नई दिल्ली/फरीदाबादः राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद अब फरीदाबाद के एकमात्र हॉस्पिटल बादशाह खान के 2019 के आंकड़ों के अनुसार 125 नवजातों की मौत के बाद सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.
फरीदाबाद के एकमात्र बादशाह खान अस्पताल में 1 जनवरी 2018 से लेकर अब तक 125 नवजात की मौत हो चुकी है. चिकित्सा अधिकारी इसे बेहद गंभीर स्थिति में लाए हुए बच्चों की संख्या बता रहे हैं, साथ ही चिकित्सा सुविधाओं का अभाव भी बता रहे हैं.
इसी को लेकर प्रधान चिकित्सा अधिकारी सविता यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 29 लाख की आबादी वाले इस शहर के बच्चों के इलाज के लिए केवल एक ही निक्को वॉर्ड की सुविधा अस्पताल के अंदर है. जिसमें बेड की भी संख्या काफी कम है,
वहीं उन्होंने कहा कि 1 साल में तकरीबन 2200 बच्चे इलाज के लिए एडमिट हुए थे. जिसमें से अधिकतर बच्चे बेहद नाजुक स्थिति में अस्पताल पहुंचे थे. इलाज के दौरान जिनके मौत हो गई.
'तमाम उन पहलुओं की गंभीरता से जांच करेंगे'
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे तमाम उन पहलुओं की गंभीरता से जांच करेंगे. जिस के कारण बच्चों का सही इलाज नहीं हो पाता और जिन संसाधनों की कमी अस्पताल के अंदर है. उसके बारे में सरकार को पत्र लिखकर बता दिया गया है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार की तरफ से जल्द ही सुविधा मुहैया करवा दी जाएंगी.