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हरियाणा और राजस्थान के बीच मील का पत्थर साबित होगी ये सड़क, जानें अहमियत - nuh bhiwadi road

अरावली की पहाड़ियों के बीच से बनने वाली सड़क हरियाणा और राजस्थान के लिए काफी अहम है. दो दशक के लंबे संघर्ष के बाद अब सड़क का निर्माण दोबारा से शुरू हुआ है. ये निर्माणाधीन सड़क नूंह जिले के नगीना कस्बे को राजस्थान के तिजारा से जोड़ेगी. इस सड़क बनाने का सबसे ज्यादा फायदा नगीना और पिनगवां क्षेत्र के सवा सौ से अधिक गांवों को होगा.

nagina to tijara road construction
नूंह
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Published : Aug 9, 2020, 5:41 AM IST

नई दिल्ली/नूंह: दो दशक के लंबे संघर्ष के बाद नगीना से तिजारा सड़क का निर्माण अब फिर शुरू हो गया है. इस सड़क निर्माण के लिए 50 फीसदी पहाड़ की कटाई पूरी हो चुकी है. हरियाणा सरकार ने इस सड़क निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट रखा है. उधर राजस्थान सरकार ने भी सड़क निर्माण के लिए दोबारा से अनुमति दे दी है.

हरियाणा और राजस्थान के बीच मील का पत्थर साबित होगी ये सड़क, जानें अहमियत

सड़क निर्माण शुरू होने पर क्षेत्रवासियों ने सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग को बधाई दी है. इस सड़क बनाने का सबसे ज्यादा फायदा नगीना और पिनगवां क्षेत्र के सवा सौ से अधिक गांवों को होगा. यहां के युवा आसानी से साथ टपूकड़ा और भिवाड़ी में बने कारखानों में जाकर नौकरी कर सकेंगे.

मील का पत्थर साबित होगी सड़क

नोटकी गांव के सरपंच रिजवान महमूद बताते हैं कि गांव की सीमा से अरावली को काटकर सड़क बनाने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है. ये सड़क क्षेत्र के पिछड़ेपन दूर करने में मील का पत्थर साबित होगी. करीब दो दशक से लगातार नगीना-तिजारा सड़क निर्माण की लड़ाई युद्ध स्तर पर लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने बीजेपी सरकार का आभार जताया है.

जैन समाज के पूर्व प्रधान मुनीराम जैन बताते हैं कि जैन समुदाय का प्राचीन जैन मंदिर तिजारा में है. हजारों श्रद्धालु वहां हर साल जाते हैं और उन्हें बड़ी कठिनाई होती है. सीधा मार्ग बनने से सुविधा होगी इसलिए जैन समुदाय राजुद्दीन जंग का आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने दो दशक तक लगातार संघर्ष किया और निर्माण कार्य शुरू करा कर दम लिया.

सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि दो दशक लंबा संघर्ष नगीना से तिजारा सड़क को बनाने में लगा. जिसमें हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन पत्र, धरने प्रदर्शन और अनशन तक किए गए. राजुद्दीन ने बताया कि सबसे बड़ा फायदा युवाओं को रोजगार और किसानों को जमीन के दाम बढ़ने से फायदा होगा और 20 हजार से अधिक रिश्तेदारों से मिलने की अड़चन पहाड़ कटने के बाद खत्म होगी.

सिस्टम में उलझी रही ये सड़क

नगीना से तिजारा तक बनने वाली इस सड़क के लिए यहां के लोगों ने काफी संघर्ष किया है. ऐसा नहीं है कि ये सड़क निर्माण कभी राजनीतिक चर्चा में नहीं रहा. 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसकी घोषणा की, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. विधानसभा चुनाव से पहले 6 अगस्त 2014 को एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे बनाने का ऐलान किया, लेकिन ये सड़क फिरसे कागजी मामलों में उलझ कर रह गई.

फिर सरकार बदली और भाजपा सरकार में लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने 17 जनवरी 2015 को इसे बनाने का ऐलान किया. इसके बाद भी सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार इस सड़क को लेकर रैलियों में घोषणा करते रहे और आखिर में इसका निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ.

नई दिल्ली/नूंह: दो दशक के लंबे संघर्ष के बाद नगीना से तिजारा सड़क का निर्माण अब फिर शुरू हो गया है. इस सड़क निर्माण के लिए 50 फीसदी पहाड़ की कटाई पूरी हो चुकी है. हरियाणा सरकार ने इस सड़क निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट रखा है. उधर राजस्थान सरकार ने भी सड़क निर्माण के लिए दोबारा से अनुमति दे दी है.

हरियाणा और राजस्थान के बीच मील का पत्थर साबित होगी ये सड़क, जानें अहमियत

सड़क निर्माण शुरू होने पर क्षेत्रवासियों ने सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग को बधाई दी है. इस सड़क बनाने का सबसे ज्यादा फायदा नगीना और पिनगवां क्षेत्र के सवा सौ से अधिक गांवों को होगा. यहां के युवा आसानी से साथ टपूकड़ा और भिवाड़ी में बने कारखानों में जाकर नौकरी कर सकेंगे.

मील का पत्थर साबित होगी सड़क

नोटकी गांव के सरपंच रिजवान महमूद बताते हैं कि गांव की सीमा से अरावली को काटकर सड़क बनाने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है. ये सड़क क्षेत्र के पिछड़ेपन दूर करने में मील का पत्थर साबित होगी. करीब दो दशक से लगातार नगीना-तिजारा सड़क निर्माण की लड़ाई युद्ध स्तर पर लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने बीजेपी सरकार का आभार जताया है.

जैन समाज के पूर्व प्रधान मुनीराम जैन बताते हैं कि जैन समुदाय का प्राचीन जैन मंदिर तिजारा में है. हजारों श्रद्धालु वहां हर साल जाते हैं और उन्हें बड़ी कठिनाई होती है. सीधा मार्ग बनने से सुविधा होगी इसलिए जैन समुदाय राजुद्दीन जंग का आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने दो दशक तक लगातार संघर्ष किया और निर्माण कार्य शुरू करा कर दम लिया.

सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि दो दशक लंबा संघर्ष नगीना से तिजारा सड़क को बनाने में लगा. जिसमें हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन पत्र, धरने प्रदर्शन और अनशन तक किए गए. राजुद्दीन ने बताया कि सबसे बड़ा फायदा युवाओं को रोजगार और किसानों को जमीन के दाम बढ़ने से फायदा होगा और 20 हजार से अधिक रिश्तेदारों से मिलने की अड़चन पहाड़ कटने के बाद खत्म होगी.

सिस्टम में उलझी रही ये सड़क

नगीना से तिजारा तक बनने वाली इस सड़क के लिए यहां के लोगों ने काफी संघर्ष किया है. ऐसा नहीं है कि ये सड़क निर्माण कभी राजनीतिक चर्चा में नहीं रहा. 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसकी घोषणा की, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. विधानसभा चुनाव से पहले 6 अगस्त 2014 को एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे बनाने का ऐलान किया, लेकिन ये सड़क फिरसे कागजी मामलों में उलझ कर रह गई.

फिर सरकार बदली और भाजपा सरकार में लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने 17 जनवरी 2015 को इसे बनाने का ऐलान किया. इसके बाद भी सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार इस सड़क को लेकर रैलियों में घोषणा करते रहे और आखिर में इसका निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ.

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