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हाथरस गैंगरेप के विरोध में फरीदाबाद में किया गया योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन - Yogi Adityanath burnt effigy faridabad

हाथरस गैंगरेप के विरोध में गुरुवार को आशा वर्कर्स और अन्य महिला यूनियनों ने फरीदाबाद में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया. इस दौरान आशा वर्कर्स ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की.

trade union protest against hathras gang rape and burnt effigy of Yogi Adityanath in faridabad
हाथरस गैंगरेप के विरोध में फरीदाबाद में किया गया योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन
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Published : Oct 4, 2020, 2:49 AM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: हाथरस की घटना के विरोध में गुरुवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन से संबंधित आशा वर्कर्स और अन्य महिला यूनियनों ने मिलकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बालात्कारियों को फांसी देने की मांग की. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, आशा वर्कर की प्रधान हेमलता और मिड डे मील की प्रधान कमलेश चौधरी ने संयुक्त रूप से किया.

सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कहा कि ये अजीब विडंबना है की एक 19 साल की युवती के साथ 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस पीड़िता के परिजनों के कहने पर पुलिस रिपोर्ट भी नहीं लिखती है. पीड़िता को भी सही चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है. जबकि उसका शरीर अपराधियों ने बुरी तरह से तोड़ दिया था. इसके बावजूद भी हाथरस की पुलिस का दिल नहीं पसीजा. उसने कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई.

उन्होंने कहा कि इस घिनौने कांड में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए. उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं रहा. यहां बहू-बेटियों की इज्जत सलामत नहीं है. यहां की पुलिस इन केसों को हल्के-फुल्के लेती है. यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो पीड़िता को बचाया जा सकता था और दोषियों को जेल की सलाखों में तक पहुंचाना आसान हो जाता.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: हाथरस की घटना के विरोध में गुरुवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन से संबंधित आशा वर्कर्स और अन्य महिला यूनियनों ने मिलकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बालात्कारियों को फांसी देने की मांग की. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, आशा वर्कर की प्रधान हेमलता और मिड डे मील की प्रधान कमलेश चौधरी ने संयुक्त रूप से किया.

सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कहा कि ये अजीब विडंबना है की एक 19 साल की युवती के साथ 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस पीड़िता के परिजनों के कहने पर पुलिस रिपोर्ट भी नहीं लिखती है. पीड़िता को भी सही चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है. जबकि उसका शरीर अपराधियों ने बुरी तरह से तोड़ दिया था. इसके बावजूद भी हाथरस की पुलिस का दिल नहीं पसीजा. उसने कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई.

उन्होंने कहा कि इस घिनौने कांड में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए. उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं रहा. यहां बहू-बेटियों की इज्जत सलामत नहीं है. यहां की पुलिस इन केसों को हल्के-फुल्के लेती है. यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो पीड़िता को बचाया जा सकता था और दोषियों को जेल की सलाखों में तक पहुंचाना आसान हो जाता.

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