नई दिल्ली/पलवल: पुलिस में केस दर्ज होने और लोक लाज के डर से एक दंपत्ति ने अपनी 17 साल की बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली. मरने वालों की पहचान करीमपुर गांव निवासी राकेश, विमलेश और प्रीति के रूप में हुई है.
तीनों के खिलाफ पिछले दिनों चांदहट थाने में दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी देकर आरएमपी डॉक्टर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज था. वहीं मृतकों के परिजनों का आरोप है कि तीनों को झूठे केस में फंसाया जा रहा था, जिसके डर से उन्होंने आत्महत्या की है. अब परिजन चांदहट थाने में मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
बता दें की गत 21 जुलाई को पलवल के छज्जू नगर निवासी ब्रह्मा की पत्नी ने एक रिकॉर्डिंग के आधार पर करीमपुर गांव निवासी राकेश, राकेश की पत्नी विमलेश और 17 वर्षीय बेटी प्रीति के खिलाफ हनी ट्रैप में फंसाने का दबाव बनाकर उत्पीड़न कर ब्लैकमेल और मरने के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के सिर्फ 6 दिन बाद ही राकेश, उसकी पत्नी और बेटी ने ट्रेन के आगे आकर खुदकुशी कर ली.
फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमोर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. साथ ही परिजनों के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.