नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के नंदग्राम में तकरीबन 80 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत हो गई. इतने बड़े हादसे के बाद अब नगर निगम और जलकल विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
इन पांच लोगों की मौत का असल जिम्मेदार कौन है इसका जवाब किसी के पास नहीं है. मरने वालों में सभी लोग बिहार के हैं.
ये है पूरा मामला
नंदग्राम में जलकल विभाग के प्राइवेट सफाई कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए पहुंचे थे. पहले एक कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए नीचे उतरा और जहरीली गैस होने की वजह से नीचे की बेहोश हो गया.
इसी क्रम में एक के बाद एक 5 कर्मचारी नीचे उतरे लेकिन सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गए और सभी नीचे बेहोश हो गए. बाद में सभी को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया. आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया.
स्थानीय लोगों के मुताबिक कर्मचारियों को किसी भी तरह का कोई सेफ्टी का प्रबंध मसलन मास्क, जैकेट आदि समान नहीं दिया गया था.
नगर निगम दर्ज कराएगी एफआईआर
नगर आयुक्त दिनेश चंद्र का कहना है कि गाज़ियाबाद नगर निगम का इस पूरे मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी जल निगम की थी. उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना में जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.
उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से ठेकेदार की लापरवाही के कारण ही यह घटना घटी है और इस लापरवाही में चाहे वो ठेकेदार हो या संबंधित विभाग के अधिकारी जिनकी भी भागीदारी पाई जाएगी, उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.
मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा
वहीं जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि ये काफी दुखद घटना है. इस मामले में जिस भी विभाग की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशनुसार जल निगम के एमडी ने इस मामले की जांच की जाएगी. साथ ही सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है.