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गौरव चंदेल हत्याकांड: जिस खूंखार बदमाश आशु पर है शक, उसके घर पहुंची ETV Bharat की टीम

आशु इतना बेरहम बदमाश है कि वह 2 हज़ार रुपये की लूट के लिए गोली चलाने से नहीं चूकता है. आशु का आपराधिक इतिहास पुलिस सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2009 में शुरू हुआ था.

Ashu of Mirchi gang murdered Gaurav Chandel
मिर्ची गैंग का कुख्यात अपराधी आशु
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Published : Jan 17, 2020, 7:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गौरव चंदेल हत्याकांड मामले में आशु उर्फ मिर्ची गैंग का नाम सामने आ रहा है. मिर्ची गैंग के सरगना और 2 लाख के इनामी बदमाश आशु जाट का घर गाजियाबाद के मसूरी इलाके में है. ईटीवी भारत खूंखार आशु जाट के घर भी पहुंच गया. आइए आपको बताते हैं इस खबर से जुड़ी एक-एक बात.

मिर्ची गैंग का कुख्यात अपराधी आशु

2 हज़ार रुपये के लिए भी मार देता है गोली
आशु इतना बेरहम बदमाश है कि वह 2 हज़ार रुपये की लूट के लिए गोली चलाने से नहीं चूकता है. आशु कार्य क्षेत्र गाजियाबाद का थाना कवि नगर और मसूरी रहा है. यही नहीं, आशु की नोएडा और हापुड़ में अपराध की एक लंबी फेहरिस्त है. कुछ दिन पहले आशु और उसके परिवार और ससुराल वालों ने मिलकर हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में बीजेपी नेता की हत्या कर दी थी. इस मामले में आशु की भाभी, सास, ससुर, साला और मां जेल में है. आशु के बारे में कहा जाता है कि जहां की पुलिस उसके और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करती है, वहां और बढ़ चढ़कर वारदात को अंजाम देता है.

2009 में बनाया गैंग
आशु का आपराधिक इतिहास पुलिस सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2009 में शुरू हुआ था. इस दौरान अपने बड़े भाई गोलू के साथ मिलकर उसने गैंग बनाया था. यह गैंग मिर्ची के नाम से प्रसिद्ध हुआ था. यह लोग पेट्रोल पंप और सेल्समेन की आंखों में मिर्ची डालकर लूट किया करते थे. पुलिस सूत्र बताते हैं जब गाजियाबाद और हापुड़ में पुलिस का दबाव पड़ा तो आशु, नोएडा में गौर सिटी जाकर रहने लगा. पुलिस सूत्रों की मानें तो एक बार गौर सिटी के पास आशु अपनी पत्नी के साथ जा रहा था और उसका पुलिस से आमना सामना भी हुआ था, लेकिन वो बच कर फरार हो गया था.

गौरव चंदेल हत्याकांड वाली जगह से कनेक्शन
जिस जगह गौरव चंदेल की कार बरामद हुई वहां 2 से 3 महीने पहले पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशु का आमना-सामना हापुड़ पुलिस से हुआ था, लेकिन वो उसमें फरार होने में सफल रहा था. दूसरा कारण जो सामने आ रहा है, वह यह है कि जहां गौरव चंदेल की कार मिली है वहां से आशु का गांव काजीपुरा पास है . आशु इलाके से भली-भांति परिचित है.

ईटीवी भारत पहुंचा आशु के घर
गौरव चंदेल की कार थाना मसूरी के आकाश नगर में मिली थी . वहीं से आशु का गांव काजीपुरा महज 2 किलोमीटर है. जहां ईटीवी भारत भी पहुंचा. पता चला कि आशु काफी साल पहले अपने गांव से निकल आया था. और अब वहां नहीं देखा गया है. उसके घर की कुर्की बहुत समय पहले हो गई थी. फिलहाल वहां सन्नाटा पसरा है.


