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Ghaziabad Election: इन 18 प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त, पढ़ें विस्तार से...

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में पहले चरण का मतदान गाजियाबाद की पांच सीटों पर होना है. ऐसे में इसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी समाप्त हो चुकी है. बता दें कि जिले की पांच विधानसभा सीटों पर 18 नामांकन पत्रों को विभिन्न खामियां पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया. आइये इसकी विस्तृत जानकारी पढ़ते हैं.

इन 18 प्रत्याशियों का नामांकन हुआ निरस्त
इन 18 प्रत्याशियों का नामांकन हुआ निरस्त
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Published : Jan 25, 2022, 9:39 AM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में पहले चरण का विधानसभा चुनाव 10 फरवरी को होगा. पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए 14 जनवरी से नामांकन शुरू हुआ था, जो कि 21 जनवरी को समाप्त हो गया है. पहले चरण में गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों; गाजियाबाद शहर, साहिबाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी पर चुनाव होना है. नामांकन प्रक्रिया के दौरान गाजियाबाद की पांच विधानसभा सीटों पर कुल 73 उम्मीदवारों द्वारा नामांकन किया गया था.


सोमवार को विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच की गई. जिले की पांट विधानसभा सीटों पर 18 नामांकन पत्रों को जांच के बाद विभिन्न खामियां पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया. मुरादनगर में सबसे अधिक छह नामांकन पत्रों को निरस्त किया गया है, जबकि मोदीनगर में केवल एक नामांकन पत्र को निरस्त किया गया है, जिसके बाद अब कुल 55 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.


जानिए किन प्रत्याशियों के रद्द हुए नामांकन पत्र:-

विधानसभाप्रत्याशीदल
लोनी सुमित कुमार निर्दलीय
लोनी विनोद कुमारवोटर्स पार्टी इंटरनेशनल
मुरादनगर नत्थू सिंहनिर्दलीय
मुरादनगर अनिल कुमार मिहिर सेना पार्टी
मुरादनगर निर्मलस्वतंत्र जनता राज पार्टी
मुरादनगर विनोद कुमार पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी
मुरादनगर सुनील नायक राष्ट्रीय लोक सर्व अधिकार पार्टी
मुरादनगर सुभाष चंद्र बहुजन मुक्ति पार्टी
साहिबाबाद अजनकिया चौहान राष्ट्रीय भारतीय जन जन पार्टी
साहिबाबाद ओमपाल भारतीय हिंद फौज पार्टी
साहिबाबाद जितेंद्र कुमार बहुजन मुक्ति पार्टी
साहिबाबाद अनीता यादव निर्दलीय
साहिबाबाद औरंगजेब निर्दलीय
गाजियाबाद अनिल मकवानाबहुजन मुक्ति पार्टी
गाजियाबादविवेक कुमार मेहर सेना पार्टी
गाजियाबादसलमान याहयाआदर्श समाज पार्टी
गाजियाबादसंजीव शर्मा निर्दलीय
मोदीनगरवीरेंद्र कुमार पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी



जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा पर्चा खारिज होने के के पीछे अलग-अलग वजह बताई गई हैं. जिसमें नोटिस के बाद भी प्रत्याशी द्वारा संशोधित एफिडेविट प्रारूप 26 दाखिल नहीं करना, दसों प्रस्तावों के हस्ताक्षर ना होना, शपथ पत्र अधूरा होना, समय अवधि में प्रारूप 26 उपलब्ध ना कराया जाना आदि बताया गया है.

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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में पहले चरण का विधानसभा चुनाव 10 फरवरी को होगा. पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए 14 जनवरी से नामांकन शुरू हुआ था, जो कि 21 जनवरी को समाप्त हो गया है. पहले चरण में गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों; गाजियाबाद शहर, साहिबाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी पर चुनाव होना है. नामांकन प्रक्रिया के दौरान गाजियाबाद की पांच विधानसभा सीटों पर कुल 73 उम्मीदवारों द्वारा नामांकन किया गया था.


सोमवार को विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच की गई. जिले की पांट विधानसभा सीटों पर 18 नामांकन पत्रों को जांच के बाद विभिन्न खामियां पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया. मुरादनगर में सबसे अधिक छह नामांकन पत्रों को निरस्त किया गया है, जबकि मोदीनगर में केवल एक नामांकन पत्र को निरस्त किया गया है, जिसके बाद अब कुल 55 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.


जानिए किन प्रत्याशियों के रद्द हुए नामांकन पत्र:-

विधानसभाप्रत्याशीदल
लोनी सुमित कुमार निर्दलीय
लोनी विनोद कुमारवोटर्स पार्टी इंटरनेशनल
मुरादनगर नत्थू सिंहनिर्दलीय
मुरादनगर अनिल कुमार मिहिर सेना पार्टी
मुरादनगर निर्मलस्वतंत्र जनता राज पार्टी
मुरादनगर विनोद कुमार पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी
मुरादनगर सुनील नायक राष्ट्रीय लोक सर्व अधिकार पार्टी
मुरादनगर सुभाष चंद्र बहुजन मुक्ति पार्टी
साहिबाबाद अजनकिया चौहान राष्ट्रीय भारतीय जन जन पार्टी
साहिबाबाद ओमपाल भारतीय हिंद फौज पार्टी
साहिबाबाद जितेंद्र कुमार बहुजन मुक्ति पार्टी
साहिबाबाद अनीता यादव निर्दलीय
साहिबाबाद औरंगजेब निर्दलीय
गाजियाबाद अनिल मकवानाबहुजन मुक्ति पार्टी
गाजियाबादविवेक कुमार मेहर सेना पार्टी
गाजियाबादसलमान याहयाआदर्श समाज पार्टी
गाजियाबादसंजीव शर्मा निर्दलीय
मोदीनगरवीरेंद्र कुमार पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी



जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा पर्चा खारिज होने के के पीछे अलग-अलग वजह बताई गई हैं. जिसमें नोटिस के बाद भी प्रत्याशी द्वारा संशोधित एफिडेविट प्रारूप 26 दाखिल नहीं करना, दसों प्रस्तावों के हस्ताक्षर ना होना, शपथ पत्र अधूरा होना, समय अवधि में प्रारूप 26 उपलब्ध ना कराया जाना आदि बताया गया है.

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