ETV Bharat / city

सावन का चौथा और आखिरी सोमवार आज, जयकारों से गूंजे शिवालय - सावन का चौथा और आखिरी सोमवार आज

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये सोमवार सबसे शुभ और फलदायी माना जाता है. माना जाता है कि ज्येष्ठ नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने से हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है.

सावन का चौथा और आखिरी सोमवार आज etv bharat
author img

By

Published : Aug 12, 2019, 12:42 PM IST

Updated : Aug 12, 2019, 3:31 PM IST

नई दिल्ली/चंडीगढ़: आज सावन का चौथा और अंतिम सोमवार है. सावन का आखिरी सोमवार होने की वजह से मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ना सुबह से ही शुरू हो चुकी है. हरियाणा में भी सुबह से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है.

फलदायी है ये सोमवार
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये सोमवार सबसे शुभ और फलदायी माना जाता है. माना जाता है कि ज्येष्ठ नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने से हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है.

प्रदोष व्रत भी है आज
सावन के आखिरी सोमवार का महत्व प्रदोष व्रत होने के कारण और भी बढ़ गया है. सावन के सोमवार की तरह ही प्रदोष व्रत में भगवान शिव की ही पूजा की जाती है. ये पूजा शाम को होती है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है. इसे शुक्ल और कृष्ण दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है, इसलिए इसे तेरस भी कहा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के जितना पुण्य प्राप्त होता है.

नई दिल्ली/चंडीगढ़: आज सावन का चौथा और अंतिम सोमवार है. सावन का आखिरी सोमवार होने की वजह से मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ना सुबह से ही शुरू हो चुकी है. हरियाणा में भी सुबह से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है.

फलदायी है ये सोमवार
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये सोमवार सबसे शुभ और फलदायी माना जाता है. माना जाता है कि ज्येष्ठ नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने से हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है.

प्रदोष व्रत भी है आज
सावन के आखिरी सोमवार का महत्व प्रदोष व्रत होने के कारण और भी बढ़ गया है. सावन के सोमवार की तरह ही प्रदोष व्रत में भगवान शिव की ही पूजा की जाती है. ये पूजा शाम को होती है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है. इसे शुक्ल और कृष्ण दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है, इसलिए इसे तेरस भी कहा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के जितना पुण्य प्राप्त होता है.

Intro:Body:

sawan


Conclusion:
Last Updated : Aug 12, 2019, 3:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.