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गाजियाबाद में SSP और भाजपा नेता आमने-सामने, जानिए क्या है मामला - SSP गाजियाबाद ने जवाब में जारी की प्रेस विज्ञप्ति

गाजियाबाद में SSP और भाजपा नेता आमने-सामने हैं. भाजपा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसके जवाब में SSP ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की.

SSP और भाजपा नेता आमने-सामने
SSP और भाजपा नेता आमने-सामने
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Published : Mar 13, 2022, 3:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में बीजेपी के कुछ नेताओं और पुलिस के बीच वैचारिक टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है. गाजियाबाद SSP ने भाजपा नेताओं के आरोपों पर अपना करारा जवाब दिया है. शनिवार को गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा, बीजेपी महानगर अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके पुलिस पर आरोप लगाए थे. आज SSP गाजियाबाद ने भी भाजपा नेताओं की प्रेस विज्ञप्ति का जवाब अपनी प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दिया है और पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद ले ली है.

पहले जानिए- क्या है भाजपा नेताओं का आरोप

भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि भाजपा के 60 से 70 कार्यकर्ताओं को बिना किसी अपराध के 10 तारीख से एक बैंक्वेट हॉल में बंद करके रखा गया है, जहां कुछ कार्यकर्ताओं की तबीयत भी खराब हो गई है, लेकिन उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है. यह आरोप पुलिस अधिकारियों पर लगाया गया है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश पटेल, यातायात पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा से जब इस विषय में बात की गई, तो इन अधिकारियों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को मुक्त करने से मना कर दिया. राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, मेयर आशा शर्मा और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों ने हमें भी पुलिस लाइन ले जाकर हिरासत में लेने की कोशिश की. पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं को अवैध हिरासत में रखकर गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं.

भाजपा ने पुलिस के खिलाफ जारी की प्रेस विज्ञप्ति
भाजपा ने पुलिस के खिलाफ जारी की प्रेस विज्ञप्ति
SSP गाजियाबाद ने जवाब में जारी की प्रेस विज्ञप्ति

भाजपा नेताओं के इस आरोप के बाद गाजियाबाद SSP ने पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद ले ली है. उन्होंने भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति का करारा जवाब दिया है. SSP गाजियाबाद पवन कुमार ने जो विज्ञप्ति जारी की है, उसमें कहा है कि मतगणना वाले दिन विधानसभा स्थल पर बिना वैध पास किसी भी व्यक्ति को मतगणना स्थल पर जाने की इजाजत नहीं थी. SSP ने विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने खुद यह जिम्मेदारी सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश पटेल और यातायात पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा को सौंपी थी, जो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे. अंत में SSP गाजियाबाद ने विज्ञप्ति में कहा है कि पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे. इसलिए बिना वैद्य पास वाले लोगों को मतगणना बैरियर से आगे जाने से रोका गया था, जिसकी जिम्मेदारी खुद मेरी है- SSP गाजियाबाद

SSP ने विज्ञप्ति जारी कर दिया जवाब.
SSP ने विज्ञप्ति जारी कर दिया जवाब.
भाजपा और पुलिस में वैचारिक घमासान

जाहिर है प्रेस विज्ञप्ति में SSP गाजियाबाद ने अप्रत्यक्ष रूप से काफी बातें कही है. कुल मिलाकर यह समझ आता है कि भाजपा ने जो आरोप लगाया है. उसके जवाब में SSP बताना चाहते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मतगणना वाले दिन बिना वैध पास के मतगणना स्थल पर जाने की कोशिश की थी, जिसके चलते नियमों के मुताबिक, उन्हें रोका गया, लेकिन इस मामले को बीजेपी के कुछ नेता तूल देना चाहते हैं. अब देखना यह होगा कि पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच शुरू हुई यह वैचारिक जंग किस नतीजे पर पहुंचती है. वहीं जानकारी के मुताबिक, कोई भी कार्यकर्ता अब पुलिस की हिरासत में नहीं है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में बीजेपी के कुछ नेताओं और पुलिस के बीच वैचारिक टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है. गाजियाबाद SSP ने भाजपा नेताओं के आरोपों पर अपना करारा जवाब दिया है. शनिवार को गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा, बीजेपी महानगर अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके पुलिस पर आरोप लगाए थे. आज SSP गाजियाबाद ने भी भाजपा नेताओं की प्रेस विज्ञप्ति का जवाब अपनी प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दिया है और पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद ले ली है.

पहले जानिए- क्या है भाजपा नेताओं का आरोप

भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि भाजपा के 60 से 70 कार्यकर्ताओं को बिना किसी अपराध के 10 तारीख से एक बैंक्वेट हॉल में बंद करके रखा गया है, जहां कुछ कार्यकर्ताओं की तबीयत भी खराब हो गई है, लेकिन उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है. यह आरोप पुलिस अधिकारियों पर लगाया गया है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश पटेल, यातायात पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा से जब इस विषय में बात की गई, तो इन अधिकारियों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को मुक्त करने से मना कर दिया. राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, मेयर आशा शर्मा और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों ने हमें भी पुलिस लाइन ले जाकर हिरासत में लेने की कोशिश की. पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं को अवैध हिरासत में रखकर गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं.

भाजपा ने पुलिस के खिलाफ जारी की प्रेस विज्ञप्ति
भाजपा ने पुलिस के खिलाफ जारी की प्रेस विज्ञप्ति
SSP गाजियाबाद ने जवाब में जारी की प्रेस विज्ञप्ति

भाजपा नेताओं के इस आरोप के बाद गाजियाबाद SSP ने पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद ले ली है. उन्होंने भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति का करारा जवाब दिया है. SSP गाजियाबाद पवन कुमार ने जो विज्ञप्ति जारी की है, उसमें कहा है कि मतगणना वाले दिन विधानसभा स्थल पर बिना वैध पास किसी भी व्यक्ति को मतगणना स्थल पर जाने की इजाजत नहीं थी. SSP ने विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने खुद यह जिम्मेदारी सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश पटेल और यातायात पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा को सौंपी थी, जो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे. अंत में SSP गाजियाबाद ने विज्ञप्ति में कहा है कि पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे. इसलिए बिना वैद्य पास वाले लोगों को मतगणना बैरियर से आगे जाने से रोका गया था, जिसकी जिम्मेदारी खुद मेरी है- SSP गाजियाबाद

SSP ने विज्ञप्ति जारी कर दिया जवाब.
SSP ने विज्ञप्ति जारी कर दिया जवाब.
भाजपा और पुलिस में वैचारिक घमासान

जाहिर है प्रेस विज्ञप्ति में SSP गाजियाबाद ने अप्रत्यक्ष रूप से काफी बातें कही है. कुल मिलाकर यह समझ आता है कि भाजपा ने जो आरोप लगाया है. उसके जवाब में SSP बताना चाहते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मतगणना वाले दिन बिना वैध पास के मतगणना स्थल पर जाने की कोशिश की थी, जिसके चलते नियमों के मुताबिक, उन्हें रोका गया, लेकिन इस मामले को बीजेपी के कुछ नेता तूल देना चाहते हैं. अब देखना यह होगा कि पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच शुरू हुई यह वैचारिक जंग किस नतीजे पर पहुंचती है. वहीं जानकारी के मुताबिक, कोई भी कार्यकर्ता अब पुलिस की हिरासत में नहीं है.

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