50 से ज्यादा मुकदमे, 2 लाख का इनाम
गाजियाबाद और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आशु पर 50 से ज्यादा मुकदमे है. गाजियाबाद में उस पर 50 हज़ार का इनाम है. जबकि पूरे पश्चिमी यूपी से उस पर 2 लाख का इनाम घोषित है. गौरव चंदेल की हत्या जिस तरह से अंजाम दी गई है इस हत्या को अंजाम देने का तरीका आशु के काम करने के तरीके जैसा ही है. इसलिए सबसे ज्यादा शक आशु गैंग पर ही है. हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गौरव चंदेल हत्याकांड मामले में आशु उर्फ मिर्ची गैंग का नाम सामने आ रहा है. मिर्ची गैंग के सरगना और 2 लाख के इनामी बदमाश आशु जाट का घर गाजियाबाद के मसूरी इलाके में है. ईटीवी भारत खूंखार आशु जाट के घर भी पहुंच गया. आइए आपको बताते हैं इस खबर से जुड़ी एक-एक बात.

मिर्ची गैंग का कुख्यात अपराधी आशु

2 हज़ार रुपये के लिए भी मार देता है गोली
आशु इतना बेरहम बदमाश है कि वह 2 हज़ार रुपये की लूट के लिए गोली चलाने से नहीं चूकता है. आशु कार्य क्षेत्र गाजियाबाद का थाना कवि नगर और मसूरी रहा है. यही नहीं, आशु की नोएडा और हापुड़ में अपराध की एक लंबी फेहरिस्त है. कुछ दिन पहले आशु और उसके परिवार और ससुराल वालों ने मिलकर हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में बीजेपी नेता की हत्या कर दी थी. इस मामले में आशु की भाभी, सास, ससुर, साला और मां जेल में है. आशु के बारे में कहा जाता है कि जहां की पुलिस उसके और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करती है, वहां और बढ़ चढ़कर वारदात को अंजाम देता है.

2009 में बनाया गैंग
आशु का आपराधिक इतिहास पुलिस सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2009 में शुरू हुआ था. इस दौरान अपने बड़े भाई गोलू के साथ मिलकर उसने गैंग बनाया था. यह गैंग मिर्ची के नाम से प्रसिद्ध हुआ था. यह लोग पेट्रोल पंप और सेल्समेन की आंखों में मिर्ची डालकर लूट किया करते थे. पुलिस सूत्र बताते हैं जब गाजियाबाद और हापुड़ में पुलिस का दबाव पड़ा तो आशु, नोएडा में गौर सिटी जाकर रहने लगा. पुलिस सूत्रों की मानें तो एक बार गौर सिटी के पास आशु अपनी पत्नी के साथ जा रहा था और उसका पुलिस से आमना सामना भी हुआ था, लेकिन वो बच कर फरार हो गया था.

गौरव चंदेल हत्याकांड वाली जगह से कनेक्शन
जिस जगह गौरव चंदेल की कार बरामद हुई वहां 2 से 3 महीने पहले पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशु का आमना-सामना हापुड़ पुलिस से हुआ था, लेकिन वो उसमें फरार होने में सफल रहा था. दूसरा कारण जो सामने आ रहा है, वह यह है कि जहां गौरव चंदेल की कार मिली है वहां से आशु का गांव काजीपुरा पास है . आशु इलाके से भली-भांति परिचित है.

ईटीवी भारत पहुंचा आशु के घर
गौरव चंदेल की कार थाना मसूरी के आकाश नगर में मिली थी . वहीं से आशु का गांव काजीपुरा महज 2 किलोमीटर है. जहां ईटीवी भारत भी पहुंचा. पता चला कि आशु काफी साल पहले अपने गांव से निकल आया था. और अब वहां नहीं देखा गया है. उसके घर की कुर्की बहुत समय पहले हो गई थी. फिलहाल वहां सन्नाटा पसरा है.


50 से ज्यादा मुकदमे, 2 लाख का इनाम
गाजियाबाद और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आशु पर 50 से ज्यादा मुकदमे है. गाजियाबाद में उस पर 50 हज़ार का इनाम है. जबकि पूरे पश्चिमी यूपी से उस पर 2 लाख का इनाम घोषित है. गौरव चंदेल की हत्या जिस तरह से अंजाम दी गई है इस हत्या को अंजाम देने का तरीका आशु के काम करने के तरीके जैसा ही है. इसलिए सबसे ज्यादा शक आशु गैंग पर ही है. हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी.

