नई दिल्ली: प्रॉपर्टी विवाद के चलते द्वारका में हुए डबल मर्डर में फरार चल रहे शूटर को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ढाई वर्ष से ज्यादा समय से फरार चल रहा था. आरोपी मनिरुल के पास से पुलिस ने एक कट्टा, दो जिंदा कारतूस और एक स्कूटी बरामद की है. उसके तीन साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
डबल मर्डर में वांछित शूटर गिरफ्तार, प्रॉपर्टी विवाद में ली जान - dwarka double murder case update
द्वारका में हुए डबल मर्डर में फरार चल रहे शूटर को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. उसके तीन साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
डबल मर्डर में वांछित शूटर गिरफ्तार, प्रॉपर्टी विवाद में ली बदमाशों की जान
नई दिल्ली: प्रॉपर्टी विवाद के चलते द्वारका में हुए डबल मर्डर में फरार चल रहे शूटर को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ढाई वर्ष से ज्यादा समय से फरार चल रहा था. आरोपी मनिरुल के पास से पुलिस ने एक कट्टा, दो जिंदा कारतूस और एक स्कूटी बरामद की है. उसके तीन साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
डीजीपी संजीव यादव के अनुसार, फरार चल रहे बदमाशों को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश संदीप उर्फ मेंटल और उसके साथी पवन की हत्या के मामले में शूटर लंबे समय से फरार चल रहा है. दोनों की रंजिश प्रदीप सोलंकी, मंजीत महाल और नीरज बवाना गैंग से प्रॉपर्टी को लेकर चल रही थी. दोनों के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा केस थे. मई 2018 में दोनों जमानत पर जेल से बाहर निकले थे और बामनोली गांव में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लगभग 25 गोलियां उन्हें मारी गई थी. घटना के समय वह दोनों द्वारका कोर्ट में पेशी पर जा रहे थे.
डबल मर्डर में गिरफ्तार हुए थे तीन आरोपी
इस बाबत हत्या का मामला द्वारका सेक्टर 23 थाने में दर्ज किया गया था. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला था कि राजीव उर्फ मोनू, अक्षय डागर, अर्जुन और उनके शूटर मनीरूल उर्फ मनी हत्या में शामिल थे. पोचनपुर गांव के संपत्ति को लेकर गैंगस्टर के बीच चल रही रंजिश के चलते इसे अंजाम दिया गया था. इस मामले में अर्जुन को लोकल पुलिस ने जबकि राजीव को स्पेशल सेल ने जून 2018 में गिरफ्तार किया था. वहीं अक्षय डागर की गिरफ्तारी पर 50,000 का इनाम घोषित था और उसे अक्टूबर 2018 में स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.
ढाई साल बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी
इस वारदात में मुख्य शूटर मनीरूल फरार चल रहा था. पुलिस काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. हाल ही में स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली कि वह नजफगढ़ इलाके में विरोधी गैंग पर हमला करने के मकसद से आएगा. इस जानकारी पर एसीपी संजय दत्त की देखरेख में इंस्पेक्टर मान सिंह और एसआई आनंद कुमार की टीम ने रात के समय छापा मारकर स्कूटी सवार मनीरूल को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान उसने गोली चलाई जो हवलदार जितेंद्र की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी. पुलिस की तरफ से सेल्फ डिफेंस में चार गोलियां हवा में चलाई गई और उसे पकड़ लिया गया. उसके पास से एक देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं.
