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दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई

दिल्ली की कई यादगार चीजों में ‘रीगल’ सिनेमाघर ख़ास मुकाम रखता है. ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि उस जगह पर मल्टीप्लेक्स बनने वाला है. अब तक बन भी जाता अगर न्यायालय में मामला न जाता. इस मामले कि सुनवाई इसी महीने के 11 अप्रैल को होनी है.

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Published : Apr 1, 2022, 8:58 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की कई यादगार चीजों में ‘रीगल’ सिनेमाघर ख़ास मुकाम रखता है. ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि उस जगह पर मल्टीप्लेक्स बनने वाला है. अब तक बन भी जाता अगर न्यायालय में मामला न जाता. इस मामले कि सुनवाई इसी महीने के 11 अप्रैल को होनी है. आपको याद दिला दें कि ‘रीगल’ जो किसी जमाने में फिल्म और राजनैतिक जगत के बड़े दिग्गजों की पहली पसंद माना जाता था. उसका पर्दा बहुत पहले ही गिर चुका है. कहा जाता है कि रीगल कनॉट प्लेस के पुराने वजूद की याद दिलाता है.



रीगल सिनेमाघर की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर के कनॉट प्लेस इलाके में रीगल बिल्डिंग को सुरक्षित करने के लिए मरम्मत और संरचनात्मक परिवर्धन का निर्देश दिया था. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यह एक ऐतिहासिक इमारत है. इसकी संरचना को संरक्षित किया जाना चाहिए. जस्टिस संजीव सचेवा ने सिविल इंजीनियर विभाग व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया. इसमें सिफारिश की गई कि भवन संरचना का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और बिना किसी तदर्थ के संशोधन या मरम्मत को अंजाम दिया जाना चाहिए. इमारत के विश्लेषण को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि रीगल की इमारत लगभग 80 वर्ष पुरानी हो चुकी है. अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


1932 में बने रीगल सिनेमा को दिल्ली का सबसे पुराना सिंगल स्क्रीन थियेटर माना जाता है. कहते हैं कि इस सिनेमाघर में अगर कोई भी नई फिल्म लगती थी, तो दर्शकों का जन सैलाब कनॉट प्लेस में उमड़ पड़ता था. इस सिनेमाघर में कई सारे बॉक्स बने थे. जिनमें एक साथ अलग-अलग समूह के लोग फिल्मों का आनंद लेते थे. रीगल के बारे में एक किस्सा बहुत मशहूर है. जिसके तहत इसके ऊपर के भाग में कभी चवन्नी देकर लोग अपना मनपसंद गाना सुना करते थे. साथ ही फिल्म के ब्रेक के दौरान 2 रुपए में काफी व बिस्कुट का आनंद लिया करते थे.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


जिस जमाने में लोगों के पास अपनी गाड़ी नहीं होती थी और सार्वजानिक गाड़ियों का चलन था. उस जमाने में रीगल तमाम लोगों की जीविका का साधन हुआ करता था. वाहन चालक रीगल-रीगल कहकर अपनी सवारियों को बुलाया करते थे. कभी कनॉट प्लेस में रीगल का बोलबाला था. कुल मिलाकर रीगल जैसा रुतबा किसी भी दूसरे सिनेमाघर का नहीं था, ऐसा कहा जा सकता है.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


दिल्ली के रीगल सिनेमाघर की चर्चा दूर-दूर तक थी. मुंबई से कोई कलाकार दिल्ली आए और रीगल सिनेमा न आए ऐसा नहीं होता था. रीगल से सबसे ज्यादा लगाव कपूर खानदान को था. राजकपूर तो रीगल को अपना सबसे लकी सिनेमाघर मानते थे. उनकी ज्यादातर फिल्मों का मुहूर्त इसी रीगल सिनेमा में होता था. फिल्म के रिलीज़ होने से पहले राजकपूर अपने पूरे परिवार के साथ इस सिनेमाघर में हवन किया करते थे. इसके लिए पूरे सिनेमा हाल को फूलों से दुल्हन की तरह सजाया जाता था. ऋषि कपूर की पहली फिल्म बॉबी का भी प्रीमियर यहीं हुआ था.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई

आपको बता दें कि रीगल के बंद होने की खबर से ऋषि कपूर बहुत भावुक हुए और उन्होंने ट्विटर पर रीगल की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि ‘दिल्ली का एडियस रीगल थिएटर बंद हो रहा है. एक ऐसी जगह, जहां कपूर परिवार के सभी नाटक एवं सिनेमा प्रदर्शित किए गए’.

