नई दिल्लीः 'हम अकेले चले थे जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग आते गए और कारवां बनता गया'. ये मुहावरा दिल्ली के इन तीन कोरोना योद्धाओं पर सही साबित होता है जिन्होंने कोरोना के खिलाफ युद्ध में जरूरतमंदों को खाना खिलाने की शुरुआत की थी और आज हजारों लोगों तक रोजाना खाना पहुचा रहे हैं.
तीन दोस्त मिलकर कर रहे नेकी
दरअसल पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार के रहने वाले वीरेन्द्र सचदेवा ने लॉकडाउन लगने से बाद अपने दो दोस्त राजीव और विजेंद्र के साथ मिलकर जरूरतमंदों को खाना खिलाने की शुरू की थी. धीरे-धीरे दर्जनों लोग जुड़ गए और अब वीरेंद्र सचवेदा की टीम रोजाना हजारों जरूरतमंदों को रोजाना खाना खिला रहे हैं.
कई संस्थाओं का मिला साथ
विरेंद्र सचदेवा और उनके दोस्तों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद लोगों की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने आपस में सहयोग कर लोगों को खाना खिलाने की शुरुआत की थी. लेकिन धीरे-धीरे आरडब्ल्यूए और सामाजिक संस्था के लोग जूड़ते गए और अब हजार से भी ज्यादा लोगों तक खाना पहुंचाया जाता है.
सचदेवा ने बताया कि खाना बनाने के लिए मयूर विहार फेज 1 में किचन की व्यवस्था की गई. खाना पकने के बाद पुलिस, सेवा भारती सहित दूसरी संस्थाओं के माध्यम से ज़रूरत मंदों तक खाना पहुचाया जाता है.
विजेंदर ने बताया कि एक ही तरह का खाना खाकर लोग बोर ना हो इसके लिए टेस्ट का ख्याल रखा जाता है. लोगों से पूछ कर खाने के मेन्यू में भी बदलाव किया जाता है.
जबतक लॉकडाउन तबतक जारी रहेगी सेवा
राजीव ने बताया कि जब तक लॉकडाउन लगा रहेगा तब तक वह लोग इसी तरीके से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाते रहेंगे. आपको बता दें कि वीरेंद्र सचदेवा और उनकी टीम की सराहना करने के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व सांसद महेश गिरी भी पहुच चुके हैं और उन्होंने रसोई में श्रम दान भी किया है.