जेल में हुआ गैंग में शामिल
आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि गैंगस्टर राजीव जेल में बंद नवीन खाती गैंग का सदस्य है. उसने संदीप मेंटल के साथ मिलकर पोचनपुर गांव में प्रॉपर्टी खरीदी थी. इसे लेकर उन दोनों के बीच झगड़ा हो गया. इस पर कुल 8 फ्लैट बनाए गए थे, जिसमें से संदीप मेंटल छह फ्लैट मांग रहा था. इस बात को लेकर उनके बीच झगड़ा हुआ और इसी झगड़े में उन्होंने संदीप मेंटल एवं उसके साथी की हत्या कर दी थी. गिरफ्तार किया गया आरोपी वर्ष 2005 में दिल्ली आया था. यहां आकर बुरी संगत में पड़कर चोरी करने लगा. जेल में रहने के दौरान राजीव उर्फ मोनू से वह संपर्क में आया. वह उसके लिए काम करने लगा. संदीप मेंटल और पवन की हत्या में वह शामिल रहा और इसके बाद से वह फरार चल रहा था.
डीजीपी संजीव यादव के अनुसार, फरार चल रहे बदमाशों को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश संदीप उर्फ मेंटल और उसके साथी पवन की हत्या के मामले में शूटर लंबे समय से फरार चल रहा है. दोनों की रंजिश प्रदीप सोलंकी, मंजीत महाल और नीरज बवाना गैंग से प्रॉपर्टी को लेकर चल रही थी. दोनों के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा केस थे. मई 2018 में दोनों जमानत पर जेल से बाहर निकले थे और बामनोली गांव में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लगभग 25 गोलियां उन्हें मारी गई थी. घटना के समय वह दोनों द्वारका कोर्ट में पेशी पर जा रहे थे.
डबल मर्डर में गिरफ्तार हुए थे तीन आरोपी
इस बाबत हत्या का मामला द्वारका सेक्टर 23 थाने में दर्ज किया गया था. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला था कि राजीव उर्फ मोनू, अक्षय डागर, अर्जुन और उनके शूटर मनीरूल उर्फ मनी हत्या में शामिल थे. पोचनपुर गांव के संपत्ति को लेकर गैंगस्टर के बीच चल रही रंजिश के चलते इसे अंजाम दिया गया था. इस मामले में अर्जुन को लोकल पुलिस ने जबकि राजीव को स्पेशल सेल ने जून 2018 में गिरफ्तार किया था. वहीं अक्षय डागर की गिरफ्तारी पर 50,000 का इनाम घोषित था और उसे अक्टूबर 2018 में स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था.
ढाई साल बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी
इस वारदात में मुख्य शूटर मनीरूल फरार चल रहा था. पुलिस काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. हाल ही में स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली कि वह नजफगढ़ इलाके में विरोधी गैंग पर हमला करने के मकसद से आएगा. इस जानकारी पर एसीपी संजय दत्त की देखरेख में इंस्पेक्टर मान सिंह और एसआई आनंद कुमार की टीम ने रात के समय छापा मारकर स्कूटी सवार मनीरूल को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान उसने गोली चलाई जो हवलदार जितेंद्र की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी. पुलिस की तरफ से सेल्फ डिफेंस में चार गोलियां हवा में चलाई गई और उसे पकड़ लिया गया. उसके पास से एक देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं.
जेल में हुआ गैंग में शामिल
आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि गैंगस्टर राजीव जेल में बंद नवीन खाती गैंग का सदस्य है. उसने संदीप मेंटल के साथ मिलकर पोचनपुर गांव में प्रॉपर्टी खरीदी थी. इसे लेकर उन दोनों के बीच झगड़ा हो गया. इस पर कुल 8 फ्लैट बनाए गए थे, जिसमें से संदीप मेंटल छह फ्लैट मांग रहा था. इस बात को लेकर उनके बीच झगड़ा हुआ और इसी झगड़े में उन्होंने संदीप मेंटल एवं उसके साथी की हत्या कर दी थी. गिरफ्तार किया गया आरोपी वर्ष 2005 में दिल्ली आया था. यहां आकर बुरी संगत में पड़कर चोरी करने लगा. जेल में रहने के दौरान राजीव उर्फ मोनू से वह संपर्क में आया. वह उसके लिए काम करने लगा. संदीप मेंटल और पवन की हत्या में वह शामिल रहा और इसके बाद से वह फरार चल रहा था.