नई दिल्ली/गाजियाबाद: कांग्रेस पार्टी में पिछले कई दिनों से अध्यक्ष पद के लिए मंथन चल रही थी. एक लंबे समय के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है.
इसी मुद्दे को ध्यान में रखकर लखनऊ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त की है.
राहुल गांधी अकेले 'अभिमन्यु' की तरह
उन्होंने कहा कि 2019 के 'महाभारत' में राहुल गांधी अकेले 'अभिमन्यु' की तरह जूझ रहे थे और कांग्रेस कार्यसमिति 'मौज' मार रही थी. इसलिए इस्तीफा 'कार्यसमिति' का होना चाहिए था, लेकिन हुआ राहुल गांधी का.
कार्यसमिति पर खड़े किए सवाल
जब उनके इस ट्वीट को लेकर उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु अकेले लड़ रहे थे, ठीक उसी तरह मोदी के लश्कर से राहुल गांधी अकेले लड़ रहे थे. जिस तरह से देश की जनता ने अपना फैसला सुनाया है और कांग्रेस पार्टी को आम चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. क्या हार की जिम्मेदारी सिर्फ राहुल गांधी की बनती है. क्या कार्यसमिति को भंग नहीं करना चाहिए?
राहुल गांधी की बात नहीं मानी
उन्होंने कहा कि कार्यसमिति एक तरफ तो राहुल गांधी का इस्तीफा मंजूर करती है. वहीं दूसरी तरफ इस्तीफा देते वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि गांधी परिवार से कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नहीं रहेगा. इस बात को कांग्रेस कमिटी ने क्यों नहीं माना.
'राहुल गांधी के खिलाफ रचा जा रहा है षड्यंत्र'
आचार्य ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है. जब राहुल गांधी चुनाव प्रचार कर रहे थे तो कार्यसमिति क्या कर रही थी. राजस्थान, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और भी कई राज्यों में सूपड़ा साफ हो गया तो क्या इन राज्यों के मुख्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस्तीफा नहीं देना चाहिए.
वहीं अपनी बात रखते हुए आचार्य ने अंत में कहा कि में सोनिया गांधी से आग्रह करता हूं कि कांग्रेस कार्यसमिति को भंग कर एक बार फिर से चुनाव कराया जाए. उसके बाद फिर कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला करना चाहिए.