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पलवल के अटोहां गांव में 27वें दिन भी जारी रहा किसानों का धरना

पलवल के अटोहां गांव मोड़ पर 27वें दिन भी किसानों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. किसानों ने सरकार से तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की है.

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पलवल के अटोहां गांव में 27वें दिन भी जारी रहा किसानों का धरना
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Published : Dec 29, 2020, 5:40 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले के नेशनल हाइवे -19 पर गांव अटोहां चौक स्थित कृषि बिलों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों का मनोबल दिन - प्रतिदिन बढ़ जा रहा है. ठंड व सर्द हवा भी उनके मनोबल को कम नहीं कर पाई रही है. किसानों की धरना स्थल पर 9वें दिन भी 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल जारी रही. बता दें कि, अटोहां गांव मोड़ पर किसानों का धरना पिछले 27 दिनों से चल रहा है.

किसानों का धरना

भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती है. तब तक उनका आंदोलन यूं ही जारी रहेगा. किसान नेता महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि चाहे समय कितना लगे, सरकार को किसानों की मांगे माननी ही होगी.

सरकार तीनों कानूनों को वापस लेकर स्थिति नॉर्मल करे: स्वामी श्रद्धानंद

सरकार को उनकी मांगों पर विचार करना ही होगा और जब तक सरकार इन्हें वापस नहीं ले लेती है. तब तक उनका आंदोलन यूं ही तेज गति से जारी रहेगा. वहीं किसानों के आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे स्वामी श्रद्धानंद ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आम लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. किसान अपनी जायज मांगों के लिए हड़ताल कर रहे हैं. इसलिए वो सरकार से कहना चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. ताकि स्थिति फिर से नॉर्मल हो सके.

गौरतलब है कि, पिछले 34 दिनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को लेकर केंद्र और किसानों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन ये वार्ता परवान नहीं चढ़ सकी है. 29 दिसंबर को फिर से किसानों और सरकार के बीच नए दौर की वार्ता होनी है. देखना ये होगा कि सरकार और किसानों के बीच होने वाली इस वार्ता में क्या निकलकर सामने आता है.

नई दिल्ली/पलवल: जिले के नेशनल हाइवे -19 पर गांव अटोहां चौक स्थित कृषि बिलों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों का मनोबल दिन - प्रतिदिन बढ़ जा रहा है. ठंड व सर्द हवा भी उनके मनोबल को कम नहीं कर पाई रही है. किसानों की धरना स्थल पर 9वें दिन भी 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल जारी रही. बता दें कि, अटोहां गांव मोड़ पर किसानों का धरना पिछले 27 दिनों से चल रहा है.

किसानों का धरना

भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती है. तब तक उनका आंदोलन यूं ही जारी रहेगा. किसान नेता महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि चाहे समय कितना लगे, सरकार को किसानों की मांगे माननी ही होगी.

सरकार तीनों कानूनों को वापस लेकर स्थिति नॉर्मल करे: स्वामी श्रद्धानंद

सरकार को उनकी मांगों पर विचार करना ही होगा और जब तक सरकार इन्हें वापस नहीं ले लेती है. तब तक उनका आंदोलन यूं ही तेज गति से जारी रहेगा. वहीं किसानों के आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे स्वामी श्रद्धानंद ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आम लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. किसान अपनी जायज मांगों के लिए हड़ताल कर रहे हैं. इसलिए वो सरकार से कहना चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. ताकि स्थिति फिर से नॉर्मल हो सके.

गौरतलब है कि, पिछले 34 दिनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को लेकर केंद्र और किसानों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन ये वार्ता परवान नहीं चढ़ सकी है. 29 दिसंबर को फिर से किसानों और सरकार के बीच नए दौर की वार्ता होनी है. देखना ये होगा कि सरकार और किसानों के बीच होने वाली इस वार्ता में क्या निकलकर सामने आता है.

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