नई दिल्ली/फरीदाबादः यूं तो प्रदेश सरकार और प्रशासन गरीब लोगों तक बना हुआ खाना पहुंचाने और सूखा राशन देने के तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन फरीदाबाद में लॉकडाउन के बीच फंसे गरीब लोगों की कहानी कुछ और ही बयां करती है. फरीदाबाद विधानसभा की गीता कॉलोनी में दर्जनों महिलाएं इकट्ठा होकर फरीदाबाद के बीजेपी विधायक नरेंद्र गुप्ता के कार्यालय पहुंची.
महिलाओं ने ईटीवी भारत पर रोया दुखड़ा
इन महिलाओं ने ईटीवी भारत पर बातचीत करते हुए अपना दुखड़ा रोया. महिलाओं ने कहा कि पका हुआ खाना जो उनके घरों तक पहुंचाया जाता है, वह परिवार के लिए बेहद कम होता है, खाना इतना कम होता है कि उससे केवल बच्चों की ही भूख मिट जाती है.
डिपो धारक पर पर्याप्त राशन नहीं देने का आरोप
इसके अलावा महिलाओं ने डिपो धारकों पर भी राशन ना देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उनको सूखा राशन भी प्रशासन के द्वारा पर्याप्त मात्रा में नहीं दिया गया है. महिलाओं की मानें तो वह लॉकडाउन का पालन कर रही हैं, लेकिन पेट की भूख ने उनको घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया है. महिलाओं ने बताया कि उनमें से ज्यादातर परिवारों के पास बीपीएल कार्ड हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनको डिपो धारक की तरफ से पर्याप्त राशन नहीं मिल रहा है.
हकीकत और दावों से खड़े हो रहे सवाल
एक तरफ सरकार और प्रशासन गरीबों तक सूखा राशन पहुंचाने के दावे कर रहे हैं, लेकिन यह राशन गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है अब सवाल यह है कि जब राशन गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है तो आखिर राशन की खपत आखिर हो कहां रही है ?