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यमुना की सफाई को लेकर केंद्र ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी

केंद्र सरकार ने यमुना की सफाई (Cleaning Yamuna) में दिल्ली सरकार द्वारा बरती जा रही कोताही को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है.

केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
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Published : Jul 2, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: यमुना की सफाई (Cleaning Yamuna) में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार (Aam Aadmi Party Government) द्वारा बरती जा रही कोताही को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) ने कड़ी नाराजगी जताई है. इसको लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को एक पत्र लिखा है. इसमें यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण (Yamuna pollution increasing) का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा सफाई से संबंधित परियोजनाओं को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर, रोष व्यक्त किया है. उन्होंने पत्र में यमुना की सफाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए उम्मीद जताई है कि दिल्ली सरकार इस काम को प्राथमिकता देगी.


नाले में तब्दील हो गई है यमुना

गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्र में कहा है कि यमुना का, केवल दो फीसद दायरा ही दिल्ली में आता है, लेकिन यह महानगर, इसके 80 फीसद प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने यमुना को देश की पवित्रतम नदियों में से एक करार देते कहा कि केंद्र सरकार ने, इसकी सफाई के लिए विभिन्न 13 परियोजनाओं के लिए दिल्ली सरकार को 2,419 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई. इसके बावजूद नदी में प्रदूषण का जहर लगातार घुल रहा है. उन्होंने लिखा कि दिल्ली के 18 नालों से प्रतिदिन 3,500 मीलियन लीटर गंदा पानी, बगैर शोधन के यमुना में बहाया जाता है. असल में दिल्ली में आकर यह पवित्र नदी, किसी गंदे नाले में तब्दील हो गई है.

दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी



ये भी पढ़ेंःअनलॉक होते ही प्रदूषित होने लगी यमुना, पानी में अमोनिया के झाग



देरी से चल रही परियोजनाएं

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को, उनका चुनावी वायदा भी याद दिलाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यमुना न केवल साफ हो जाएगी, बल्कि लोग, इसके पानी में डूबकी भी लगा सकेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी हुआ नहीं. उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के लिए निर्धारित की गई सीवर ट्रीटमेंट परियोजनाएं बहुत देरी से चल रही हैं. केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को यमुना की सफाई से संबंधित 13 परियोजनाओं के लिए 2,419 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद प्रदान की और तय किया गया कि इन परियोजनाओं के माध्यम से 1,385 मीलियन लीटर सीवर के पानी को प्रतिदिन साफ कर यमुना में बहाया जाएगा, लेकिन ये परियोजनाएं समय रहते नहीं पूरी की जा सकीं. यह सभी परियाजनाएं 15 से 27 महीनों की देरी से चल रही हैं.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्र में लिखा कि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने 70 मीलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले कोरोनेशन, पिलर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को वित्तीय मदद देने की पहल की. केंद्र सरकार ने अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए इस परियोजना पर खर्च होने वाली कुल राशि का 50 फीसद बोझ अपने ऊपर पर ले लिया, ताकि इसको समय रहते पूरा किया जा सके, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड ने, इस परियोजना को भी पूरा करने में कोई तेजी नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि नजफगढ़ नाले की सफाई से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए, एनजीटी ने महज दो वर्ष का ही समय निर्धरित किया था, लेकिन चार साल की देरी हो जाने के बाद, इन परियोजनाओं को नहीं पूरा किया जा सका है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी

नई दिल्ली: यमुना की सफाई (Cleaning Yamuna) में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार (Aam Aadmi Party Government) द्वारा बरती जा रही कोताही को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) ने कड़ी नाराजगी जताई है. इसको लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को एक पत्र लिखा है. इसमें यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण (Yamuna pollution increasing) का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा सफाई से संबंधित परियोजनाओं को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर, रोष व्यक्त किया है. उन्होंने पत्र में यमुना की सफाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए उम्मीद जताई है कि दिल्ली सरकार इस काम को प्राथमिकता देगी.


नाले में तब्दील हो गई है यमुना

गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्र में कहा है कि यमुना का, केवल दो फीसद दायरा ही दिल्ली में आता है, लेकिन यह महानगर, इसके 80 फीसद प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने यमुना को देश की पवित्रतम नदियों में से एक करार देते कहा कि केंद्र सरकार ने, इसकी सफाई के लिए विभिन्न 13 परियोजनाओं के लिए दिल्ली सरकार को 2,419 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई. इसके बावजूद नदी में प्रदूषण का जहर लगातार घुल रहा है. उन्होंने लिखा कि दिल्ली के 18 नालों से प्रतिदिन 3,500 मीलियन लीटर गंदा पानी, बगैर शोधन के यमुना में बहाया जाता है. असल में दिल्ली में आकर यह पवित्र नदी, किसी गंदे नाले में तब्दील हो गई है.

दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी



ये भी पढ़ेंःअनलॉक होते ही प्रदूषित होने लगी यमुना, पानी में अमोनिया के झाग



देरी से चल रही परियोजनाएं

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को, उनका चुनावी वायदा भी याद दिलाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यमुना न केवल साफ हो जाएगी, बल्कि लोग, इसके पानी में डूबकी भी लगा सकेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी हुआ नहीं. उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के लिए निर्धारित की गई सीवर ट्रीटमेंट परियोजनाएं बहुत देरी से चल रही हैं. केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को यमुना की सफाई से संबंधित 13 परियोजनाओं के लिए 2,419 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद प्रदान की और तय किया गया कि इन परियोजनाओं के माध्यम से 1,385 मीलियन लीटर सीवर के पानी को प्रतिदिन साफ कर यमुना में बहाया जाएगा, लेकिन ये परियोजनाएं समय रहते नहीं पूरी की जा सकीं. यह सभी परियाजनाएं 15 से 27 महीनों की देरी से चल रही हैं.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्र में लिखा कि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने 70 मीलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले कोरोनेशन, पिलर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को वित्तीय मदद देने की पहल की. केंद्र सरकार ने अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए इस परियोजना पर खर्च होने वाली कुल राशि का 50 फीसद बोझ अपने ऊपर पर ले लिया, ताकि इसको समय रहते पूरा किया जा सके, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड ने, इस परियोजना को भी पूरा करने में कोई तेजी नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि नजफगढ़ नाले की सफाई से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए, एनजीटी ने महज दो वर्ष का ही समय निर्धरित किया था, लेकिन चार साल की देरी हो जाने के बाद, इन परियोजनाओं को नहीं पूरा किया जा सका है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर जताई कड़ी नाराजगी
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Last Updated : Jul 2, 2021, 5:27 PM IST
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