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महिला दिवस: 'बेटों और भाइयों को सिखाएं महिलाओं की इज्जत करना'

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Published : Mar 9, 2020, 8:42 AM IST

महिलाओं का कहना था कि आज भी एक लड़की घर से निकलते समय डरती है. जब तक एक भी बेटी के मन से यह डर नहीं जाएगा. तब तक महिला दिवस सफल नहीं होगा.

international women's day 2020
international women's day 2020

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं ने अपने मुद्दों पर बात की. ईटीवी भारत से बात करते हुए महिलाओं ने खुलकर अपनी राय रखी और बताया कि कैसे समाज में अलग-अलग वर्ग, उम्र की महिलाओं के साथ भेदभाव किए जाते हैं. महिलाओं का कहना था कि आज भी एक लड़की घर से निकलते समय डरती है. जब तक एक भी बेटी के मन से यह डर नहीं जाएगा. तब तक महिला दिवस सफल नहीं होगा.

महिलाओं ने रखी अपनी राय



8 मार्च का दिन हर एक महिला ने अपने अपने तरीके से मनाया. शहीद राजगुरू कॉलेज की टीचर लक्ष्मी देवी ने कहा कि हम केवल 8 मार्च का ही दिन महिलाओं के सम्मान में नहीं समर्पित कर सकते. बल्कि हर एक दिन, साल के 365 दिन महिलाओं के सुरक्षा और उनके सम्मान में समर्पित होने चाहिए.

महिलाओं की करें इज्जत



'हर एक के जीवन में मां का किरदार अहम'

हाउस वाइफ गीतांजलि अग्रवाल ने कहा कि एक महिला के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण किरदार एक मां का होता है. क्योंकि वहीं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर अच्छा इंसान बना सकती है. इसके लिए जरूरी है कि हर एक मां अपने बच्चों के साथ अपने बेटों को भी महिलाओं की इज्जत करना सिखाए. उन्हें इतनी छूट ना दें कि वो बाहर जाकर किसी की बेटी पर नजर डाल सकें.




'बेटों को सिखाएं महिलाओं की इज्जत करना'

इसके अलावा पूर्णिमा का कहना था कि अब समय है कि अपने बेटों, भाइयों, पति को ये बताएं कि वो समाज में हर एक दूसरी महिला को इज्जत की नजर से अपनी बहन बेटी की तरह देखें. तभी समाज में महिलाओं के प्रति अपराध कम होंगे.

इसके अलावा पेशे से न्यूट्रिशनिस्ट शेफाली का कहना था की कई बार हम देखते हैं कि महिलाएं अपना अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखती हैं. लेकिन अगर महिलाओं को सशक्त बनना है, जिम्मेदार बनना है, तो जरूरी है कि वो खुद का ख्याल रखें और अपने खान-पान का ध्यान रखें.

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं ने अपने मुद्दों पर बात की. ईटीवी भारत से बात करते हुए महिलाओं ने खुलकर अपनी राय रखी और बताया कि कैसे समाज में अलग-अलग वर्ग, उम्र की महिलाओं के साथ भेदभाव किए जाते हैं. महिलाओं का कहना था कि आज भी एक लड़की घर से निकलते समय डरती है. जब तक एक भी बेटी के मन से यह डर नहीं जाएगा. तब तक महिला दिवस सफल नहीं होगा.

महिलाओं ने रखी अपनी राय



8 मार्च का दिन हर एक महिला ने अपने अपने तरीके से मनाया. शहीद राजगुरू कॉलेज की टीचर लक्ष्मी देवी ने कहा कि हम केवल 8 मार्च का ही दिन महिलाओं के सम्मान में नहीं समर्पित कर सकते. बल्कि हर एक दिन, साल के 365 दिन महिलाओं के सुरक्षा और उनके सम्मान में समर्पित होने चाहिए.

महिलाओं की करें इज्जत



'हर एक के जीवन में मां का किरदार अहम'

हाउस वाइफ गीतांजलि अग्रवाल ने कहा कि एक महिला के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण किरदार एक मां का होता है. क्योंकि वहीं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर अच्छा इंसान बना सकती है. इसके लिए जरूरी है कि हर एक मां अपने बच्चों के साथ अपने बेटों को भी महिलाओं की इज्जत करना सिखाए. उन्हें इतनी छूट ना दें कि वो बाहर जाकर किसी की बेटी पर नजर डाल सकें.




'बेटों को सिखाएं महिलाओं की इज्जत करना'

इसके अलावा पूर्णिमा का कहना था कि अब समय है कि अपने बेटों, भाइयों, पति को ये बताएं कि वो समाज में हर एक दूसरी महिला को इज्जत की नजर से अपनी बहन बेटी की तरह देखें. तभी समाज में महिलाओं के प्रति अपराध कम होंगे.

इसके अलावा पेशे से न्यूट्रिशनिस्ट शेफाली का कहना था की कई बार हम देखते हैं कि महिलाएं अपना अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखती हैं. लेकिन अगर महिलाओं को सशक्त बनना है, जिम्मेदार बनना है, तो जरूरी है कि वो खुद का ख्याल रखें और अपने खान-पान का ध्यान रखें.

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