रीगल जब शुरू हुआ तो इसमें अंग्रेजी नाटकों का आयोजन भी होता था. जिसे देखने के लिए स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन जरूर जाते थे. यहां तक कि भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू को भी अक्सर यहां देखा जाता था. कहा जाता है कि फिल्म ‘दिल्ली चलो’ प्रधानमंत्री नेहरू ने रीगल में ही देखी थी. एक बार तो उनका पूरा मंत्रिमंडल ‘रीगल’ में फिल्म देखने गया था. इसके अलावा राजेंद्र प्रसाद से लेकर इंदिरा गांधी जैसी कई बड़ी राजनैतिक हस्तियों का पंसदीदा सिनेमाघर ‘रीगल’ ही था.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई
रीगल सिनेमा से जुड़ी ख़ास यादें
  • रीगल में राज कपूर की अंतिम फिल्म सत्यम् शिवम् सुंदरम् लगी थी, जो 25 हफ़्ते चली.
  • रीगल सिनेमा जाने-माने निर्माता निर्देशक वी. शांताराम का भी पसंदीदा सिनेमाघर था.
  • रीगल सिनेमा में 660 सीटें थीं, लेकिन उस जमाने में 800 से ज्यादा लोग बैठ सकते थे.
  • इस सिनेमा हाल में नेता बनने से पहले अमित शाह और अरविन्द केजरीवाल भी आया करते थे.
  • रीगल में लगने वाली आखिरी दो फिल्में, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’ थी.
  • इस मशहूर सिनेमा को जाने माने लेखक खुशवंत सिंह के पिता सरदार शोभ सिंह ने खोला था.
  • रीगल सिनेमा की डिजाइन वाल्टर स्काई जॉर्ज ने बनाया था.
  • मीना कुमारी की फिल्म ‘फूल और पत्थर’ ने यहां सिल्वर जुबली मनाई थी.
  • बॉबी के टिकट में इनाम के रूप में एक मोटर साइकिल रखी गई थी, जिसे रीगल के एक कर्मचारी ने जीता था.

नई दिल्ली : दिल्ली की कई यादगार चीजों में ‘रीगल’ सिनेमाघर ख़ास मुकाम रखता है. ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि उस जगह पर मल्टीप्लेक्स बनने वाला है. अब तक बन भी जाता अगर न्यायालय में मामला न जाता. इस मामले कि सुनवाई इसी महीने के 11 अप्रैल को होनी है. आपको याद दिला दें कि ‘रीगल’ जो किसी जमाने में फिल्म और राजनैतिक जगत के बड़े दिग्गजों की पहली पसंद माना जाता था. उसका पर्दा बहुत पहले ही गिर चुका है. कहा जाता है कि रीगल कनॉट प्लेस के पुराने वजूद की याद दिलाता है.



रीगल सिनेमाघर की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर के कनॉट प्लेस इलाके में रीगल बिल्डिंग को सुरक्षित करने के लिए मरम्मत और संरचनात्मक परिवर्धन का निर्देश दिया था. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यह एक ऐतिहासिक इमारत है. इसकी संरचना को संरक्षित किया जाना चाहिए. जस्टिस संजीव सचेवा ने सिविल इंजीनियर विभाग व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया. इसमें सिफारिश की गई कि भवन संरचना का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और बिना किसी तदर्थ के संशोधन या मरम्मत को अंजाम दिया जाना चाहिए. इमारत के विश्लेषण को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि रीगल की इमारत लगभग 80 वर्ष पुरानी हो चुकी है. अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


1932 में बने रीगल सिनेमा को दिल्ली का सबसे पुराना सिंगल स्क्रीन थियेटर माना जाता है. कहते हैं कि इस सिनेमाघर में अगर कोई भी नई फिल्म लगती थी, तो दर्शकों का जन सैलाब कनॉट प्लेस में उमड़ पड़ता था. इस सिनेमाघर में कई सारे बॉक्स बने थे. जिनमें एक साथ अलग-अलग समूह के लोग फिल्मों का आनंद लेते थे. रीगल के बारे में एक किस्सा बहुत मशहूर है. जिसके तहत इसके ऊपर के भाग में कभी चवन्नी देकर लोग अपना मनपसंद गाना सुना करते थे. साथ ही फिल्म के ब्रेक के दौरान 2 रुपए में काफी व बिस्कुट का आनंद लिया करते थे.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


