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बैंक से 01 करोड़ 96 लाख की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार - 01 करोड़ 96 लाख की धोखाधड़ी

राजधानी दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने बैंक से 01 करोड़ 96 लाख की धोखाधड़ी करने वाले परिवार को गिरफ्तार किया है. इन्होंने बैंक में फर्जी कागजात पर लोन हासिल किया और बाद में फरार हो गए. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

family arrested for bank fraud delhi
बैंक धोखाधड़ी परिवार गिरफ्तार
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Published : Aug 29, 2022, 11:12 AM IST

नई दिल्ली: आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस ने धोखाधड़ी करने के आरोप में एक परिवार को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मिल कर पहले तो प्रॉपर्टी परचेज का फर्जी कागजात बनाया और फिर उसे बैंक के पास गिरवी रख कर 01 करोड़ 96 लाख लोन लेकर बैंक के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया. डीसीपी ईओडब्ल्यू रवि कुमार सिंह के अनुसार, मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, गुरप्रीत सिंह, भूपिंदर सिंह और सुखवंत कौर के रूप (three arrested bank fraud delhi) में हुई है. ये सभी हरि नगर के आनंद विहार के रहने वाले हैं. आरोपी भूपिंदर सिंह और सुखवंत कौर पति-पत्नी हैं जबकि गुरप्रीत सिंह उनका बेटा है.

डीसीपी के मुताबिक, पंजाब नेशनल बैंक ने ईओडब्ल्यू पुलिस को दी गई शिकायत में बताया की गुरप्रीत सिंह और सुखवंत कौर ने जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित आई-34 प्रॉपर्टी के सेल डीड के आधार पर एक करोड़ 96 लाख रुपए का लोन लिया था. इसके लिए उन्होंने कथित बिक्रीकर्ता महिला अबनाश कौर के साथ, उक्त प्रॉपर्टी के लिए किए गए सेल डीड एग्रीमेंट को आधार बनाया था.

बैंक ने वेरिफिकेशन के बाद, उक्त प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर उन्हें 01 करोड़ 96 लाख रुपये लोन मंजूर कर दिया, लेकिन लोन की कुछ ईएमआई के भुगतान के बाद उन्होंने भुगतान करना बंद कर दिया. इसके बाद बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए, जब उक्त प्रॉपर्टी पर प्रतीकात्मक कब्जा लेने की कार्रवाई की, तो बैंक को पता चला कि 2017 में लोन लेने के लिए अबनाश कौर की जगह पर किसी अन्य महिला को बैंक के सामने प्रस्तुत किया था. संज्ञेय अपराध की शिकायत पर 19 अगस्त 2020 में ईओडब्ल्यू पुलिस में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.

इसके लिए, एसीपी ईओडब्ल्यू वीरेंद्र कादियान की देखरेख में इंस्पेक्टर नवीन दहिया, एसआई सुरजीत, एएसआई मंजू, हेड कॉन्स्टेबल मनोज और अन्य की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों को पकड़ने के लिए लगाया गया था. जांच के दौरान ईओडब्ल्यू पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने 04 अगस्त 2017 को अबनाश कौर और आरोपियों के बीच किए गए सेल डीड के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से 01 करोड़ 96 लाख रुपये का लोन लिया, जबकि अबनाश कौर की 2015 में ही मृत्यु हो चुकी थी, और उन्होंने किसी अन्य महिला को अबनाश कौर बता कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की.

यह भी पढ़ें-IAS अधिकारी ने भाई पर लगाए धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप

लोन की रकम में से 01 करोड़ 70 करोड़ रुपये आरोपियों ने एक फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था, जिसे फर्जी अबनाश कौर के नाम पर खोला गया था. उसके बाद आरोपियों ने उस एकाउंट से रकम को अपने एकाउंट में ट्रांसफर किया और लोन की कुछ ईएमआई के भुगतान के बाद उन्होंने जानबूझ कर ईएमआई का भुगतान करना बंद कर अपने पते से फरार हो गए. मामले की जांच और आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस ने आखिरकार उनका पता लगा कर हरि नगर के आनंद विहार स्थित उनके घर से उन्हें दबोच लिया. मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

नई दिल्ली: आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस ने धोखाधड़ी करने के आरोप में एक परिवार को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मिल कर पहले तो प्रॉपर्टी परचेज का फर्जी कागजात बनाया और फिर उसे बैंक के पास गिरवी रख कर 01 करोड़ 96 लाख लोन लेकर बैंक के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया. डीसीपी ईओडब्ल्यू रवि कुमार सिंह के अनुसार, मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, गुरप्रीत सिंह, भूपिंदर सिंह और सुखवंत कौर के रूप (three arrested bank fraud delhi) में हुई है. ये सभी हरि नगर के आनंद विहार के रहने वाले हैं. आरोपी भूपिंदर सिंह और सुखवंत कौर पति-पत्नी हैं जबकि गुरप्रीत सिंह उनका बेटा है.

डीसीपी के मुताबिक, पंजाब नेशनल बैंक ने ईओडब्ल्यू पुलिस को दी गई शिकायत में बताया की गुरप्रीत सिंह और सुखवंत कौर ने जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित आई-34 प्रॉपर्टी के सेल डीड के आधार पर एक करोड़ 96 लाख रुपए का लोन लिया था. इसके लिए उन्होंने कथित बिक्रीकर्ता महिला अबनाश कौर के साथ, उक्त प्रॉपर्टी के लिए किए गए सेल डीड एग्रीमेंट को आधार बनाया था.

बैंक ने वेरिफिकेशन के बाद, उक्त प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर उन्हें 01 करोड़ 96 लाख रुपये लोन मंजूर कर दिया, लेकिन लोन की कुछ ईएमआई के भुगतान के बाद उन्होंने भुगतान करना बंद कर दिया. इसके बाद बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए, जब उक्त प्रॉपर्टी पर प्रतीकात्मक कब्जा लेने की कार्रवाई की, तो बैंक को पता चला कि 2017 में लोन लेने के लिए अबनाश कौर की जगह पर किसी अन्य महिला को बैंक के सामने प्रस्तुत किया था. संज्ञेय अपराध की शिकायत पर 19 अगस्त 2020 में ईओडब्ल्यू पुलिस में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.

इसके लिए, एसीपी ईओडब्ल्यू वीरेंद्र कादियान की देखरेख में इंस्पेक्टर नवीन दहिया, एसआई सुरजीत, एएसआई मंजू, हेड कॉन्स्टेबल मनोज और अन्य की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों को पकड़ने के लिए लगाया गया था. जांच के दौरान ईओडब्ल्यू पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने 04 अगस्त 2017 को अबनाश कौर और आरोपियों के बीच किए गए सेल डीड के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से 01 करोड़ 96 लाख रुपये का लोन लिया, जबकि अबनाश कौर की 2015 में ही मृत्यु हो चुकी थी, और उन्होंने किसी अन्य महिला को अबनाश कौर बता कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की.

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लोन की रकम में से 01 करोड़ 70 करोड़ रुपये आरोपियों ने एक फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था, जिसे फर्जी अबनाश कौर के नाम पर खोला गया था. उसके बाद आरोपियों ने उस एकाउंट से रकम को अपने एकाउंट में ट्रांसफर किया और लोन की कुछ ईएमआई के भुगतान के बाद उन्होंने जानबूझ कर ईएमआई का भुगतान करना बंद कर अपने पते से फरार हो गए. मामले की जांच और आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस ने आखिरकार उनका पता लगा कर हरि नगर के आनंद विहार स्थित उनके घर से उन्हें दबोच लिया. मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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