वो डिमांड पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. दुकानदार भी इस बार चाइना का मांझा नहीं बेच रहे हैं.

Boycott of Chinese kite and Manjha on this Independence Day in Ghaziabad
गाजियाबाद चाइनीज पतंग और मांझा चाइनीज पतंग और मांझा का विरोध चाइनीज पतंग और मांझा का बॉयकॉट स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त चीन का विरोध
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Published : Aug 14, 2020, 4:47 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पतंग के शौकीन इस बार चाइनीज पतंगों और मांझा का पूर्ण विरोध कर रहे हैं. आमतौर पर चाइना के मांझे की 15 अगस्त से पहले काफी डिमांड होती थी. लेकिन वो डिमांड पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. दुकानदार भी इस बार चाइना का मांझा नहीं बेच रहे हैं.

बरेली का मांझे और पतंगों की मांग बढ़ी

15 अगस्त से पहले चाइनीस मांझे की वजह से कई बार हादसे की खबरें भी आती थी. लेकिन इस बार लोगों की समझदारी से उन्होंने देश भक्ति की मिसाल कायम की है. इस बार 15 अगस्त को आसमान से भी पूरी तरह से चाइनीज पतंगें गायब होंगी. आसमान पूरी तरह से भारतीय रंग से रंगा हुआ होगा.


चीन पर देशभक्ति पड़ रही भारी

वाकई देश ने बता दिया है कि हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं और इस स्वतंत्रता दिवस हम चाइनीज सामान से भी आजादी पा चुके हैं. हर बार सिर्फ बातें ही की जाती थीं. लेकिन इस बार जमीनी हकीकत भी यही नजर आ रही है कि लोग चाइना का सामान पसंद नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर बच्चे भी चाइना का सामान नहीं मांग रहे हैं. भारतीय पतंग और भारतीय मांझा और चकरी बिकने से वोकल फॉर लोकल वाला प्रधानमंत्री मोदी का स्लोगन भी अपने स्वरूप को पा रहा है. इससे दुकानदारों को भी राहत है.


बरेली का मांझे और पतंगों की मांग बढ़ी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरेली से आए मांझा और पतंग की डिमांड काफी ज्यादा होती है. ज्यादातर रंग-बिरंगी पतंगों पर कोई न कोई ऐसा चिन्ह जरूर नजर आता है, जो देश भक्ति और भारतीयता दर्शाता है. यही भारतीयता और देशभक्ति इस बार पूरे जज्बे के साथ 15 अगस्त पर आसमान में सराबोर नजर आने वाली है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पतंग के शौकीन इस बार चाइनीज पतंगों और मांझा का पूर्ण विरोध कर रहे हैं. आमतौर पर चाइना के मांझे की 15 अगस्त से पहले काफी डिमांड होती थी. लेकिन वो डिमांड पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. दुकानदार भी इस बार चाइना का मांझा नहीं बेच रहे हैं.

बरेली का मांझे और पतंगों की मांग बढ़ी

15 अगस्त से पहले चाइनीस मांझे की वजह से कई बार हादसे की खबरें भी आती थी. लेकिन इस बार लोगों की समझदारी से उन्होंने देश भक्ति की मिसाल कायम की है. इस बार 15 अगस्त को आसमान से भी पूरी तरह से चाइनीज पतंगें गायब होंगी. आसमान पूरी तरह से भारतीय रंग से रंगा हुआ होगा.


चीन पर देशभक्ति पड़ रही भारी

वाकई देश ने बता दिया है कि हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं और इस स्वतंत्रता दिवस हम चाइनीज सामान से भी आजादी पा चुके हैं. हर बार सिर्फ बातें ही की जाती थीं. लेकिन इस बार जमीनी हकीकत भी यही नजर आ रही है कि लोग चाइना का सामान पसंद नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर बच्चे भी चाइना का सामान नहीं मांग रहे हैं. भारतीय पतंग और भारतीय मांझा और चकरी बिकने से वोकल फॉर लोकल वाला प्रधानमंत्री मोदी का स्लोगन भी अपने स्वरूप को पा रहा है. इससे दुकानदारों को भी राहत है.


बरेली का मांझे और पतंगों की मांग बढ़ी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरेली से आए मांझा और पतंग की डिमांड काफी ज्यादा होती है. ज्यादातर रंग-बिरंगी पतंगों पर कोई न कोई ऐसा चिन्ह जरूर नजर आता है, जो देश भक्ति और भारतीयता दर्शाता है. यही भारतीयता और देशभक्ति इस बार पूरे जज्बे के साथ 15 अगस्त पर आसमान में सराबोर नजर आने वाली है.

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