नई दिल्ली/फरीदाबाद: नगर निगम की लाख कोशिशों के बावजूद भी शहर की सफाई व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. शहर में सड़क हो या बाईपास, कॉलोनी हो या फिर सेक्टर सभी जगह कूड़े के ढेर देखने को मिल जाते हैं.
यूं तो कहने को निगम में 3400 सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन गंदगी देखकर तो यही लगता है कि ना सफाई कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और ना ही निगम अधिकारी.
फरीदाबाद की साफ-सफाई का जिम्मा चीनी कंपनी इकोग्रीन को दिया गया है. हर साल करोड़ों रुपये ये कंपनी लोगों से सफाई के नाम पर लेती है, लेकिन यहां समस्या ये है कि शहर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी तो इकोग्रीन के पास है और सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है. ऐसे में जब बात सफाई व्यवस्था की आती है तो दोनों ही एक दूसरे पर बात डालकर कन्नी काटते नजर आते हैं.
जब शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारी से बात की गई, तो उनका कहना था कि कूड़े के ढेर में शराबी आग लगाकर चले जाते हैं, जिससे शहर में प्रदूषण की समस्या बनती है. लेकिन इस दौरान उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि आखिर शहर की सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे क्यों हैं?
शहर में कूड़े के ढेर ना लगे इसके लिए नगर निगम लाखों का बिल बनाती है. इकोग्रीन कंपनी भी हर घर से महीने का 50 रुपये वसूलती है, लेकिन कूड़े की समस्या जस की तस बनी हुई है. ना तो ये शहर स्मार्ट बन पाया और ना ही साफ हो पाया.