नई दिल्ली/फरीदाबाद : जिला शिक्षा कार्यालय में एक दशक से अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुली है. 10 साल पहले जिला लाइब्रेरी के लिए मंगाई गईं किताबों के बंडल, कुर्सी, मेज एक कमरे में बंद कर दिए गए और आज तक उन्हें नहीं खोला गया.
चुहों ने कुतर दिए किताब
इस दौरान किताबों के साथ सारा सामान चूहों ने कुतर दिया, लेकिन किसी अधिकारी ने बंद कमरों की तरफ ध्यान नहीं दिया. वर्तमान शिक्षा अधिकारी ने इन कमरों को खुलवाया तो पता चला कि लाखों रुपये खर्च कर जिन कामों के लिए ये सामना मंगवाया गया था, उनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया, न ही उन्हें सही जगह पहुंचाया गया.
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स्कूलों में पहुंचाया जाएगा सामान
शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी का कहना है कि हैरानी की बात है कि जो सामान स्कूलों में होना चाहिए, वह कमरों में बंद है. इस मुद्दे को एनबीटी पहले भी उठा चुका है, तब भी अफसरों ने ध्यान नहीं दिया. अब एक कमरे को खोला गया तो उसमें मेज, कुर्सी और किताब है. अभी एक कमरे को और खोलना है. उसमें भी सामान रखा हुआ है. यह सामान जरूरत के मुताबिक स्कूलों में पहुंचाया जाएगा. किताबें लाइब्रेरी में रखवाई जाएंगी.
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लापरवाही और चोरी की होगी जांच
रितु चौधरी ने कहा कि आज तक किसी भी अधिकारी ने इन कमरों को खोलने की जहमत नहीं उठाई. वहीं ये भी पता चला है कि कुछ पुराने अधिकारी और कर्मचारी कमरों में से सामान निकाल कर अपने घर ले गए. इसकी जांच भी की जाएगी.
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