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बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने किया जरूरी सुनवाई सुचारू करवाने का अनुरोध

बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने जनपद न्यायाधीश को एक पत्र लिख जरूरी कार्यों की सुनवाई सुचारू करवाने के लिए निम्न सुझाव प्रस्तुत किए हैं ताकि कोर्ट का काम शुरू हो सके.

Bar Association ghaziabad requested for smooth hearing of important work
बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने किया जरूरी सुनवाई सुचारू करवाने का अनुरोध
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Published : Apr 30, 2020, 10:41 PM IST

Updated : May 1, 2020, 10:31 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते लोगों पर आर्थिक संकट की स्तिथि पैदा हो गई है. अधिवक्ता भी इससे अछूते नहीं हैं. उनके समक्ष भी अपनी आजीविका चलाना कठिन हो रहा है. अधिवक्ता वर्ग को किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन से कोई सहायता नहीं मिल रही है. इसी को लेकर बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने जनपद न्यायाधीश को एक पत्र लिख जरूरी कार्यों की सुनवाई सुचारू करवाने के लिए निम्न सुझाव प्रस्तुत किए हैं.

जरूरी सुनवाई शुरू करवाने का अनुरोध

क्या हैं सुझाव

  1. विचाराधीन बंदियों के जमानत प्रार्थना पत्र जो सत्र न्यायालय में विचाराधीन हैं उनकी सुनवाई हेतु 2 सत्र न्यायाधीश क्रमवार सुनवाई करें तथा न्यायालय में केवल पीठासीन अधिकारी रीडर स्टेनो को ही प्रवेश दिया जाए. साथ ही जिन अधिवक्ताओं का केस है उन्हें ही न्यायालय में बुलाया जाए.
  2. रिमांड मजिस्ट्रेट/ ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अलावा दो अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय भी क्रमवार जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई एवं जमानत में स्वीकृत करने हेतु खुलवाए जाएं.
  3. न्यायालय में पैरोकार या मुंशी का प्रवेश निषेध किया जाए.
  4. न्याय कक्षों का सैनिटाजेशन व उचित दूरी कम से कम 2 गज की दूरी की व्यवस्था करवाई जाए. संभव हो तो वीडियो कॉलिंग पर रही है अधिवक्ता गण का जमानत प्रार्थना पत्र सुना जाए.
  5. जिन अधिवक्ताओं द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में प्रस्तुत कर रखा है उन्हें सुनवाई हेतु एक दिन पूर्व मैसेज के जरिए अवगत करवाया जाए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते लोगों पर आर्थिक संकट की स्तिथि पैदा हो गई है. अधिवक्ता भी इससे अछूते नहीं हैं. उनके समक्ष भी अपनी आजीविका चलाना कठिन हो रहा है. अधिवक्ता वर्ग को किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन से कोई सहायता नहीं मिल रही है. इसी को लेकर बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने जनपद न्यायाधीश को एक पत्र लिख जरूरी कार्यों की सुनवाई सुचारू करवाने के लिए निम्न सुझाव प्रस्तुत किए हैं.

जरूरी सुनवाई शुरू करवाने का अनुरोध

क्या हैं सुझाव

  1. विचाराधीन बंदियों के जमानत प्रार्थना पत्र जो सत्र न्यायालय में विचाराधीन हैं उनकी सुनवाई हेतु 2 सत्र न्यायाधीश क्रमवार सुनवाई करें तथा न्यायालय में केवल पीठासीन अधिकारी रीडर स्टेनो को ही प्रवेश दिया जाए. साथ ही जिन अधिवक्ताओं का केस है उन्हें ही न्यायालय में बुलाया जाए.
  2. रिमांड मजिस्ट्रेट/ ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अलावा दो अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय भी क्रमवार जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई एवं जमानत में स्वीकृत करने हेतु खुलवाए जाएं.
  3. न्यायालय में पैरोकार या मुंशी का प्रवेश निषेध किया जाए.
  4. न्याय कक्षों का सैनिटाजेशन व उचित दूरी कम से कम 2 गज की दूरी की व्यवस्था करवाई जाए. संभव हो तो वीडियो कॉलिंग पर रही है अधिवक्ता गण का जमानत प्रार्थना पत्र सुना जाए.
  5. जिन अधिवक्ताओं द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में प्रस्तुत कर रखा है उन्हें सुनवाई हेतु एक दिन पूर्व मैसेज के जरिए अवगत करवाया जाए.
Last Updated : May 1, 2020, 10:31 AM IST
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