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देवी-देवताओं का रूप धारण कर भाईचारे की मिसाल बने 3 मुस्लिम भाई

जहां एक तरफ पूरा देश हिंदू और मुसलमान के नाम पर धर्मों में बंट रहा है. वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में मुसलमान समुदाय के तीन भाई हिंदू-देवी देवताओं का रूप धरकर लोगों को आपस में भाईचारे का संदेश दे रहे हैं.

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Published : Feb 8, 2020, 11:12 PM IST

3 Muslim brothers become examples of brotherhood
भाईचारे की मिसाल बने 3 मुस्लिम भाई

नई दिल्ली/फरीदाबाद: नागरिकता संशोधन कानून के बनाए जाने के बाद जिस तरह से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू-मुसलमान को लेकर आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. जिस तरह से कुछ राजनीतिक लोग इस भाईचारे को बिगाड़ कर अपनी राजनीति की रोटी सेकने में लगे हैं. वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड में तीन भाई ऐसे भी हैं जो मानवता का संदेश दे रहे हैं.

भाईचारे की मिसाल बने 3 मुस्लिम भाई

34वां सूरजकुंड मेला

ये तीनो भाई मुसलमान समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन सूरजकुंड मेले में एक भाई कृष्ण का रूप धरकर तो दूसरा रावण का रूप धरकर वहीं तीसरा यमराज का रूप धर कर लोगों को मानवता का संदेश दे रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि उनका धर्म भले ही दूसरा हो लेकिन वे सब एक हैं.

उन्होंने कहा कि इस देश में हिंदू मुसलमान भाई-भाई हैं और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस आपसी सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं. नो अपने धर्म से ऊपर हटकर एक कलाकार भी हैं और एक कलाकार के लिए कोई धर्म कोई मजहब नहीं होता.

कई सालों से आ रहे सूरजकुंड मेले में

उन्होंने कहा कि जितना हमें हिंदू पसंद करते हैं. उतना ही मुसलमान भी पसंद करते हैं. जो लोग हमें पसंद नहीं करते वो हमारे पास नहीं आते. वे पिछले कई सालों से सूरजकुंड मेले में आ रहे हैं और तरह-तरह के रूप धर कर लोगों का मनोरंजन करते हैं.

ये भी पढ़िए: हरियाणा सरकार के कार्यकाल पर अभय चौटाला का तंज, '100 दिनों में बोले गए 101 झूठ'

पूर्वज भी करते थे कला का प्रदर्शन

उनके पूर्वज भी इसी काम को किया करते थे. वे राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं और देश के अलग-अलग हिस्सो में अपनी कला दिखा चुके हैं. जो लोग नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं वे राजनीति के शिकार हैं.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: नागरिकता संशोधन कानून के बनाए जाने के बाद जिस तरह से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू-मुसलमान को लेकर आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. जिस तरह से कुछ राजनीतिक लोग इस भाईचारे को बिगाड़ कर अपनी राजनीति की रोटी सेकने में लगे हैं. वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड में तीन भाई ऐसे भी हैं जो मानवता का संदेश दे रहे हैं.

भाईचारे की मिसाल बने 3 मुस्लिम भाई

34वां सूरजकुंड मेला

ये तीनो भाई मुसलमान समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन सूरजकुंड मेले में एक भाई कृष्ण का रूप धरकर तो दूसरा रावण का रूप धरकर वहीं तीसरा यमराज का रूप धर कर लोगों को मानवता का संदेश दे रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि उनका धर्म भले ही दूसरा हो लेकिन वे सब एक हैं.

उन्होंने कहा कि इस देश में हिंदू मुसलमान भाई-भाई हैं और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस आपसी सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं. नो अपने धर्म से ऊपर हटकर एक कलाकार भी हैं और एक कलाकार के लिए कोई धर्म कोई मजहब नहीं होता.

कई सालों से आ रहे सूरजकुंड मेले में

उन्होंने कहा कि जितना हमें हिंदू पसंद करते हैं. उतना ही मुसलमान भी पसंद करते हैं. जो लोग हमें पसंद नहीं करते वो हमारे पास नहीं आते. वे पिछले कई सालों से सूरजकुंड मेले में आ रहे हैं और तरह-तरह के रूप धर कर लोगों का मनोरंजन करते हैं.

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पूर्वज भी करते थे कला का प्रदर्शन

उनके पूर्वज भी इसी काम को किया करते थे. वे राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं और देश के अलग-अलग हिस्सो में अपनी कला दिखा चुके हैं. जो लोग नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं वे राजनीति के शिकार हैं.

Intro:एंकर-- जहां एक तरफ पूरा देश हिंदू और मुसलमान के नाम पर जातियों में बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। वही फरीदाबाद के सूरजकुंड में मुसलमान समुदाय के तीन भाई हिंदू देवी देवताओं का रूप धरकर लोगों को आपस में भाईचारे का संदेश दे रहे हैं।
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वीओ-- नागरिकता संशोधन कानून के बनाए जाने के बाद जिस तरह से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू मुसलमान को लेकर आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है और जिस तरह से कुछ राजनीतिक लोग इस भाईचारे को बिगाड़ कर अपनी राजनीति की रोटी सेकने में लगे हैं। वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड में तीन भाई ऐसे भी हैं जो मानवता का संदेश दे रहे हैं। यह तीनो भाई मुसलमान समुदाय से संबंध रखते हैं। लेकिन सूरजकुंड मेले में एक भाई कृष्ण का रूप धरकर तो दूसरा रावण का रूप धरकर तो तीसरा यमराज का रूप धर कर लोगों को मानवता का संदेश दे रहा है। इन लोगों का कहना है कि उनका धर्म भले ही। दूसरा हो लेकिन। वह सब एक हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में हिंदू मुसलमान भाई भाई हैं और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस आपसी सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने धर्म से ऊपर हटकर एक कलाकार भी हैं और एक कलाकार के लिए कोई धर्म कोई मजहब नहीं होता उन्होंने कहा कि जितना हमें हिंदू पसंद करते हैं। उतना ही मुसलमान भी पसंद करते हैं और जो लोग हमें पसंद नहीं करते वह हमारे पास नहीं आते उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से सूरजकुंड मेले में आ रहे हैं और तरह-तरह के रूप धर कर लोगों का मनोरंजन करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज भी इसी काम को किया करते थे। उन्होंने कहा कि वो राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं। और देश के अलग-अलग हिस्सो में अपनी कला दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं वह राजनीति के शिकार हैं।

बाईट--शमशाद, कृष्ण का रूप धरे हुए

बाईट--अब्दुल हमीद, रावण का रूप धरे हुए।

बाईट--गुलजार अहमद, यमराज का रूप धरे हुएConclusion:hr_far_04_mulism_artists_pkg_7203403_HD
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