नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने एक खास मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. वकील तहसील में ही धरने पर बैठ गए.
गाजियाबाद: वकील ने दी चेतावनी, 28 तारीख को करेंगे आत्मदाह - commit suicide
अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं.
तहसील के अधिवक्ता ने आत्मदाह करने की दी चेतावनी
नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने एक खास मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. वकील तहसील में ही धरने पर बैठ गए.
मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर भी बैठे हुए हैं.
वकीलों ने ठप किया काम
वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम ठप किया हुआ है. यहां तक कि तहसील दिवस में भी वकीलों ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.
'इंसाफ का रास्ता हो साफ'
वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निबट जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. दूर होने वाली सुनवाई के चलते ज्यादातर लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.
मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर भी बैठे हुए हैं.
वकीलों ने ठप किया काम
वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम ठप किया हुआ है. यहां तक कि तहसील दिवस में भी वकीलों ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.
'इंसाफ का रास्ता हो साफ'
वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निबट जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. दूर होने वाली सुनवाई के चलते ज्यादातर लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.