ETV Bharat / city

फरीदाबाद: आवारा पशु मुक्त शहर का था वादा, लाखों के खर्च के बाद भी नहीं बदले हालात - आवारा पशु मुक्त शहर

फरीदाबाद में हर जगह आवारा पशुओं की भरमार हो गई है. लोगों का कहना है कि शहर में गौशाला होने के बावजूद ये गाय सड़कों पर घूम रही है. दो साल पहले प्रशासन ने शहर को कैटल फ्री बनाने का वादा किया था लेकिन वादा कभी पूरा ही नहीं हो पाया.

फरीदाबाद में हर जगह आवारा पशुओं की भरमार
author img

By

Published : Sep 17, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 11:36 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: जिले में हर जगह आवारा पशुओं की भरमार हो गई है. इन आवारा पशुओं की वजह से सड़कों पर रोजाना दुर्घटना घटती है. फरीदाबाद में सड़क से लेकर कूड़ेदान तक हर जगह आपको आवारा पशु घूमते हुए दिख जाएंगे.

शहर को कैटल फ्री बनाने का किया था वादा

आपको बता दें कि अक्टूबर 2017 में शहर के नगर निगम कमिश्नर समीरपाल सरो ने एक प्रेस वार्ता करके कहा था कि जनवरी 2019 तक फरीदाबाद आवारा पशु मुक्त शहर हो जाएगा. इस घोषणा पर उन्होंने खूब वाहवाही लूटी थी. लेकिन 2017 से लेकर 2019 तक कुछ नहीं बदला. आवारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

रोजाना होती है सड़क दुर्घटना

आवारा पशुओं की वजह से सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन सरकार से लेकर प्रशासन और नगर निगम तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

प्रशासन कर रहा है अनदेखी

सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों की माने तो बाईपास पर आवारा गोवंश के चलते वो कई बार हादसे का शिकार होते-होते बच जाते हैं और कई बार तो हादसे हो भी चुके है. ये अनदेखी नगर निगम प्रशासन की निष्क्रियता को दिखाता है.

आवारा पशुओं की भरमार

गौशाला होने के बाद भी सड़कों पर गाय

शहर में दर्जनों की संख्या में गौशाला भी खुली हुई हैं, जिनके नाम पर लाखों रुपये का चंदा भी इकठ्ठा होता है और सरकार से भी पैसा मिलता है. लेकिन गाय सड़कों पर है और कूड़ा और पॉलीथीन खाने को मजबूर है.

शिकायतकर्ता ने कही ये बात

वहीं इस पूरे मामले में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता एलएन पराशर का कहना है कि सरकार अच्छी नीति बनाती है, लेकिन निचले स्तर के संबंधित अधिकारी सरकार की उन्हीं नीतियों को पलीता लगाते हुए धूमिल कर देते हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त और नगर निगम को लिखित में पत्र लिखकर शिकायत की है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: जिले में हर जगह आवारा पशुओं की भरमार हो गई है. इन आवारा पशुओं की वजह से सड़कों पर रोजाना दुर्घटना घटती है. फरीदाबाद में सड़क से लेकर कूड़ेदान तक हर जगह आपको आवारा पशु घूमते हुए दिख जाएंगे.

शहर को कैटल फ्री बनाने का किया था वादा

आपको बता दें कि अक्टूबर 2017 में शहर के नगर निगम कमिश्नर समीरपाल सरो ने एक प्रेस वार्ता करके कहा था कि जनवरी 2019 तक फरीदाबाद आवारा पशु मुक्त शहर हो जाएगा. इस घोषणा पर उन्होंने खूब वाहवाही लूटी थी. लेकिन 2017 से लेकर 2019 तक कुछ नहीं बदला. आवारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

रोजाना होती है सड़क दुर्घटना

आवारा पशुओं की वजह से सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन सरकार से लेकर प्रशासन और नगर निगम तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

प्रशासन कर रहा है अनदेखी

सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों की माने तो बाईपास पर आवारा गोवंश के चलते वो कई बार हादसे का शिकार होते-होते बच जाते हैं और कई बार तो हादसे हो भी चुके है. ये अनदेखी नगर निगम प्रशासन की निष्क्रियता को दिखाता है.

आवारा पशुओं की भरमार

गौशाला होने के बाद भी सड़कों पर गाय

शहर में दर्जनों की संख्या में गौशाला भी खुली हुई हैं, जिनके नाम पर लाखों रुपये का चंदा भी इकठ्ठा होता है और सरकार से भी पैसा मिलता है. लेकिन गाय सड़कों पर है और कूड़ा और पॉलीथीन खाने को मजबूर है.