जिस जमाने में लोगों के पास अपनी गाड़ी नहीं होती थी और सार्वजानिक गाड़ियों का चलन था. उस जमाने में रीगल तमाम लोगों की जीविका का साधन हुआ करता था. वाहन चालक रीगल-रीगल कहकर अपनी सवारियों को बुलाया करते थे. कभी कनॉट प्लेस में रीगल का बोलबाला था. कुल मिलाकर रीगल जैसा रुतबा किसी भी दूसरे सिनेमाघर का नहीं था, ऐसा कहा जा सकता है.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई


दिल्ली के रीगल सिनेमाघर की चर्चा दूर-दूर तक थी. मुंबई से कोई कलाकार दिल्ली आए और रीगल सिनेमा न आए ऐसा नहीं होता था. रीगल से सबसे ज्यादा लगाव कपूर खानदान को था. राजकपूर तो रीगल को अपना सबसे लकी सिनेमाघर मानते थे. उनकी ज्यादातर फिल्मों का मुहूर्त इसी रीगल सिनेमा में होता था. फिल्म के रिलीज़ होने से पहले राजकपूर अपने पूरे परिवार के साथ इस सिनेमाघर में हवन किया करते थे. इसके लिए पूरे सिनेमा हाल को फूलों से दुल्हन की तरह सजाया जाता था. ऋषि कपूर की पहली फिल्म बॉबी का भी प्रीमियर यहीं हुआ था.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई

आपको बता दें कि रीगल के बंद होने की खबर से ऋषि कपूर बहुत भावुक हुए और उन्होंने ट्विटर पर रीगल की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि ‘दिल्ली का एडियस रीगल थिएटर बंद हो रहा है. एक ऐसी जगह, जहां कपूर परिवार के सभी नाटक एवं सिनेमा प्रदर्शित किए गए’.

रीगल जब शुरू हुआ तो इसमें अंग्रेजी नाटकों का आयोजन भी होता था. जिसे देखने के लिए स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन जरूर जाते थे. यहां तक कि भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू को भी अक्सर यहां देखा जाता था. कहा जाता है कि फिल्म ‘दिल्ली चलो’ प्रधानमंत्री नेहरू ने रीगल में ही देखी थी. एक बार तो उनका पूरा मंत्रिमंडल ‘रीगल’ में फिल्म देखने गया था. इसके अलावा राजेंद्र प्रसाद से लेकर इंदिरा गांधी जैसी कई बड़ी राजनैतिक हस्तियों का पंसदीदा सिनेमाघर ‘रीगल’ ही था.

Will Delhi Regal Theater remain only history hearing will be held on April 11
दिल्ली का रीगल सिनेमाघर क्या केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, 11 अप्रैल को होगी सुनवाई
रीगल सिनेमा से जुड़ी ख़ास यादें
  • रीगल में राज कपूर की अंतिम फिल्म सत्यम् शिवम् सुंदरम् लगी थी, जो 25 हफ़्ते चली.
  • रीगल सिनेमा जाने-माने निर्माता निर्देशक वी. शांताराम का भी पसंदीदा सिनेमाघर था.
  • रीगल सिनेमा में 660 सीटें थीं, लेकिन उस जमाने में 800 से ज्यादा लोग बैठ सकते थे.
  • इस सिनेमा हाल में नेता बनने से पहले अमित शाह और अरविन्द केजरीवाल भी आया करते थे.
  • रीगल में लगने वाली आखिरी दो फिल्में, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’ थी.
  • इस मशहूर सिनेमा को जाने माने लेखक खुशवंत सिंह के पिता सरदार शोभ सिंह ने खोला था.
  • रीगल सिनेमा की डिजाइन वाल्टर स्काई जॉर्ज ने बनाया था.
  • मीना कुमारी की फिल्म ‘फूल और पत्थर’ ने यहां सिल्वर जुबली मनाई थी.
  • बॉबी के टिकट में इनाम के रूप में एक मोटर साइकिल रखी गई थी, जिसे रीगल के एक कर्मचारी ने जीता था.
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