नई दिल्ली/फरीदाबाद: मृतका निकिता तोमर की श्रद्धांजलि सभी को लेकर निकिता के परिजन दो दिनों से जिला प्रशासन से अनुमति मांग रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा उन्हें लिखित में अनुमति नहीं दी जा रही थी. जिसे लेकर निकिता के परिजनों ने प्रेस कांफ्रेंस करने का निर्णय लिया. जिसके बाद उन्हें श्रद्धांजलि सभा के लिए अनुमति दे दी गई.
गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से मृतका निकिता तोमर के परिजन निकिता की श्रद्धांजलि सभा करने के लिए जिला प्रशासन से जगह की मांग कर रहे थे. निकिता के परिजनों ने जिला प्रशासन के सामने बल्लभगढ़ स्थित दशहरा मैदान की मांग की थी, लेकिन जिला प्रशासन उन्हें लिखित में किसी तरह की परमिशन नहीं दे रहा था.
जिसके बाद परिजनों ने फरीदाबाद में पत्रकारों से संपर्क कर उन्हें अपने घर बुलाया. जब इसकी सूचना प्रशासन को मिली. तो जिला प्रशासन ने उन्हें बल्लभगढ़ के सेक्टर दो स्थित एक सभागार में निकिता की श्रद्धांजलि सभा करने की अनुमति दे दी. साथ ही जिला प्रशासन ने कोविड-19 गाइडलाइंस का भी पालन करने का आग्रह किया है.
इस अवसर पर निकिता के मामा दल सिंह रावत ने बताया कि जिला उपायुक्त द्वारा उन्हें लिखित में श्रद्धांजलि सभा करने की अनुमति दे दी गई है. साथ ही उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस का धन्यवाद भी किया और कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की जरूरत उन्हें अनुमति ना मिलने पर पड़ी थी और अब अनुमति मिल गई है. इसलिए वो सभी संतुष्ट हैं.
क्या हुआ था वारदात वाले दिन?
निकिता तोमर हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में अग्रवाल कॉलेज में बीकॉम थर्ड ईयर की छात्रा थी. हत्याकांड वाले दिन निकिता अपनी सहेली के साथ पेपर देकर घर लौट रही थी. इसी दौरान एक कार निकिता के सामने आकर रुकी. ये वही कार थी जिसमें हत्या आरोपी तौसीफ और रेहान सवार थे. इससे पहले की निकिता कुछ समझ पाती, तौसीफ निकिता को कार के अंदर खींचने की कोशिश करता है.
जब तौसीफ निकिता को कार में नहीं बैठा पाया तो तौसीफ ने निकिता पर बंदूक तान दी. इस दौरान निकिता ने बचने की कोशिश भी की, लेकिन तौसीफ ने निकिता पर गोली चला दी. गोली निकिता के कंधे को चीरती हुई निकल गई. जिससे मौके पर ही निकिता की मौत हो गई.
निकिता के परिवार का आरोप है कि तौसीफ 2018 से निकिता के पीछे पड़ा था. वो निकिता पर शादी करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था, लेकिन निकिता बार-बार मना कर रही थी. 2018 में भी तौसीफ ने निकिता का अपहरण किया था, लेकिन उस दौरान दोनों परिवारों के बीच समझौता हो गया था. फिलहाल हत्या के इस मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.