ETV Bharat / city

पलवल में समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कृषि कानून के विरोध में किसानों को दिया समर्थन

समाजसेवी मेघा पाटेकर ने पलवल में किसानों को समर्थन दिया. किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

social worker megha patekar support farmers protest
पलवल में समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कृषि कानून के विरोध में किसानों को दिया समर्थन
author img

By

Published : Dec 10, 2020, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: किसानों ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान समाजसेवी मेघा पाटेकर ने किसानों को समर्थन दिया. उन्होंने किसानों की हालत दयनीय बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. मेघा पाटेकर ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनशील नहीं है. इसलिए आंदोलन चलाना किसान की मज़बूरी है. उन्होंने कहा ऐसे कानून क्यों लागू किए जिनमें इतने संशोधन की जरूरत है.

कृषि आज भी घाटे का सौदा है. जिसके चलते आज देश में हर सत्रह मिनट में एक किसान की आत्महत्या हो रही है. इसलिए किसान की मजबूरी है कि वो आंदोलन चलाने को मजबूर हैं. मेघा ने कहा कि अगर सरकार संवेदनशील है तो किसानों के जिस प्रस्ताव का जवाब वो इक्कीस दिन या इक्यावन दिन में देगी उसे एक दिन में भी दे सकती है.

उन्होंने कहा सरकार की मंशा ये है कि खाद्य आपूर्ति में भी पूंजी निवेश लाया जाये किसानो के जीने मरने का सवाल है आपको बता दे समाज सेवी मेधा पाटकर पर्यावरण बचाने को लेकर सक्रिय रहती है. नर्मदा बचाओ आंदोलन में वो सबसे आगे लड़ाई लड़ती नज़र आई थी. जिसके बाद नर्मदा नदी पर काफ़ी सारे छोटे बांध एवं सरोवर बांध को बनाने की अनुमती सरकार ने दी थी.

ये भी पढ़ेंः-किसान आंदोलनः ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स की रिहाई की उठी मांग

किसानों को संबोधित करते हुए समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कहा कि सरकार को कृषि संबंधी तीनों कानूनों वापस लेने के साथ एमएसपी पर कानून लागू करना होगा. नहीं तो सरकार को हम सत्ता में नहीं रहने देंगे. पाटेकर ने अदानी पर निशाना साधते हुए कहा कि अनाज को अपने गौदामों में जमा करने के बाद अदानी इसे महंगी कीमतों पर बेचेंगे. जिसका असर आम आदमी पर भी पड़ेगा.

नई दिल्ली/पलवल: किसानों ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान समाजसेवी मेघा पाटेकर ने किसानों को समर्थन दिया. उन्होंने किसानों की हालत दयनीय बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. मेघा पाटेकर ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनशील नहीं है. इसलिए आंदोलन चलाना किसान की मज़बूरी है. उन्होंने कहा ऐसे कानून क्यों लागू किए जिनमें इतने संशोधन की जरूरत है.

कृषि आज भी घाटे का सौदा है. जिसके चलते आज देश में हर सत्रह मिनट में एक किसान की आत्महत्या हो रही है. इसलिए किसान की मजबूरी है कि वो आंदोलन चलाने को मजबूर हैं. मेघा ने कहा कि अगर सरकार संवेदनशील है तो किसानों के जिस प्रस्ताव का जवाब वो इक्कीस दिन या इक्यावन दिन में देगी उसे एक दिन में भी दे सकती है.

उन्होंने कहा सरकार की मंशा ये है कि खाद्य आपूर्ति में भी पूंजी निवेश लाया जाये किसानो के जीने मरने का सवाल है आपको बता दे समाज सेवी मेधा पाटकर पर्यावरण बचाने को लेकर सक्रिय रहती है. नर्मदा बचाओ आंदोलन में वो सबसे आगे लड़ाई लड़ती नज़र आई थी. जिसके बाद नर्मदा नदी पर काफ़ी सारे छोटे बांध एवं सरोवर बांध को बनाने की अनुमती सरकार ने दी थी.

ये भी पढ़ेंः-किसान आंदोलनः ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स की रिहाई की उठी मांग

किसानों को संबोधित करते हुए समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कहा कि सरकार को कृषि संबंधी तीनों कानूनों वापस लेने के साथ एमएसपी पर कानून लागू करना होगा. नहीं तो सरकार को हम सत्ता में नहीं रहने देंगे. पाटेकर ने अदानी पर निशाना साधते हुए कहा कि अनाज को अपने गौदामों में जमा करने के बाद अदानी इसे महंगी कीमतों पर बेचेंगे. जिसका असर आम आदमी पर भी पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.