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सेना के जवान अमरीश का शव गाजियाबाद के लिये रवाना, 16 साल बाद होगा अंतिम संस्कार

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Published : Sep 27, 2021, 7:29 PM IST

सतोपंथ चोटी पर मिले शव के अवशेष आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के पर्वतारोही नायक अमरीश त्यागी के हैं. वे साल 2005 में सतोपंथ आरोहण के दौरान हादसे का शिकार हो गए थे. फिलहाल, उनके पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ गाजियाबाद के लिए रवाना कर दिया गया है.

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सेना के जवान अमरीश का शव गाजियाबाद के लिये रवाना

गाजियाबाद/उत्तरकाशीः सतोपंथ चोटी के आरोहण के दौरान भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को मिले शव के अवशेष की शिनाख्त हो गई है. शव की शिनाख्त आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के पर्वतारोही नायक अमरीश त्यागी निवासी मोदीनगर गाजियाबाद के रूप में हुई है. पुलिस ने सेना को शव सौंप दिया है और अब पार्थिव शव जवान के घर के लिए रवाना कर दिया गया है. बता दें कि साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया. उस समय कुछ पर्वतारोही आरोहण के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर लापता हो गए थे.

सेना के जवान अमरीश का शव गाजियाबाद के लिये रवाना

गौर को बीते 23 सितंबर को सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को वहां एक शव के अवशेष मिले थे. पर्वतारोही शव के अवशेषों को गंगोत्री लाये थे. जिसे सेना ने पुलिस के सुपुर्द किया था. उस शव की शिनाख्त हो गई है. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षदीप गहलोत ने बताया कि सतोपंथ से लाए गए शव की शिनाख्त के लिए साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए जवानों से पूछताछ की गई. जिसके बाद शव की शिनाख्त नायक अमरीश त्यागी के रूप में हुई है.

सैनिक के शव का 16 साल बाद अंतिम संस्कार...

सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर गाजियाबाद भेजा गया: वहीं, शहीद जवान के परिजनों ने उत्तरकाशी पुलिस को पत्र लिखकर पार्थिव शरीर को हर्षिल स्थित बिहार रेजिमेंट को सौंपने की बात कही है. जिसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम और डीएनए सैंपल लेने के बाद पुलिस की ओर से कॉन्स्टेबल नवीन कवि और उत्तम पुंडीर ने शव को सेना के सुपुर्द किया. पर्वतारोही शहीद नायक अमरीश त्यागी के पार्थिव शव को तिरंगे के साथ कलक्ट्रेट परिसर में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी. उसके बाद सेना का जवान पार्थिव शव को लेकर शहीद के घर मोदीनगर गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को सतोपंथ चोटी पर मिले शव के अवशेष, 2005 में लापता हुए थे जवान

साल 2005 में लापता हुआ था जवानः बता दें कि साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया. उस समय कुछ पर्वतारोही आरोहण के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर लापता हो गए थे. भारतीय सेना का एक दल स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया था. अभियान के दौरान सेना के दल को एक पर्वतारोही के शव के अवशेष मिले. जिसे सेना के जवानों ने खराब मौसम और खड़ी चढ़ाई को पार कर गंगोत्री पहुंचाया था.

गाजियाबाद/उत्तरकाशीः सतोपंथ चोटी के आरोहण के दौरान भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को मिले शव के अवशेष की शिनाख्त हो गई है. शव की शिनाख्त आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के पर्वतारोही नायक अमरीश त्यागी निवासी मोदीनगर गाजियाबाद के रूप में हुई है. पुलिस ने सेना को शव सौंप दिया है और अब पार्थिव शव जवान के घर के लिए रवाना कर दिया गया है. बता दें कि साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया. उस समय कुछ पर्वतारोही आरोहण के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर लापता हो गए थे.

सेना के जवान अमरीश का शव गाजियाबाद के लिये रवाना

गौर को बीते 23 सितंबर को सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को वहां एक शव के अवशेष मिले थे. पर्वतारोही शव के अवशेषों को गंगोत्री लाये थे. जिसे सेना ने पुलिस के सुपुर्द किया था. उस शव की शिनाख्त हो गई है. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षदीप गहलोत ने बताया कि सतोपंथ से लाए गए शव की शिनाख्त के लिए साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए जवानों से पूछताछ की गई. जिसके बाद शव की शिनाख्त नायक अमरीश त्यागी के रूप में हुई है.

सैनिक के शव का 16 साल बाद अंतिम संस्कार...

सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर गाजियाबाद भेजा गया: वहीं, शहीद जवान के परिजनों ने उत्तरकाशी पुलिस को पत्र लिखकर पार्थिव शरीर को हर्षिल स्थित बिहार रेजिमेंट को सौंपने की बात कही है. जिसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम और डीएनए सैंपल लेने के बाद पुलिस की ओर से कॉन्स्टेबल नवीन कवि और उत्तम पुंडीर ने शव को सेना के सुपुर्द किया. पर्वतारोही शहीद नायक अमरीश त्यागी के पार्थिव शव को तिरंगे के साथ कलक्ट्रेट परिसर में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी. उसके बाद सेना का जवान पार्थिव शव को लेकर शहीद के घर मोदीनगर गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए हैं.

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साल 2005 में लापता हुआ था जवानः बता दें कि साल 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया. उस समय कुछ पर्वतारोही आरोहण के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर लापता हो गए थे. भारतीय सेना का एक दल स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया था. अभियान के दौरान सेना के दल को एक पर्वतारोही के शव के अवशेष मिले. जिसे सेना के जवानों ने खराब मौसम और खड़ी चढ़ाई को पार कर गंगोत्री पहुंचाया था.

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