ETV Bharat / city

34वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला: लोगों ने जमकर उठाया जादू का लुत्फ

लगभग विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जादू की कला सूरजकुंड मेले में देखने को मिल रही है और लोग इस कला को पसंद भी कर रहे हैं.

people enjoy magic in surajkund fair
लोगों ने जमकर उठाया जादू के खेल का लुत्फ
author img

By

Published : Feb 10, 2020, 11:41 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अरावली की पहाड़ियों में चल रहे 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां हस्तशिल्प कला लोगों के मन को भा रही है. वहीं दूसरी तरफ विलुप्त होती जादू की कला को जिंदा रखने वाला जादूगर भी मेले में आकर्षण का केंद्र हैं. वो अपनी जादुई कला से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा रहा है.

लोगों ने जमकर उठाया जादू के खेल का लुत्फ

जादुई कला से लोगों का मनोरंजन करता जादूगर
सुखबीर नाम के ये जादूगर पलवल के तहसील होडल के रहने वाले हैं और वह अपने पूर्वजों के समय से ही इस जादू की कला में हैं. उन्होंने बताया कि आज जादू की कला का कोई महत्व नहीं रह गया है. लेकिन वह फिर भी लोगों के मनोरंजन के लिए जादू की कला करते आ रहे हैं. इसी बीच सुखबीर ने छोटी चौपाल पर अपनी जादू की कला से लोगों का मनोरंजन भी किया.

ये भी पढ़ेंः- 50 करोड़ की लागत से बनी मल्टीलेवल पार्किंग बनी नशेड़ियों का अड्डा, नहीं लगाए गए CCTV

आपको बता दें कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में सुबह से ही दर्शकों का आना शुरू हो जाता है और कुछ ही देर में मेले का आलम ये हो जाता है कि मेला परिसर की सभी पार्किंग भर गई. मेला परिसर में हर तरफ दर्शकों की भीड़ ही नजर आ रही थी. मेला प्रशासन के अनुसार रविवार को करीब 1.75 लाख दर्शक मेला देखने पहुंचे. इससे शिल्पकारों के चेहरे भी खिल उठे. इन नौ दिनों में करीब 10 लाख दर्शक मेला देखने आ चुके हैं.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अरावली की पहाड़ियों में चल रहे 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां हस्तशिल्प कला लोगों के मन को भा रही है. वहीं दूसरी तरफ विलुप्त होती जादू की कला को जिंदा रखने वाला जादूगर भी मेले में आकर्षण का केंद्र हैं. वो अपनी जादुई कला से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा रहा है.

लोगों ने जमकर उठाया जादू के खेल का लुत्फ

जादुई कला से लोगों का मनोरंजन करता जादूगर
सुखबीर नाम के ये जादूगर पलवल के तहसील होडल के रहने वाले हैं और वह अपने पूर्वजों के समय से ही इस जादू की कला में हैं. उन्होंने बताया कि आज जादू की कला का कोई महत्व नहीं रह गया है. लेकिन वह फिर भी लोगों के मनोरंजन के लिए जादू की कला करते आ रहे हैं. इसी बीच सुखबीर ने छोटी चौपाल पर अपनी जादू की कला से लोगों का मनोरंजन भी किया.

ये भी पढ़ेंः- 50 करोड़ की लागत से बनी मल्टीलेवल पार्किंग बनी नशेड़ियों का अड्डा, नहीं लगाए गए CCTV

आपको बता दें कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में सुबह से ही दर्शकों का आना शुरू हो जाता है और कुछ ही देर में मेले का आलम ये हो जाता है कि मेला परिसर की सभी पार्किंग भर गई. मेला परिसर में हर तरफ दर्शकों की भीड़ ही नजर आ रही थी. मेला प्रशासन के अनुसार रविवार को करीब 1.75 लाख दर्शक मेला देखने पहुंचे. इससे शिल्पकारों के चेहरे भी खिल उठे. इन नौ दिनों में करीब 10 लाख दर्शक मेला देखने आ चुके हैं.

Intro:एंकर-- लगभग विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जादूगर के जादू करने की कला सूरजकुंड मेले में देखने को मिल रही है। और लोग इस कला को पसंद भी कर रहे हैं।Body:

वीओ-- फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 34 वे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां एक तरफ हस्तशिल्प की कला है तो दूसरी तरफ जादू की कला भी है। वैसे तो जादू की यह कला प्राचीन है लेकिन अब विलुप्त होती दिखाई दे रही है। क्योंकि धीरे-धीरे लोगों तिरुचि इसकी तरफ कम होती जा रही है। लेकिन सूरजकुंड मेले में जादूगर सुखबीर इस कला को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। सुखबीर पलवल के तहसील होडल के रहने वाले हैं और वह अपने पूर्वजों के समय से ही इस जादू की कला में है। उन्होंने बताया कि आज जादू की कला का कोई महत्व नहीं रह गया है। लेकिन वह फिर भी लोगों के मनोरंजन के लिए जादू की कला करते आ रहे हैं। इस बीच सुखबीर ने छोटी चौपाल पर अपनी जादू की कला से लोगों का मनोरंजन भी

बाईट-- सुखबीर जादूगर।Conclusion:जादू की जादूगरी कला। को बचाने के लिए। तहसील होडल के सुखबीर। सूरजकुंड मेले में यह कला लेकर आए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.