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पलवलः कृषि यंत्रों की मार्केट बंद होने से किसान परेशान, नहीं मिल रहा सामान

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Published : Apr 18, 2020, 10:10 AM IST

लॉकडाउन के दूसरे चरण में कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानों को खोलने की छूट दी गई है. यह छूट 20 अप्रैल से शुरू होगी यानी कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानें 20 अप्रैल से खुलनी शुरू हो जाएंगी. लेकिन उससे पहले किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Palwal Farmers
कृषि यंत्रों की दुकानें खोलने की दी गई है छूट

नई दिल्ली/पलवलः कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण चालू है. वहीं रबी की फसलों की कटाई का सीजन है. किसान को जहां एक तरफ गेहूं की कटाई कर रहा है. वहीं उसे अगली फसल के लिए भी खेत तैयार करनी है.

कृषि यंत्रों की दुकानें खोलने की दी गई है छूट

ऐसे में किसानों को कृषि यंत्रों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, किसान अपने पास मौजूद पुराने कृषि यंत्रों की रिपेयरिंग भी इसी समय कराता है. लेकिन कृषि यंत्रों की दुकानें बंद होने के चलते किसानों को जरूरी सामान नहीं मिल रहा है और किसान मार्केट में भटक रहा है.

कृषि यंत्रों की दुकानें खोलने की दी गई है छूट

गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक लॉकडाउन के दूसरे चरण में कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानों को खोलने की छूट दी गई है. यह छूट 20 अप्रैल से शुरू होगी यानी कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानें 20 अप्रैल से खुलनी शुरू हो जाएंगी. लेकिन उससे पहले किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं हो पा रही है किसानों के यंत्रों की सर्विस

किसान चोरी छुपे ट्रैक्टर इत्यादि के पार्ट खरीदने के लिए मार्केट जा रहे हैं. लेकिन मार्केट बंद मिलने से मायूस होकर घर वापस लौट रहे हैं. वहीं कुछ किसान ऐसे हैं जिनके दुकानदारों से व्यक्तिगत संबंध है तो वो किसानों के फोन करने पर जरूरी सामान तो उपलब्ध करा रहे हैं. लेकिन उनके यंत्रों की सर्विस नहीं कर पा रहे हैं.

लगातार बढ़ती जा रही है किसानों की परेशानी

दुकानदार जितना हो सकता है किसानों की समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मार्केट पूरी तरह से खुली ना होने के कारण वो भी किसान की ज्यादा मदद नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है.

नई दिल्ली/पलवलः कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण चालू है. वहीं रबी की फसलों की कटाई का सीजन है. किसान को जहां एक तरफ गेहूं की कटाई कर रहा है. वहीं उसे अगली फसल के लिए भी खेत तैयार करनी है.

कृषि यंत्रों की दुकानें खोलने की दी गई है छूट

ऐसे में किसानों को कृषि यंत्रों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, किसान अपने पास मौजूद पुराने कृषि यंत्रों की रिपेयरिंग भी इसी समय कराता है. लेकिन कृषि यंत्रों की दुकानें बंद होने के चलते किसानों को जरूरी सामान नहीं मिल रहा है और किसान मार्केट में भटक रहा है.

कृषि यंत्रों की दुकानें खोलने की दी गई है छूट

गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक लॉकडाउन के दूसरे चरण में कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानों को खोलने की छूट दी गई है. यह छूट 20 अप्रैल से शुरू होगी यानी कृषि यंत्रों से जुड़ी दुकानें 20 अप्रैल से खुलनी शुरू हो जाएंगी. लेकिन उससे पहले किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं हो पा रही है किसानों के यंत्रों की सर्विस

किसान चोरी छुपे ट्रैक्टर इत्यादि के पार्ट खरीदने के लिए मार्केट जा रहे हैं. लेकिन मार्केट बंद मिलने से मायूस होकर घर वापस लौट रहे हैं. वहीं कुछ किसान ऐसे हैं जिनके दुकानदारों से व्यक्तिगत संबंध है तो वो किसानों के फोन करने पर जरूरी सामान तो उपलब्ध करा रहे हैं. लेकिन उनके यंत्रों की सर्विस नहीं कर पा रहे हैं.

लगातार बढ़ती जा रही है किसानों की परेशानी

दुकानदार जितना हो सकता है किसानों की समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मार्केट पूरी तरह से खुली ना होने के कारण वो भी किसान की ज्यादा मदद नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है.

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