शिकायतकर्ता ने कही ये बात

वहीं इस पूरे मामले में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता एलएन पराशर का कहना है कि सरकार अच्छी नीति बनाती है, लेकिन निचले स्तर के संबंधित अधिकारी सरकार की उन्हीं नीतियों को पलीता लगाते हुए धूमिल कर देते हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त और नगर निगम को लिखित में पत्र लिखकर शिकायत की है.

Intro:


एंकर :  24 अक्टूबर 2017 को फरीदाबाद के डिप्टीकमीश्नर एवं नगर निगम कमिश्नर समीरपाल सरो ने एक प्रेसवार्ता करके फरीदाबाद को आवारा पशु मुक्त शहर घोषित करके खूब वाह वाही लूटी थी, आलम यह हैै कि आज पूरेेे शहर में सैकड़ों की संख्या में गोवंश आवारा सड़कों पर  घूम रहा है जिसके चलते हैं  सड़कों से गुजरने वाले  वाहन चालकों को  परेशानी का सामना करना पड़ता है  तो वहीं कई बार  आवारा पशुओं की लड़ाई में  खामियाजा भी उठाना पड़ जाता है  पॉलिथीन मुक्त भारत की बात करने वाली  सरकार में  सैकड़ों गोवंश  पॉलिथीन खाता हुआ नजर आ रहा है मगर इस गंभीर समस्या की ओर  किसी भी संबंधित प्रशासनिक अधिकारी का  कोई ध्यान नहीं है  जिसके चलते हैं  बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान  एल एन पाराशर  ने  माननीय प्रधानमंत्री  मुख्यमंत्री  जिला उपायुक्त  और नगर निगम  को लिखित में  इन समस्याओं से  अवगत करवाया है  और शिकायत देते हुए कहा है कि  अगर कार्यवाही नहीं हुई  तो वह कानून का सहारा लेंगे । 


Body:वी ओ।।  गौर से देखिए इन दुर्लभ तस्वीरों को यह तस्वीरें उसी भाजपा सरकार के शासनकाल की हैं जो गाय गंगा गायत्री की बात करते हैं और पॉलिथीन मुक्त भारत बनाने की बात कर रहे हैं ये दर्जनों गाय फरीदाबाद के बाईपास रोड और सेक्टर 9 पॉश इलाके में कूड़े के ढेरों से गंदगी और पॉलिथीन खाने के लिए मजबूर हैं सड़कों पर आवारा घूम रहा गोवंश वाहन चालकों के लिए भी खतरा बना हुआ है आए दिन पशुओं की लड़ाई में वाहन चालकों को खामियाजा भुगतना पड़ता है आपको बता दें कि अक्टूबर 2017 में फरीदाबाद के जिला उपायुक्त और नगर निगम कमिश्नर रहे समीर पाल सरो ने शहर को आवारा पशु मुक्त शहर घोषित करके जमकर वाहवाही लूटी थी मगर वह बाबा इस सिर्फ कागजों तक सीमित रही और धरातल पर अभी भी सैकड़ों की संख्या में आवारा गोवंश घूम रहा है ।


सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों की माने तो बाईपास पर आवारा गोवंश के चलते कई बार हादसे का शिकार होते-होते बच जाते हैं और कई बार तो हादसे हो चुके हैं मगर संबंधित नगर निगम प्रशासन इस समस्या का कोई हल नहीं निकलता शहर में दर्जनों की संख्या में गौशाला में भी खुली हुई हैं जिनके नाम पर लाखों लाखों रुपए का चंदा भी एकट्टा होता है और सरकार से भी पैसा मिलता है।।


बाइट। वाहन चालक।


 वही इस पूरे मामले में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता एल एन पराशर की माने तो सरकार अच्छी नीति बनाती है मगर निचले स्तर के संबंधित अधिकारी सरकार की उन्हीं नीतियों को पलीता लगाते हुए धूमिल कर देती है ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में हो रहा है जिसके लिए उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री जिला उपायुक्त और नगर निगम को लिखित में पत्र लिखकर शिकायत की है।


बाइट । एलएन पराशर शिकायतकर्ता



Conclusion:hr_far_01_stray_animal_vis_bite_7203403
Last Updated : Sep 17, 2019, 11:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.