नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बार्डर समेत राजधानी दिल्ली की अन्य सीमाओं पर अन्नदाताओं का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन को तकरीबन 16 हफ्तें होने जा रहे है. बार्डर आंदोलन में बुज़ुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी डटे हुए हैं. आंदोलन को तेज करने के लिए किसान नेताओं द्वारा लगातार कवादें की जा रही हैं.
शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान होंगे शामिल
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे. संयुक्त मोर्चे के इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसान नेताओं ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने भारतीय किसान यूनियन (युवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत से बातचीत की.
गौरव टिकैत ने बताया गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में नौजवानों का अहम योगदान रहा है. सरदार भगत सिंह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं. 23 मार्च को युवा गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे और सरदार भगत सिंह की तरह पगड़ी पहनेगें. इस दिन हजारों की संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से युवा आंदोलन स्थल पहुंचकर किसानों की लडाई को और मजबूत बनाएंगे.
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बैठक कर रणनीति करेंगे तैयार
उन्होंने कहा कि 23 मार्च के कार्यक्रम को लेकर लगातार किसान नेताओं से बातचीत हो रही हैं. हर महीने मुज़फ्फरनगर के सिसौली में होने वाली किसानों की मासिक पंचायत 17 मार्च को गाजीपुर बॉर्डर पर होगी. मासिक पंचायत में तमाम किसान नेता बैठक कर रणनीति तैयार करेंगे. मौजूदा समय में भारतीय किसान यूनियन युवा के पदाधिकारी आपस में कोऑर्डिनेट कर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में लगे हैं.