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गाजियाबाद: सीवर सफाई के दौरान 5 की मौत, दो विभागों के बीच फंसा मौत का रहस्य - Chief Minister Yogi Adityanath

तकरीबन 80 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत हो गई. इतने बड़े हादसे के बाद अब नगर निगम और जलकल विभाग एक दूसरे पर सिर्फ आरोप मढ़ रहे हैं.

सीवर सफाई के दौरान 5 की मौत etv bharat
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Published : Aug 22, 2019, 11:54 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के नंदग्राम में तकरीबन 80 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत हो गई. इतने बड़े हादसे के बाद अब नगर निगम और जलकल विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

गाजियाबाद के सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत

इन पांच लोगों की मौत का असल जिम्मेदार कौन है इसका जवाब किसी के पास नहीं है. मरने वालों में सभी लोग बिहार के हैं.

ये है पूरा मामला

नंदग्राम में जलकल विभाग के प्राइवेट सफाई कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए पहुंचे थे. पहले एक कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए नीचे उतरा और जहरीली गैस होने की वजह से नीचे की बेहोश हो गया.

10 lakh compensation to the relatives of the deceased
मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा

इसी क्रम में एक के बाद एक 5 कर्मचारी नीचे उतरे लेकिन सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गए और सभी नीचे बेहोश हो गए. बाद में सभी को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया. आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया.

स्थानीय लोगों के मुताबिक कर्मचारियों को किसी भी तरह का कोई सेफ्टी का प्रबंध मसलन मास्क, जैकेट आदि समान नहीं दिया गया था.

नगर निगम दर्ज कराएगी एफआईआर
नगर आयुक्त दिनेश चंद्र का कहना है कि गाज़ियाबाद नगर निगम का इस पूरे मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी जल निगम की थी. उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना में जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.

उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से ठेकेदार की लापरवाही के कारण ही यह घटना घटी है और इस लापरवाही में चाहे वो ठेकेदार हो या संबंधित विभाग के अधिकारी जिनकी भी भागीदारी पाई जाएगी, उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.

मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा
वहीं जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि ये काफी दुखद घटना है. इस मामले में जिस भी विभाग की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशनुसार जल निगम के एमडी ने इस मामले की जांच की जाएगी. साथ ही सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के नंदग्राम में तकरीबन 80 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत हो गई. इतने बड़े हादसे के बाद अब नगर निगम और जलकल विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

गाजियाबाद के सीवर लाइन में 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत

इन पांच लोगों की मौत का असल जिम्मेदार कौन है इसका जवाब किसी के पास नहीं है. मरने वालों में सभी लोग बिहार के हैं.

ये है पूरा मामला

नंदग्राम में जलकल विभाग के प्राइवेट सफाई कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए पहुंचे थे. पहले एक कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए नीचे उतरा और जहरीली गैस होने की वजह से नीचे की बेहोश हो गया.

10 lakh compensation to the relatives of the deceased
मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा

इसी क्रम में एक के बाद एक 5 कर्मचारी नीचे उतरे लेकिन सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गए और सभी नीचे बेहोश हो गए. बाद में सभी को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया. आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया.

स्थानीय लोगों के मुताबिक कर्मचारियों को किसी भी तरह का कोई सेफ्टी का प्रबंध मसलन मास्क, जैकेट आदि समान नहीं दिया गया था.

नगर निगम दर्ज कराएगी एफआईआर
नगर आयुक्त दिनेश चंद्र का कहना है कि गाज़ियाबाद नगर निगम का इस पूरे मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी जल निगम की थी. उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना में जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.

उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से ठेकेदार की लापरवाही के कारण ही यह घटना घटी है और इस लापरवाही में चाहे वो ठेकेदार हो या संबंधित विभाग के अधिकारी जिनकी भी भागीदारी पाई जाएगी, उनके खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगी.

मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा
वहीं जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि ये काफी दुखद घटना है. इस मामले में जिस भी विभाग की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशनुसार जल निगम के एमडी ने इस मामले की जांच की जाएगी. साथ ही सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है.

Intro:गाज़ियाबाद : दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद के नंदग्राम में सीवर सफाई करने उतरे जलकल निगम के 5 प्राइवेट कर्मचारियों की मौत के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल यह पूरा मामला गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना क्षेत्र के नंद ग्राम कृष्णा कुंज कॉलोनी का है.सीवर में हुई 5 लोगो की मौत के बाद अब नगरनिगम ओर जलकल विभाग एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.मगर इन पांच लोगों की मौत का असल जिम्मेदार कौन है इसका जवाब किसी के पास नही है.मरने वालों में 4 लोग बिहार के है तो वही एक मृतक की पहचान नही हो पाई है.





Body:गौरतलब है कि तकरीबन 80 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत यह सीवर लाइन बनाया जा रहा था.यहां पर जलकल विभाग के प्राइवेट सफाई कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए पहुंचे थे. पहले एक कर्मचारी सीवर सफाई करने के लिए नीचे उतरा और जहरीली गैस होने की वजह से नीचे की बेहोश हो गया. इसी क्रम में एक के बाद एक 5 कर्मचारी नीचे उतरे लेकिन सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गए और सभी नीचे बेहोश हो गए. बाद में सभी को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया. आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया.आसपास के लोगो के मुताबिक यह किसी भी तरह का कोई सेफ्टी का प्रबंध मसलन मास्क,जैकेट आदि समान इन कर्मचारियों को नही दिया गया था.

वही इस पूरे मामले पर नगर आयुक्त दिनेश चंद्र का कहना है कि गाज़ियाबाद नगर निगम का इस पूरे मामले से कोई सीधा संबंध नही है.इस कार्य को जल निगम द्वारा कराया जा रहा था तथा इस घटना में जिन भी लोगों की लापरवाही पाई जाएगी उनके खिलाफ नगर निगम द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.निश्चित रूप से ठेकेदार की लापरवाही के कारण ही यह घटना घटित हुई है और इस लापरवाही में चाहे वो ठेकेदार हो या सम्बंधित विभाग के अधिकारी जिनकी भी संलिप्तता पाई जाएगी उनके खिलाफ नगर निगम द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.Conclusion:वही इस पूरे मामले पर गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया यह काफी दुखद घटना है.इस मामले में जिस भी विभाग की लापरवाही पाई जाती है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.इस पूरे घटना में 5 लोगों की मौत हुई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशनुसार जल निगम के एमडी द्वारा इस मामले की जांच की जाएगी. साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपय की आर्थिक सहायता भी सरकार द्वारा दी जाएगी.
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