Intro:गाजियाबाद । गौरव चंदेल मामले में गाजियाबाद से ईटीवी भारत में सबसे बड़ी पड़ताल की है। गौरव चंदेल हत्याकांड में आशु उर्फ़ मिर्ची गैंग का नाम सामने आ रहा है। मिर्ची गैंग के सरगना और 2 लाख के इनामी बदमाश आशु जाट का घर गाजियाबाद के मसूरी इलाके में है। हम उसी खूंखार आशु जाट के घर भी पहुंच गए। आइए आपको बताते हैं इस खबर से जुड़ी एक एक बात।




Body:2 हज़ार रुपये के लिए भी मार देता है गोली

क्या गौरव चंदेल की हत्या आशु उर्फ मिर्ची गैंग ने की है ? हम आपको बता दें। आशु इतना बेरहम बदमाश है, कि वह 2 हज़ार रुपये की लूट के लिए गोली चलाने से नहीं चूकता है। आशु का कार्यक्षेत्र गाजियाबाद का थाना कवि नगर और मसूरी रहा है। हालांकि आशु नोएडा और हापुड़ में अपराध की एक लंबी फेहरिस्त को अंजाम दिया है। कुछ दिन पहले आशु और उसके परिवार और ससुराल वालों ने मिलकर हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में बीजेपी नेता की हत्या कर दी थी। इस मामले में आशु की भाभी, सांस ,ससुर , साला और मां जेल में है। आशु के बारे में कहा जाता है कि जहां की पुलिस उसके और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करती है, वहां और बढ़ चढ़कर वारदात को अंजाम देता है ।


2009 में बनाया गैंग


आशु का अपराधिक इतिहास पुलिस सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2009 में शुरू हुआ था। इस दौरान अपने बड़े भाई गोलू के साथ मिलकर उसने गैंग बनाया था। यह गैंग मिर्ची के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। यह लोग पेट्रोल पंप और सेल्समेन की आंखों में मिर्ची डालकर लूट किया करते थे। पुलिस सूत्र बताते हैं जब गाजियाबाद और हापुड़ में पुलिस का दबाव पड़ा तो आशु, नोएडा में गौर सिटी जाकर रहने लगा। पुलिस सूत्रों की माने एक बार गौर सिटी के पास आशु अपनी पत्नी के साथ जा रहा था। और उसका पुलिस से आमना सामना भी हुआ था। लेकिन वो बच कर फरार हो गया था।

गौरव चंदेल हत्याकांड वाली जगह से कनेक्शन

जिस जगह गौरव चंदेल की घटना हुई है वहीं 2 से 3 महीने पहले पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशु का आमना-सामना हापुड़ पुलिस से हुआ था। लेकिन वो उसमें फरार होने में सफल रहा था। दूसरा कारण जो सामने आ रहा है, वह यह है कि जहां गौरव चंदेल की कार मिली है, वह आशु के गांव काजीपुरा के पास है । आशु इलाके से भली-भांति परिचित है।



ईटीवी भारत पहुंचा आशु के घर

गौरव चंदेल की कार थाना मसूरी के आकाश नगर में मिली थी । वहीं से आशु का गांव काजीपुरा महज 2 किलोमीटर है। जहां हम पहुंचे। जानकारी करने पर पता चला कि आशु काफी साल पहले अपने गांव से निकल आया था। और अब वहां नहीं देखा गया है। उसके घर की कुर्की बहुत समय पहले हो गई थी। फिलहाल वहां सन्नाटा पसरा है।


50 से ज्यादा मुकदमे 2 लाख का इनाम

गाजियाबाद और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आशु पर 50 से ज्यादा मुकदमे है। गाजियाबाद में उस पर 50 हज़ार का इनाम है। जबकि पूरे पश्चिमी यूपी से उस पर 2 लाख का इनाम घोषित है।

Conclusion:गौरव की हत्या का तरीका आशु से मिलता जुलता

गौरव चंदेल की हत्या जिस तरह से अंजाम दी गई है इस हत्या को अंजाम देने का तरीका आशु के काम करने के तरीके जैसा ही है। इसलिए सबसे ज्यादा शक आशु गैंग पर ही है। हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी।
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