ETV Bharat / city

उद्योग नगरी फरीदाबाद को खल रही लेबर की कमी, मजदूर नहीं होने से आधा हुआ उत्पादन - फरीदाबाद उद्योग लेबर कमी

उद्योग नगरी फरीदाबाद लेबर की कमी से भारी नुकसान झेलने को मजबूर है. लॉकडाउन के दौरान फरीदाबाद से हजारों प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया था, जो अभी तक वापस नहीं आए हैं.

shortage of labour in industries of faridabad
फरीदाबाद मजदूर कमी फरीदाबाद उद्योग उत्पादन आधा फरीदाबाद उद्योग लेबर कमी फरीदाबाद लेबर पलायन
author img

By

Published : Jun 23, 2020, 1:58 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद बंद पड़े काम शुरू किए जा रहे हैं. उद्योगों को पूरी रफ्तार के साथ चलाने के लिए उद्योग संचालक जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उद्योगों की 'रीड की हड्डी' यानी कि लेबर पर्याप्त मात्रा में नहीं होने की वजह से उद्योग जगत पर भारी असर देखने को मिल रहा है.

मजदूर नहीं होने से आधा हुआ उत्पादन

उद्योग नगरी फरीदाबाद भी लेबर की कमी से भारी नुकसान झेलने को मजबूर है. लेबर नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में मजदूर फरीदाबाद से पलायन कर अपने गृह क्षेत्र चले गए थे. जो अभी तक वापस नहीं आए हैं. बता दें कि उद्योग में दो तरह की लेबर काम करती है. जिनमें एक स्किल्ड लेबर और दूसरी अनस्किल्ड लेबर होती है, लेकिन आज की तारीख में फरीदाबाद में दोनों ही तरह की लेबर की कमी देखने को मिल रही है.

जिला उद्योग केंद्र के ज्वॉइंट डायरेक्टर ईश्वर सिंह खुद इस बात को मानते हैं कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के चले जाने से उद्योग को लेबर की परेशानी झेलनी पड़ रही है. ईश्वर सिंह की मानें तो फरीदाबाद में छोटे और बड़े सभी मिलाकर 31000 उद्योग हैं, जिनमें से अब तक 16519 उद्योगों को चलाने की मंजूरी जिला उद्योग केंद्र की तरफ से दी गई है. उद्योगों में काम करने के लिए करीब 6 लाख लेबर पास जारी किए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उद्योग में लेबर की कमी देखने को मिल रही है.

निजी लघु उद्योग संचालक यशपाल सिंह ने बताया कि बड़ी इंडस्ट्रीज तो लेबर की कमी से जूझ ही रही हैं. साथ में छोटे लघु उद्योगों में भी लेबर की कमी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि लेबर के पलायन करने के कारण काफी कम संख्या में मजदूर तबका यहां पर रह गया है. लेबर के चले जाने से उद्योगों में उत्पादन भी कम हो रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से हुए नुकसान के चलते कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकाल भी दिया है. जिस वजह से फरीदाबाद के उद्योग दोगुना नुकसान झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति पहले जैसी नहीं हो जाती, तब तक उद्योग जगत को मुनाफा तो छोड़िए लागत निकालना भी मुश्किल नजर आ रहा है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद बंद पड़े काम शुरू किए जा रहे हैं. उद्योगों को पूरी रफ्तार के साथ चलाने के लिए उद्योग संचालक जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उद्योगों की 'रीड की हड्डी' यानी कि लेबर पर्याप्त मात्रा में नहीं होने की वजह से उद्योग जगत पर भारी असर देखने को मिल रहा है.

मजदूर नहीं होने से आधा हुआ उत्पादन

उद्योग नगरी फरीदाबाद भी लेबर की कमी से भारी नुकसान झेलने को मजबूर है. लेबर नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में मजदूर फरीदाबाद से पलायन कर अपने गृह क्षेत्र चले गए थे. जो अभी तक वापस नहीं आए हैं. बता दें कि उद्योग में दो तरह की लेबर काम करती है. जिनमें एक स्किल्ड लेबर और दूसरी अनस्किल्ड लेबर होती है, लेकिन आज की तारीख में फरीदाबाद में दोनों ही तरह की लेबर की कमी देखने को मिल रही है.

जिला उद्योग केंद्र के ज्वॉइंट डायरेक्टर ईश्वर सिंह खुद इस बात को मानते हैं कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के चले जाने से उद्योग को लेबर की परेशानी झेलनी पड़ रही है. ईश्वर सिंह की मानें तो फरीदाबाद में छोटे और बड़े सभी मिलाकर 31000 उद्योग हैं, जिनमें से अब तक 16519 उद्योगों को चलाने की मंजूरी जिला उद्योग केंद्र की तरफ से दी गई है. उद्योगों में काम करने के लिए करीब 6 लाख लेबर पास जारी किए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उद्योग में लेबर की कमी देखने को मिल रही है.

निजी लघु उद्योग संचालक यशपाल सिंह ने बताया कि बड़ी इंडस्ट्रीज तो लेबर की कमी से जूझ ही रही हैं. साथ में छोटे लघु उद्योगों में भी लेबर की कमी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि लेबर के पलायन करने के कारण काफी कम संख्या में मजदूर तबका यहां पर रह गया है. लेबर के चले जाने से उद्योगों में उत्पादन भी कम हो रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से हुए नुकसान के चलते कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकाल भी दिया है. जिस वजह से फरीदाबाद के उद्योग दोगुना नुकसान झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति पहले जैसी नहीं हो जाती, तब तक उद्योग जगत को मुनाफा तो छोड़िए लागत निकालना भी मुश्किल नजर आ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.