नई दिल्ली: सावन का पावन महीना चल रहा है. कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल भर रहे हैं, और अपने आसपास के शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके उनका आशीर्वाद ले रहे हैं.
सड़कों पर दिख रही अलग-अलग झांकियां
वहीं सड़कों पर कांवड़ यात्रियों की अलग-अलग झांकियां भी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने कुछ कांवड़ियों से मुलाकात की, जो हरिद्वार से गंगाजल भरकर पैदल वापस लौट रहे थे.
कांवड़ की झांकियों द्वारा संदेश
इसी कड़ी एक कांवड़ियों की झांकी के पीछे पोस्टर लगा हुआ था. जिस पर लिखा है 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'. वहीं इस झांकी में एक संदेश पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी था, जिसमें पेड़ लगाने की बात कही गई थी. साथ ही ट्रैफिक नियमों के पालन करने का भी संदेश दिया गया था. वहीं सामने की तरफ एक जवान की तस्वीर लगाई गई थी.
शहीद जवान की लगाई तस्वीर
कांवड़ियों का कहना था कि यह जवान हमारे पड़ोस के गांव के हैं, जो पुलवामा अटैक में शहीद हो गए थे. कांवड़ यात्रा पर भले ही कुछ लोग कई तरह के आरोप लगाते हैं. लेकिन कहीं ना कहीं बहुत सारे ऐसे कांवड़िए हैं जो अपनी यात्रा के दौरान कई सामाजिक संदेश देते हुए नजर आ रहे हैं.
उन्हीं में से एक यह कांवड़ यात्रा है जिसमें झांकी के चारों तरफ से कोई ना कोई संदेश दिया जा रहा है. जो समाज के लिए बहुत जरूरी है. कांवड़ अपने भक्ति के साथ ही अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वाहन कर रहे हैं और अपनी आस्था के अनुसार हरिद्वार से गंगाजल भरकर पैदल अपने गांव के शिव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए निकले हुए हैं.