नई दिल्ली/पलवल: जिले में किसानों का रूझान केले की खेती की तरफ बढ़ रहा है. बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जिला बागवानी विभाग के पास वर्ष 2020 -21 के लिए पांच हेक्टेयर भूमि में केले की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. बागवानी विभाग द्वारा ये लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि जून और जुलाई के महीने में केले की रोपाई की जा सकती है. केले का एक पौधा 20 रुपये में आता है और एक एकड़ में करीब 1100 पौधे लगाए जाते हैं. प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की लागत आती है.
बागवानी विभाग द्वारा किसानों को केले की खेती करने के लिए एक एकड़ पर सोलह हजार से लेकर 20 हजार तक की अनुदान दिया जा रहा है. प्रथम वर्ष में किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जबकि दूसरे वर्ष 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. उन्होंने बताया कि बारह महीने में केले की फसल तैयार हो जाती है और 14 महीने में पौधों में फल आ जाता है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पलवल जिले में केले की खेती बेहत्तर तरीके से हो रही है. किसान केले की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान सुरेंद्र कांत ने बताया कि केले की फसल क्रेश क्रॉप के रूप में जानी जाती है. जिला बागवानी विभाग और किसान मित्रों के सहयोग से पिछले वर्ष डेढ एकड़ में केले की फसल लगाई थी. जिसमें 1800 केले के पौधे लगाए थे. केले की फसल तैयार होने पर उसमें से 1400 केले के पौधे बेच दिए. जिससे 3 लाख 65 हजार रूपये की आमदनी हुई है. जबकि 200 पेड़ अभी खेत में ही खड़े हैं.
किसान का कहना है कि वर्तमान में दो एकड़ में केले की नई फसल लगाई है. अबकी बार ये कोशिश है कि और अधिक अच्छी फसल प्राप्त कर सकें. उन्होंने बताया कि एक एकड़ मे केले की फसल लगाने पर किसान पांच लाख रूपये की आय प्राप्त कर सकता है. उन्होंने बताया कि केले के प्रदर्शन प्लांट को देखने के लिए अन्य किसान भी आते है. जिन्हें प्रशिक्षण देकर वो केले की फसल उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.