नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए Always With You कार्यक्रम के तहत 3 जून तक कुल 95 आवेदन प्राप्त हुए. जिनमें मृत्यु प्रमाण पत्र बनवायें जाने के लिए 70 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमे से नगर निगम गाजियाबाद के 52, तहसील लोनी 01, तहसील मोदीनगर 01 एवं प्रदेश तथा देश के अन्य राज्यों के जनपदों से सम्बन्धित 16 आवेदन पत्र प्राप्त हुए.
जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नगर निगम द्वारा 52 आवेदनों में 48 मृत्यु प्रमाण पत्र सम्बन्धित परिवारों को उपलब्ध कराया जा चुका है. इसी प्रकार लोनी तहसील द्वारा एक और तहसील मोदीनगर द्वारा एक मृत्यु प्रमाण पत्र सहायता मांगने वाले परिवारों को उपलब्ध करायें जा चुके है.
54 में से 50 आवदेनों का निस्तारण
इस प्रकार ज़िले से सम्बन्धित कुल 54 आवेदनों में से 50 आवदेनों का निस्तारण कराया जा चुका है, जोकि 90% है. प्रदेश और अन्य राज्यों से सम्बन्धित 16 मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदनों में से 10 का निस्तारण जिला प्रशासन द्वारा कराया गया है.
कौशांबी निवासी अधिवक्ता अमित दुबे ने बताया अप्रैल के पहले हफ्ते में पूरे परिवार को कोविड की चपेट में आ गया. 9 अप्रैल को उनकी मां रत्ना दुबे (78) को 16 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान 16 अप्रैल को रत्ना दुबे की मौत हो गई. 22 अप्रैल को अमित दुबे भी अस्पताल में भर्ती हो गए और 2 मई को डिस्चार्ज हुई.
अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद करीब दो हफ्ते तक कमज़ोरी के चलते घर में रहे मां का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए जो कि मृत्यु के 21 दिन के भीतर सरकारी विभाग में जमा होना था. अमित ने बताया मीडिया के माध्यम से प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे ऑलवेज विद यू कार्यक्रम की जानकारी मिली. ई-मेल के माध्यम से समस्या बताई.
ई-मेल के लगभग एक घंटे में ही प्रशासन द्वारा ई-मेल का जवाब दिया गया. 24 घण्टे के भीतर समस्या हल हो गई और मृत्यु प्रमाण पत्र आसानी से बन गया. प्रशासन द्वारा जीएसटी से सम्बन्धित दो प्रकरणों में से एक का समाधान कराया जा चुका है.
प्रकरण सेन्ट्रल जी०एस०टी० से सम्बन्धित था और साथ ही साथ यह एक ऐसी विधवा स्त्री से सम्बन्धित था, जिसके पति एवं भाई यूनिक इन्टर प्राइजेज नामक संस्था के संचालक थे और दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हुई थी.
48 घंटे के अंदर डोर स्टेप पर सहायता
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि "Always With You" कार्यक्रम के तहत प्रत्येक सहायता मांगने वाले परिवार को अधिकतम 48 घण्टों में सहायता डोर स्टेप पर पहुॅचाने का प्रयास है. प्रत्येक सहायता मागंने वाले परिवार से प्रशासन द्वारा नामित अधिकारियों द्वारा निरन्तर सर्म्पक कर मदद की जा रही है.