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पलवल: महिला दिवस के मौके पर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पलवल में महिलाओं ने किसान आंदोलन की कमान संभाली. इस दौरान महिलाओं ने गाने गए और डांस किया.

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किसान आंदोलन
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Published : Mar 9, 2021, 1:48 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: नेशनल हाइवे-19 पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना लगातार जारी है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन स्थल पर महिलाओं ने हिस्सा लिया. महिलाओं ने कहा कि आज इस महिला दिवस के मौके पर बीजेपी सरकार को महिलाओं ने दिखा दिया है की वो भी किसानों के साथ आंदोलन में खड़ी हैं. जब तक ये कृषि के काले कानून वापस नहीं होंगे.

पलवल: महिला दिवस के मौके पर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान

अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं ने नाच-गान भी किया. महिला नेता शशि बाला तेवतिया ने कहा कि आज वो इस महिला दिवस के मौके पर संकल्प लेती हैं कि जब तक सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए ये तीन कृषि काले कानून वापस नहीं होते वो घर नहीं जाएंगी. सर्दी का मौसम जा चुका है. अब किसानों ने गर्मियों की तैयारी कर ली है.

महिलाओं ने कहा कि टेंटों में पंखे लगा लिए हैं और आने वाले दिनों में धरना स्थल पर झोंपडी डाली जाएंगी और उनमें कूलर की व्यवस्था की जाएगी. संयक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महिलाओं ने ये आंदोलन की कमान संभाली है. उन्होंने कहा कि अपने हकों की लड़ाई के लिए तीन महीने से अधिक समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं, उसके बावजूद सरकार हठधर्मी पर अड़ी हुई है. सरकार को किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही है.

ये भी पढ़ें:-ढांसा बॉर्डर पर आयोजित किया गया किसान महिला कार्यक्रम

इन तीन महीनों के अंतराल में आंदोलन के जो परिणाम आने चाहिए थे. वो इस सरकार की संवदेनहीनता के कारण नहीं आए हैं. सरकार साहनुभूति पूर्वक किसानों की बातों पर विचार करने को तैयार नहीं है. लेकिन यह निश्चित है कि सरकार को ये तीनों बिल वापस लेने होंगे व एमएसपी की गांरटी देनी पड़ेगी और किसानों के सामने नतमस्तक होना पड़ेगा.

नई दिल्ली/पलवल: नेशनल हाइवे-19 पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना लगातार जारी है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन स्थल पर महिलाओं ने हिस्सा लिया. महिलाओं ने कहा कि आज इस महिला दिवस के मौके पर बीजेपी सरकार को महिलाओं ने दिखा दिया है की वो भी किसानों के साथ आंदोलन में खड़ी हैं. जब तक ये कृषि के काले कानून वापस नहीं होंगे.

पलवल: महिला दिवस के मौके पर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान

अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं ने नाच-गान भी किया. महिला नेता शशि बाला तेवतिया ने कहा कि आज वो इस महिला दिवस के मौके पर संकल्प लेती हैं कि जब तक सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए ये तीन कृषि काले कानून वापस नहीं होते वो घर नहीं जाएंगी. सर्दी का मौसम जा चुका है. अब किसानों ने गर्मियों की तैयारी कर ली है.

महिलाओं ने कहा कि टेंटों में पंखे लगा लिए हैं और आने वाले दिनों में धरना स्थल पर झोंपडी डाली जाएंगी और उनमें कूलर की व्यवस्था की जाएगी. संयक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महिलाओं ने ये आंदोलन की कमान संभाली है. उन्होंने कहा कि अपने हकों की लड़ाई के लिए तीन महीने से अधिक समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं, उसके बावजूद सरकार हठधर्मी पर अड़ी हुई है. सरकार को किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही है.

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इन तीन महीनों के अंतराल में आंदोलन के जो परिणाम आने चाहिए थे. वो इस सरकार की संवदेनहीनता के कारण नहीं आए हैं. सरकार साहनुभूति पूर्वक किसानों की बातों पर विचार करने को तैयार नहीं है. लेकिन यह निश्चित है कि सरकार को ये तीनों बिल वापस लेने होंगे व एमएसपी की गांरटी देनी पड़ेगी और किसानों के सामने नतमस्तक होना पड़ेगा.

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