नई दिल्ली/पलवल : दीपावली पर दीया बनाकर शहर को रौशन करने वाले कारीगरों की आर्थिक स्थिति पहले ही तंगहाल है. वहीं मिट्टी की कीमत बढ़ने से दीए की लागत बढ़ गई है. जिसने मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों की चिंता बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि बीते वर्ष तक प्रति ट्रैक्टर मिट्टी कीमत करीब 2 हजार रुपये थी. जो कि अब बढ़कर 3 से 4 हजार रुपये हो गई है.
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि दीया तैयार करने के लिए बीते वर्ष तक एक ट्रेक्टर मिट्टी के लिए करीब 2 हजार रुपये तक खर्च आता था. लेकिन अब उन्हें मिट्टी 3 से 4 हजार रुपये में खरीदनी पड़ रही है. उनका कहना है कि कोरोना काल के चलते उनका कामकाज पहले ही ठप पड़ा हुआ था. लेकिन अब महंगाई की मार ने उनका जीना मुहाल कर दिया है.
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि वो 60 रुपये में 100 दियो को बेच रहे है. लेकिन ग्राहक उनसे 40 से 50 रुपये में दिए देने की बात करते हैं. जिसके चलते उनके दिए बहुत कम ग्राहक खरीद रहे हैं. उनका कहना है कि पहले त्यौहारी सीजन में मिट्टी से बने उत्पादों से अच्छे खासे पैसे कमा लेते थे.लेकिन अबकी बार उन्हें लगता है कि उनका त्यौहार फीका ही रहना वाला है.