नई दिल्ली/फरीदाबाद: सूरजकुंड की हसीन वादियों में चल रहा 34वां अंतरराष्ट्रीय मेला लोगों को काफी पसंद आ रहा है. प्रदेश ही नहीं बल्कि अगल-अलग राज्यों से लोग भी यहां आ रहे हैं. मेले में कई चीजें लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृषित कर रही है. मेले में धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां भी लोगों का दिल मोह रही हैं.
34 वें सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में राजस्थान से आई सुनीता द्वारा धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां इन लोगों को खूब भा रही हैं. एक तरफ जहां सुनीता महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ अपने परिवार का भरण पोषण भी वो इसी से कर रही हैं. सुनीता को उनकी कलाकारी के लिए स्टेट अवॉर्ड भी मिला हुआ है.
राजस्थान से आईं सुनीता दिखा रही हैं अपना हुनर
सूरजकुंड मेले में जहां विदेशों से आए कलाकार अपना हुनर दिखा रहे हैं. वहीं इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पकार भी अपना हुनर लोगों तक पहुंचा रहे हैं. राजस्थान से आई सुनीता भी अपनी हाथ का हुनर दिखाने के लिए पहुंची हैं. जिसे देखकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा जाएंगे. इतना ही नहीं उन्होंने शादी से पहले ही इस नक्काशी को तराशने का काम कर दिया था और शादी के बाद भी कई दिक्कतों के बाद भी उन्होंने ये काम जारी रखा.
400 लोगों को सुनीता ने दिया रोजगार
सुनाती की माने तो वो 400 लोगों को काम देने का काम करती हैं और वो भी इससे ही अपना लालन पालन कर रही हैं. मूलरूप से राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली शिल्पकार सुनीता रानी ने 17 साल की उम्र में धातु की नक्काशी पर हाथ आजमाया. फिर इसी को आमदनी का जरिया बनाया. इसी कला से अपनी शादी के लिए पैसे एकत्र किए. शादी में कलाकृतियां ही दहेज में लेकर आईं तो ससुराल वाले थोड़े नाराज दिखाई दिए, लेकिन इस पर उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.