नई दिल्ली/फरीदाबाद: सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के साथ अभिभावकों और उपभोक्ताओं ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की कि जब तक कोरोना महामारी चल रही है और स्कूल बंद हैं. तब तक अभिभावकों से स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस और बिजली बिलों को माफ किया जाए. अभिभावकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानी तो वे पांच अगस्त से आमरण अनशन शुरू कर देंगे.
आंदोलन से जुड़े भारतीय किसान यूनियन के प्रधान ऋषिपाल चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोगों का कामकाज ठप्प हो गया है. जिसके चलते उनके सामने बच्चों की स्कूल फीस और बिजली के भारी-भरकम बिलों की परेशानी खड़ी हो गई है. जिसके लिए उन्होंने 15 जुलाई को जिला उपायुक्त के माध्यम से सीएम मनोहर लाल को एक ज्ञापन भेजा था, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल फीस और बिजली बिल को माफ किया जाए.
ऋषिपाल चौहान ने सभी सामाजिक संगठनों से अपील करते हुए कहा कि वो इस अभियान में उनका साथ दें. जिससे सरकार पर दबाव बढ़े. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर चार अगस्त तक उचित निर्णय नहीं लेती है. तो पांच अगस्त से वो पलवल लघु सचिवालय पर शांतिपूर्ण ढंग से आमरण अनशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अनशन के दौरान कोरोना वायरस को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा.