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इंजीनियरों के लिए विधेयक की मांग, 2019 में विधेयक का मसौदा तैयार,मंत्रालय में लंबित - WFEO-CIC

भारत के शीर्ष इंजीनियरों के संगठन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस- शताब्दी समारोह 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. इस 36वें अधिवेशन का विषय " इंजीनियर्स के लिए व्यावहारिक प्रौद्योगिकी और पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था" है.

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Published : Dec 25, 2021, 10:06 AM IST

नई दिल्ली: करीब दो दशकों से लंबित इंजीनियर्स विधेयक का मामला 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस शताब्दी समारोह में उठाया जाएगा. भारत के शीर्ष इंजीनियरों के इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस शताब्दी समारोह 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है.

इस 36वें अधिवेशन का विषय "इंजीनियर्स के लिए व्यावहारिक प्रौद्योगिकी और पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था" है. तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत और विदेशों के शीर्ष इंजीनियर और दो केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के पदाधिकारियों ने गुरुवार को इंजीनियर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया को सूचित किया कि 26-28 दिसंबर को तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान ड्राफ्ट इंजीनियर्स बिल का मामला सामने आएगा.

36वीं भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का उद्घाटन भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय करेंगे और समापन भाषण शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान देंगे.
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया)(IEI) के निदेशक डॉ एच.आर.पी यादव ने बताया कि “हम साल 2000 से इंजीनियर्स बिल पर जोर दे रहे हैं. भारत में वकीलों, डॉक्टरों, आर्किटेक्ट्स, मेडिकल प्रोफेशनल और अन्य लोगों के लिए एक्ट है. लेकिन, इंजीनियरों के लिए कोई विधेयक नहीं है.

वो आगे कहते है कि यदि हमारे पास इंजीनियर्स अधिनियम होगा, तो आईईआई(IEI) को सभी इंजीनियरों को अपनी छत्रछाया में विनियमित करने का जनादेश दिया जा सकता है. डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2007 में तत्कालीन बिजली सचिव आर.वी. शाही के हस्ताक्षर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (ministry of human resource development) को एक मसौदा इंजीनियर विधेयक पेश किया गया था. जिसे इंजीनियर विधेयक का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. तब आरएन राजपूत ने आईईआई समिति का प्रतिनिधित्व किया था. इसके बाद, एआईसीटीई(All India Council for Technical Education) को एमएचआरडी(MHRD) ने जनादेश दिया था. जिसमें आईआईटी मद्रास(IIT Madras) के निदेशक प्रोफेसर आनंद की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति का गठन किया गया. इस समिति ने साल 2019 में एक पेशेवर इंजीनियर बिल का मसौदा तैयार किया और इसे एमएचआरडी को प्रस्तुत किया था. तब से यह बिल मंत्रालय के पास पड़ा है और इसपर कोई प्रगति नहीं हुई है.

ये भी पढे़ं: वीडियो: स्मृति ईरानी से पानी मांगने पहुंची महिलाओं को भाजपाइयों ने पीटा


मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, मेजर जनरल एमजेएस स्याली, वीएसएम (सेवानिवृत्त), सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ने कहा कि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) 1987 से हर साल इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस का आयोजन कर रहा है. भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का उद्देश्य इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों को सामने लाना और देश के सतत विकास के लिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे इंजीनियरों को तैयार करना है.

यह अधिवेशन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के दिल्ली स्टेट सेंटर ने आयोजित किया है. इस दौरान चार प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा. आठ प्रख्यात इंजीनियर भारतीय इंजीनियरिंग के महानायकों की स्मृति में व्याख्यान भी देंगे. इसके साथ संचार और सूचना इंजीनियरिंग (WFEO-CIC) पर इंजीनियरिंग संगठन समिति के विश्व संघ की एक तकनीकी बैठक भी शामिल है, जहां विभिन्न देशों के प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है.


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नई दिल्ली: करीब दो दशकों से लंबित इंजीनियर्स विधेयक का मामला 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस शताब्दी समारोह में उठाया जाएगा. भारत के शीर्ष इंजीनियरों के इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस शताब्दी समारोह 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है.

इस 36वें अधिवेशन का विषय "इंजीनियर्स के लिए व्यावहारिक प्रौद्योगिकी और पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था" है. तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत और विदेशों के शीर्ष इंजीनियर और दो केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के पदाधिकारियों ने गुरुवार को इंजीनियर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया को सूचित किया कि 26-28 दिसंबर को तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान ड्राफ्ट इंजीनियर्स बिल का मामला सामने आएगा.

36वीं भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का उद्घाटन भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय करेंगे और समापन भाषण शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान देंगे.
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया)(IEI) के निदेशक डॉ एच.आर.पी यादव ने बताया कि “हम साल 2000 से इंजीनियर्स बिल पर जोर दे रहे हैं. भारत में वकीलों, डॉक्टरों, आर्किटेक्ट्स, मेडिकल प्रोफेशनल और अन्य लोगों के लिए एक्ट है. लेकिन, इंजीनियरों के लिए कोई विधेयक नहीं है.

वो आगे कहते है कि यदि हमारे पास इंजीनियर्स अधिनियम होगा, तो आईईआई(IEI) को सभी इंजीनियरों को अपनी छत्रछाया में विनियमित करने का जनादेश दिया जा सकता है. डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2007 में तत्कालीन बिजली सचिव आर.वी. शाही के हस्ताक्षर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (ministry of human resource development) को एक मसौदा इंजीनियर विधेयक पेश किया गया था. जिसे इंजीनियर विधेयक का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. तब आरएन राजपूत ने आईईआई समिति का प्रतिनिधित्व किया था. इसके बाद, एआईसीटीई(All India Council for Technical Education) को एमएचआरडी(MHRD) ने जनादेश दिया था. जिसमें आईआईटी मद्रास(IIT Madras) के निदेशक प्रोफेसर आनंद की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति का गठन किया गया. इस समिति ने साल 2019 में एक पेशेवर इंजीनियर बिल का मसौदा तैयार किया और इसे एमएचआरडी को प्रस्तुत किया था. तब से यह बिल मंत्रालय के पास पड़ा है और इसपर कोई प्रगति नहीं हुई है.

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मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, मेजर जनरल एमजेएस स्याली, वीएसएम (सेवानिवृत्त), सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ने कहा कि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) 1987 से हर साल इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस का आयोजन कर रहा है. भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का उद्देश्य इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों को सामने लाना और देश के सतत विकास के लिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे इंजीनियरों को तैयार करना है.

यह अधिवेशन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के दिल्ली स्टेट सेंटर ने आयोजित किया है. इस दौरान चार प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा. आठ प्रख्यात इंजीनियर भारतीय इंजीनियरिंग के महानायकों की स्मृति में व्याख्यान भी देंगे. इसके साथ संचार और सूचना इंजीनियरिंग (WFEO-CIC) पर इंजीनियरिंग संगठन समिति के विश्व संघ की एक तकनीकी बैठक भी शामिल है, जहां विभिन्न देशों के प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है.


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