नई दिल्ली/गाजियाबाद: हाल ही में जारी की गई वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गाजियाबाद वर्ष 2019 में विश्व का सबसे प्रदूषित शहर रहा है. दिवाली के बाद से ही गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर खराब, अत्यंत खराब और गंभीर श्रेणी में चल रहा है. जिसके चलते शहरवासियों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2019 आने के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है. जनपद का प्रदूषण स्तर कम करने के लिए जिला प्रशासन पूरी ताकत झोंकता नजर आ रहा है.
'लगाई जाएगी एंटी स्मॉग गन'
गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाए. गाजियाबाद में कंस्ट्रक्शन साइट्स जिनका एरिया 3000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा है. उनके लिए एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है. 22 बिल्डर चिन्हित किए गए हैं, जिनको एंटी स्मॉग गन लगानी है, जिनमें से चार बिल्डरों द्वारा एन्टी स्मॉग गन लगा ली गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का गाजियाबाद जिला प्रशासन द्वारा अनुपालन कराया जा रहा है.
एंटी स्मॉग गन करती है कृत्रिम बारिश
बता दें कि एंटी स्मॉग गन तकरीबन साढे़ चार लाख से लेकर 15 लाख तक की कीमत की होती है. एंटी स्मॉग गन 50 मीटर तक की उचाई तक पानी की बौछार करती है. जिसे कि हवा में मौजूद धूल के कण का स्तर कम हो जाता है.