नई दिल्ली/पलवल: एक तरफ तो युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार खेलो इंडिया मूवमेंट चला रही है. ताकि गांवों से प्रतिभावान खिलाड़ी निकलकर देश का नाम रोशन कर सकें.
वहीं पलवल के असावटी गांव के युवाओं के पास दौड़ने के लिए मैदान तक नहीं है. युवाओं ने कई बार गांव के सरपंच से मांग की कि पंचायत उनके लिए एक मैदान दे. जहां वो अपनी तैयारी कर सकें, लेकिन सरपंच साहब के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
गांव के युवा खिलाड़ी पुनीत कुमार ने कहा कि एक तरफ तो सरकार खेलों को बढ़ावा देने के दावे कर रही है. वहीं दूसरी तरफ गांवों के युवाओं को ना तो मैदान मुहैया करवाया जा रहा है और ना ही खेल से संबंधित सामान. अब सरकार ही बताए कि खिलाड़ी अपनी तैयारी कैसे करें.
वहीं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अमित कुमार ने कहा कि गांव में खेलों से संबंधित सामग्री उपलब्ध नहीं होने के चलते उनकी ट्रेनिंग पर काफी असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि उनके गांव के युवाओं का खेलों के प्रति काफी रुझान है, लेकिन उनका इस मुहिम में कोई साथ नहीं दे रहा है.
उन्होंने कहा कि वो खेलों में भाग लेकर अपने गांव, जिले व प्रदेश का नाम रोशन करना चाहते है, लेकिन गांव में खेलों से संबंधित सामग्री उपलब्ध नहीं होने के चलते उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी शिकायत भी कई बार गांव के सरपंच योगेश से कर चुके है, लेकिन बावजूद इसके आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
वहीं युवाओं के आक्रोश को देखते हुए सरपंच के पिता ब्रह्मजीत पोसवाल ने कहा कि गांव के युवाओं की जो भी मांगे हैं. उनको जल्द ही पूरा किया जाएगा.