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दिवाली के बाद आर-पार की लड़ाई के मूड में आशा वर्कर्स

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Published : Nov 11, 2020, 10:44 PM IST

फरीदाबाद में आशा वर्कर्स ने दिवाली के बाद आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर ली है. इस बाबत बुधवार को आशा वर्कर्स ने कैबिनेट मंत्री के कार्यालय में ज्ञापन भी सौंपा.

asha workers will do big protest
आर-पार की लड़ाई के मूड में आशा वर्कर्स

नई दिल्ली/फरीदाबाद: बुधवार को फरीदाबाद जिले की आशा वर्कर्स मार्च निकालते हुए कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय पहुंची और अपनी मांगों को लेकर मंत्री के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा. ये आशा वर्कर पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी थी और किसी भी सरकारी प्रतिनिधि की ओर से बातचीत का बुलावा ना मिलने पर आज कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन देने उनके कार्यालय पहुंची.

आर-पार की लड़ाई के मूड में आशा वर्कर्स

आशा वर्कर्स एसोसिएशन की प्रधान हेमलता ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से धरना दे रही हैं और अनेक बार जनप्रतिनिधियों को अपनी मांगों से अवगत भी कराया है, लेकिन सभी ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है.

उनकी मांगों को पूरा किसी ने नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी वे मंत्रियों के आश्वासन को मानकर शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं, लेकिन दीपावली के बाद सभी आशा वर्कर आर पार की लड़ाई लड़ेंगी. यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

ये हैं आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें-

  • जो मासिक वेतन से आधे पैसे काटे गए हैं सरकार उनको आशाओं के खाते में डाले.
  • जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए और एनएचएम को स्थाई किया जाए.
  • आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% तुरंत वापस किया जाए.
  • कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रु दिए जाएं.
  • गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के द्वारा पैनल हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा दी जाए.
  • ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए.
  • आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए.
  • 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए.
  • आशाओं को समुदायिक स्तरीय अस्थाई कर्मचारी बनाया जाए, वहीं जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: बुधवार को फरीदाबाद जिले की आशा वर्कर्स मार्च निकालते हुए कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय पहुंची और अपनी मांगों को लेकर मंत्री के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा. ये आशा वर्कर पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी थी और किसी भी सरकारी प्रतिनिधि की ओर से बातचीत का बुलावा ना मिलने पर आज कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन देने उनके कार्यालय पहुंची.

आर-पार की लड़ाई के मूड में आशा वर्कर्स

आशा वर्कर्स एसोसिएशन की प्रधान हेमलता ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से धरना दे रही हैं और अनेक बार जनप्रतिनिधियों को अपनी मांगों से अवगत भी कराया है, लेकिन सभी ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है.

उनकी मांगों को पूरा किसी ने नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी वे मंत्रियों के आश्वासन को मानकर शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं, लेकिन दीपावली के बाद सभी आशा वर्कर आर पार की लड़ाई लड़ेंगी. यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

ये हैं आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें-

  • जो मासिक वेतन से आधे पैसे काटे गए हैं सरकार उनको आशाओं के खाते में डाले.
  • जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए और एनएचएम को स्थाई किया जाए.
  • आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% तुरंत वापस किया जाए.
  • कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रु दिए जाएं.
  • गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के द्वारा पैनल हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा दी जाए.
  • ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए.
  • आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए.
  • 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए.
  • आशाओं को समुदायिक स्तरीय अस्थाई कर्मचारी बनाया जाए, वहीं जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.
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